मध्य प्रदेश के जल संसाधनों की समस्या | MP Me Jal Sansadhano Ki Samsya
मध्य प्रदेश के जल संसाधनों की समस्या MPPSC-2017
जल संसाधन पानी के वे स्त्रोत हैं, जो मानव के लिए उपयोगी हैं या जिनके
उपयोग की संभावना हो। पानी के उपयोग में शामिल है, कृषि, औद्योगिक घरेलू, मनोरंजन हेतु और पर्यावरणीय गतिविधियों
में वस्तुतः इन सभी मानवीय उपयोगों में से ज्यादातर में ताजे जल की आवश्कयता होती
है।
जल संसाधन पानी के वह स्रोत हैं जो मानव के लिए उपयोगी हों या जिनके उपयोग की संभावना हो। पानी के उपयोगों में शामिल हैं कृषि, औद्योगिक, घरेलू, मनोरंजन हेतु और पर्यावरणीय गतिविधियों में। वस्तुतः इन सभी मानवीय उपयोगों में से ज्यादातर में ताजे जल की आवश्यकता होती है।
म.प्र. के जल संसाधनों में शामिल हैं नदिया, तलाब, कुएं, नलकूप आदि। मध्य प्रदेश के जलसंसाधनों
से संबंधित प्रमुख समस्याएं इस प्रकार हैं-
अपर्याप्त वर्षा-
वैश्विक जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा में कमी
आई है। अपर्याप्त वर्षा के कारण जलसंसाधनों में जल भराव निरंतर कम होता जा रहा है
जिससे भू-जल चिंताजनक रूप से कम हो रहा है।
अतिदोहन
जल संसाधनों का घरेलू और कृषि तथा औद्योगिक
आवश्यकताओं की पूति के लिए अतिदोहन किया जा रहा है, इस वजह से पहले नदियों व
तालाबों का सूखना व कुओं व नलकूपों में जल स्तर का नीचे गिरना समस्या है।
जल प्रदूषण
तीव्र औद्योगिकरण व घर तथा उद्योग-धंधों से
निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों के सीधे जल-संसाधनों में मिलने से जल प्रदूषण की
समस्या उत्पन्न हो गई है। तथा जल संसाधन प्रदूषित हो गए हैं। अतः मध्य प्रदेश में
जल संसाधनों की प्रमुख समस्या है।
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