दुरस्थ शिक्षा क्या होती है |Distance Education in Hindi
दूरस्थ शिक्षा Distance Eudcation in Hindiदुरस्थ शिक्षा क्या होती है
यह शिक्षा की वह प्रणाली है जिसमें शिक्षक तथा
शिक्षु को स्थान-विशेष अथवा समय-विशेष पर उपलब्ध होने की आवश्यकता नहीं होती। यह
प्रणाली अध्यापन तथा शिक्षण के तौर तरीकों तथा समय-निर्धारण के साथ-साथ गुणवत्ता संबंधी अपेक्षाओं से समझौता किए बना प्रवेश
मानदण्डों के संबंध में भी उदार है।
भारत की मुक्त शिक्षा तथा दूरस्थ शिक्षा
प्रणाली में राज्यों के मुक्त विश्विद्यालय, शिक्षा प्रदान करने वाली संस्थाएं तथा
विश्वविद्यालय शामिल हैं तथा इसमें दोहरी पद्धति के परम्परागत विश्वविद्यालयों के
पत्राचार पाठ्यक्रम संस्थान शामिल हैं। यह प्रणाली सतत शिक्षा, सेवारत कर्मियों में क्षमता उन्नायन
तथा शैक्षिक रूप से वंचित क्षेत्रों में रहने वाले शिक्षुओं के लिए गुणवत्तामूलक
तर्कसंगत शिक्षा के लिए अत्याधिक महत्वपूर्ण है। अतः हम कह सकते हैं कि शिक्षा की
नवीन संकल्पना दूरस्थ शिक्षा है।
दूरस्थ शिक्षा की परिभाषा Definition of Distance Education
मूर के अनुसार दूरस्थ शिक्षा की परिभाषा
दूरस्थ शिक्षा स्वअधिगम का एक व्यवस्थित तथा
संगठित स्वरूप है, जिसमें एक शिक्षक समूह द्वारा विद्यार्थियों को शैक्षिक परामर्श दिया
जाता है। अधिगम सामग्रियों को प्रस्तुत किया जाता है। विद्यार्थियों की सफलता को
उचित देखरेख में सुनिश्चित किया जाता है। यह कार्य लंबी दूरी तय करने वाले संचार
माध्यमों द्वारा संभव है।
बोर्ग होमर्ब के अनुसार दूरस्थ शिक्षा की परिभाषा
दूर
अध्ययन या दूर-पाठय एक ऐसा कृत्रिम अधिकगम अवसर है, जिसमें शिक्षार्थी और शिक्षा प्रदान
करने वाली संस्था के मध्य की भौतिक दूरी को एक कृत्रिम निर्देशक के द्वारा दूर कर
दिया जाता है।
दूरस्थ शिक्षा के मुख्य तथ्य Main Aspect of Distance Education
यह शिक्षा का स्वतंत्र अध्ययन है इसमें छात्र
अपनी बुद्धि तथा परिस्थिति के अनुसार स्वतः ही अध्ययन करता है। रेड़ियो, टीवी, पत्र, पत्रिकाओं, आॅनलाई वेबसाइट, यूट्यूब चैनल आदि इसके प्रमुख माध्यम
हैं। इसमें छात्र का विषय विशेषज्ञों से आमना-सामना नहीं होता है। तथा यह विश्व
स्तर पर फैली है। यह भारत जैसे विकासशील देश के लिए अत्यंत उपयोगी है। यह अनेक भाषाओं
में होती है।
दूरस्थ शिक्षा की विशेषताएं Characteristics of Distance Education
दूरस्थ शिक्षा में शैक्षिक तकनीकी के अनके
माध्यमों का प्रयोग किया जाता है। इसमें सम्प्रेषण प्रमुख है। छात्र जो कुछ
पढ़ता या सीखता है वह व्यक्तिगत अध्ययन पर
आधारित होता हैं
इस प्रणाली में ऐसी व्यवस्था रहती है कि छात्र
आवश्यकता पड़ने पर विशेषज्ञों तथा अध्यापकों से संपर्क कर सकें तथा अपनी समस्याओं
का हल निकाल सकें।
यह शिक्षा प्रणाली सबसे सस्ती है।
भारत के संदर्भ में दूरस्थ शिक्षा की आवश्यकता Need of Distance Education in India
- शिक्षा के उन्नत तकनीकी या प्रोद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए।
- औद्योगिक कौशलों की अभिवृद्धि के लिए।
- स्त्री शिक्षा के लिए।
- जीवनपर्यंत शिक्षा के लिए।
- विद्यार्थियों की बदलती आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए।
- शिक्षा का सार्वभौमिकरण के लिए।
- मितव्ययी शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए।
- निरक्षरता उन्मूलन तथा सत्त शिक्षा के लिए।
- शिक्षा की बढ़ती मांग की पूर्ति के लिए।
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