MP PSC Main 2018 Paper 1 Solution in Hindi | लोकसेवा आयोग मुख्य परीक्षा 2018 प्रथम प्रश्न पत्र एवं उत्तर
MP PSC Mains Solution in Hindi2018- Paper Firstलोकसेवा आयोग मुख्य परीक्षा 2018 प्रथम प्रश्न पत्र एवं उत्तर
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2018 खण्ड अ
अति लघुउत्तरीय प्रश्न
नोट- मुख्य परीक्षा प्रश्न के अंतर्गत 15 अति लघु-उत्तरीय प्रश्न पुछे जाते हैं
जिनके उत्तर 1 या 2 पंक्तियों में देना होता है। प्रत्येक प्रश्न तीन अंक इस प्रकार अति
लघुत्तरीय प्रश्न खंड-अ कुल 45
अंक का होता है। इस प्रश्न में आंतरिक विकल्प नहीं होते हैं।
मध्यप्रदेश राज्य सेवा मुख्य परीक्षा प्रथम
प्रश्न पत्र सामान्य अध्ययन के प्रश्न उत्तर को सुविधा की दृष्टि से अलग-अलग
आर्टिकल में बांटा गया है इस आर्टिकल में सामान्य अध्ययन प्रश्न प्रश्न पत्र खण्ड
अ के अति लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर दिये गये हैं।
(15
अति लघुत्तरीय प्रश्न)
1- इस प्रश्न में a से o तक कुल 15 अति लघु-उत्तरीय प्रश्न हें जिनके उत्तर 1 या दो पंक्तियों में देना है। आंतरिक विकल्प नहीं है। प्रत्येक प्रश्न 3 अंको का है-
कण्व वंश
कण्व वंश लगभग 73 ई.पू. से 28 ई.पू. शुंग वंश के बाद मगध का
शासनकर्ता वंश था। इस वंश की स्थापना वासुदेव ने की थी। वासुदेव शुंग वंश के अंतिम
राजा देवभूति का ब्राम्हण अमात्य था।
गौतमीपुत्र शातकर्णी
गौतमीपुत्र शातकर्णी सातवाहन वंश का सबसे महान
शासन थे। उन्होंने 25 वर्ष तक शासन किया था। साथ ही
साम्राज्य को विशाल कर एक अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई।
मौखरी राजवंश
मौखरी वंश का शासन गुप्त राजवंश के पतन के बाद
स्थापित हुआ था। मौखरी वंश के सामंत ने अपनी राजधानी कन्नौज को बनाई थी। कन्नौज का
प्रथम मौखरी वंश का सामंत हरि वर्मा था। उसने 510 ई.
में शासन किया था।
रेहला
किताब-उल-रेहला में मोरक्को वासी यात्री इब्न
बतूता की यात्रा वृतांत का विवरण प्राप्त होता है। 1333 ई. मे मुहम्मद तुगलक के समय भारत आया था। इसमें भारत की राजनीतिक
गतिविधियों एवं सामाजिक हालातों का वर्णन है।
राजकुमार शुक्ल
भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय बिहार के
चंपारण के निवासी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। नील की खेती करने वाले रैयत
राजकुमार शुक्ल के अनुरोध पर महात्मा गांधी चंपारण आए थे।
जैकोविन
फ्रांसीसी क्रांति के दौरान सबसे प्रभावशील
राजनीतिक क्लब था। जो स्वतंत्रता एंव समानता के लिए संघर्ष करते थे, जिन्हें आमतौर पर जैकाविन क्लब कहा
जाता था।
इरैज्मस
एक डच ईसाइ्र मानवतावादी था, जो उत्तरी पुनर्जागरण का सबसे बड़ा
विद्वान था।
एमिले
एमिल या आॅन एजुकेशन शिक्षा की प्रकृति और जीन
जैक्स रौसे द्वारा लिखे गए व्यक्ति की प्रकृति पर एक ग्रंथ है, जो इसे अपने सभी लेखों का सबसे अच्छा
और सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
जार एलेक्जेंडर द्वितीय
अलेक्जेंडर द्वितीय रूस का राजा था जो निकोलस
प्रथम का पुत्र था। क्रीमिया के युद्ध के समय गद्दी पर बैठा था। इतिहास में यह
मुक्तिदाता और महान सुधारों का युग प्रवर्तक के नाम से प्रसिद्ध है।
थाॅमस ब्रेसी
थाॅमस ब्रेसी एक अंग्रेजी सिविल इंजीनियरिंग
ठेकेदार और निर्माण सामग्री के निर्माता थे। 19वीं
शताब्दी में दुनिया के अधिकांश रेलवे बनाने के लिए जिम्मेदार थे।
खिज्र खाँ
सैय्यद वंश की स्थापना खिज्र खाँ ने की थी।
जिन्हें तैमूल के मुल्तान (पंजाब क्षेत्र) का राज्यपाल नियुक्त किया था। इन्होंने
दिल्ली की सत्ता दौलत खान लोदी से छीनकर सैय्यद वंश की स्थापना की थी।
तुलुव वंश
तुलुव वंश की स्थापना (1505-1570 ई.) नरसा नायक के पुत्र वीर नरसिंह ने
की थी। इतिहास में इसे द्वितीय ‘बलापहार‘ की संज्ञा दी गई है।
शहाबुद्दीन उमर
शहाबुद्दीन उमर खाॅन खिलजी राजवंश का तीसरा
सुल्तान और दिल्ली का 13वाॅ सुल्तान था। वह 1316 में मिबा अलाउद्दीन खिलजी की मौत के
बाद सिंहासन पर बैठाा था। वह सैन्य कमांडर मलिक कफूर की मदद से सुल्तान बना था।
रजिया बेगम
इल्तुतमिश की पुत्री जो 1236 से 1240 तक दिल्ली सल्तनत की सुल्तान रही। रजिया सुल्तान मुस्लिम व तुर्की
इतिहास की पहली महिला शासक थी।
नेडलीर की संधि
बुल्गारिया प्रथम विश्व युद्ध में पराजित केंद्रीय शक्तियों के एक होने के बाद न्यूमूली सूर-सीन की संधि में बुल्गारिया को विभिन्न क्षेत्रों को समर्पित करना पड़ा। इस कारण जो 27 नवंबर 1919 को फ्रांस के नेडली में सूर सीन में संधि की गई।
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