सेस क्या होता है | What is Cess in Hindi

सेस क्या होता है | What is Cess in Hindi

What is Cess in Hindi


उपकर क्या है 

  • केंद्र सरकार को करों (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों), अधिभार (Surcharge), शुल्क, उपकर, लेवी आदि के माध्यम से राजस्व जुटाने का अधिकार है।  
  • उपकर या सेस करदाता द्वारा अदा किये जाने वाले मूल कर (Tax) पर लगाया गया एक अतिरिक्त कर होता है।
  • उपकर मुख्यतः राज्य या केंद्र सरकार द्वारा किसी विशेष उद्देश्य के लिये फंड एकत्रित करने हेतु लागू किया जाता है।
  • उपकर सरकार के लिये राजस्व का स्थायी स्रोत नहीं होता है, निर्धारित लक्ष्य या उद्देश्य के पूरा होने के बाद इसे बंद कर दिया जाता है ।
  • गौरतलब है कि उपकर को सरकार द्वारा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कर दोनों पर लागू किया जा सकता है। 
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद-270 के तहत उपकर को  उन करों के विभाज्य पूल (Divisible Pool of Taxes) के दायरे से बाहर रखने की अनुमति दी गई है जिन्हें केंद्र सरकार को राज्यों के साथ साझा करना अनिवार्य है। 
  • विभाज्य पूल (Divisible Pool) सकल कर राजस्व (Gross Tax Revenue- GTR) का वह भाग होता है, जो केंद्र और राज्यों के बीच बाँटा जाता है। विभाज्य पूल निर्दिष्ट उद्देश्य के लिये लागू अधिभारों और उपकरों को छोड़कर सभी करों तथा निवल संग्रहण प्रभार से मिलकर बनता है। 

कर और उपकर में अंतर 

  • प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर (जीएसटी सहित) ऐसे कर हैं जहाँ इनके माध्यम से प्राप्त राजस्व को सरकार द्वारा सार्वजनिक उद्देश्य के किसी भी कार्य के लिये अलग-अलग तरीके से खर्च किया जा सकता है, वहीं उपकर एक विशेष उद्देश्य के लिये लागू होता है और उसी के लिये खर्च किया जा सकता है।
  • केंद्र सरकार को केंद्रीय करों से प्राप्त होने वाले राजस्व को राज्य सरकारों के साथ साझा करना अनिवार्य है, जबकि उपकर के मामले में ऐसी कोई अनिवार्यता नहीं है। 

भारत में लागू उपकरों का इतिहास

  • वर्ष 2018 की एक रिपोर्ट के अनुसार,  वर्ष 1944 से लेकर अब तक सरकार द्वारा 42 अलग-अलग उपकर लगाए जा चुके हैं।
  • स्वतंत्रता के पश्चात् लागू हुए उपकर शुरुआत में किसी विशेष उद्योग के विकास से संबंधित थे, उदाहरण के लिये वर्ष 1953 में लागू नमक और चाय उपकर। इसके बाद अधिकांश उपकर श्रम कल्याण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रेरित थे। उदाहरण के लिये वर्ष 1961 में लौह अयस्क खदान श्रम कल्याण उपकर तथा वर्ष 1972 का चूना पत्थर और डोलोमाइट खदान श्रम कल्याण उपकर आदि।
  • वर्ष 2017 में जीएसटी के लागू होने के बाद अधिकांश उपकरों को समाप्त कर दिया गया, अगस्त 2018 तक देश में मात्र 8 उपकर लागू थे।

No comments:

Post a Comment

Powered by Blogger.