फैराडे के वैद्युत अपघटन के नियम |Faraday's Law of Electrolysis in Hindi



फैराडे के वैद्युत अपघटन के नियम Faraday's Law of Electrolysis 

Faraday's Law of Electrolysis in Hindi


फैराडे के विद्युत अपघटन का प्रथम नियम लिखिए ?

सन् 1883 में अंग्रेज वैज्ञानिक माइकल फैराड़े ने वैद्युत अपघटन संबंधी दो नियम प्रस्तुत किये जिन्हें फैराड़े के वैधुत अपघटन के नियम कहते हैं-

फैराडे का प्रथम नियम

फैराडे का प्रथम नियम क्या है

वैद्युत अपघटन की क्रिया में किसी इलेक्ट्रोड पर मुक्त हुए पदार्थ का द्रव्यमान विद्युत अपघट्य में प्रवाहित आवेश के अनुक्रमानुपाती होता है।

यदि किसी विद्युत अपघट्य में q आवेश प्रवाहित करने पर किसी इलेक्ट्रोड पर मुक्त हुए पदार्थ का द्रव्यमान m हो तो इस नियम के अनुसार-

m ∝ q

or

m = Zq  ...(1)

जहाँ Z एक अनुपाती नियतांक है जिसे पदार्थ का विद्युत रासायनिक तुल्यांक कहते हैं।

यदि विद्युत् अपघट्य में I धारा T समय तक प्रवाहित हो तो


आवेश = धारा X समय

q = I X t


q का मान समीकरण 1 में रखने पर

m = Z.It........(2)

यदि q= 1 कूलाॅम हो तो समीकरण (1) से m =Z तथा ऐम्पियर तथा I = 1 सेकण्ड हो तो समीकरण (2) से

m=Z

अतः किसी पदार्थ का विद्युत रासायनिक तुल्यांक उस पदार्थ का वह द्रव्यमान है जो उस पदार्थ के विद्युत अपघट्य में 1 कूलाॅम आवेश अथवा 1 ऐम्पियर की धारा 1 सेकेण्ड तक प्रवाहित करने पर मुक्त होता है

फैराडे का द्वितीय नियम

यदि विभिन्न विद्युत अपघट्यों में समान आवेश अथवा समान प्रबलता की धारा समान समय तक प्रवाहित करने पर इलेक्ट्रोड़ों पर मुक्त हुए पदार्थों के द्रव्यमान क्रमशः m₁,m₂,m₃.....  हैं। यदि उनके रासायनिक तुल्यांक क्रमशः E₁,E₂,E₃.....हों तो, इस नियम के अनुसार-


m₁:m₂:m₃: .... = E₁:E₂:E₃: ....

OR 

m∝ E or m₁/m₂ = E₁/E


नोट- रासायनिक तुल्यांक को तुल्यांकी भार भी कहते हैं। यदि इसे ग्राम में व्यक्त किया जाये तो इसे ग्राम तुल्यांकी भार कहते हैं।


No comments:

Post a Comment

Powered by Blogger.