चर्चित व्यक्ति दिसम्बर 2020 | December 2020 Ke Charchit Vyakti

चर्चित व्यक्ति दिसम्बर 2020

December 2020 Ke Charchit Vyakti


आर्या राजेंद्रन

  • हाल ही में केरल की 21 वर्षीय युवा नेता आर्या राजेंद्रन ने केरल की सबसे बड़े शहरी निकाय तिरुवनंतपुरम निगम में महापौर के तौर पर शपथ ली है, जिसके साथ ही वे देश की सबसे युवा महापौर बन गई हैं। 
  • 21 वर्षीय आर्या राजेंद्रन तिरुवनंतपुरम के ऑल सेंट्स कॉलेज में B.Sc (मैथ्स) द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं। आर्या राजेंद्रन पाँचवीं कक्षा में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के युवा समूह बालसंगम में शामिल हुई थीं।
  • इसके पश्चात् उन्हें बालसंगम का ज़िला अध्यक्ष बनाया गया और वर्तमान में वे राज्य प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं।
  • बालसंगम में उनकी सक्रिय भूमिका को देखते हुए उन्हें स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (CPM स्टूडेंट्स विंग) में भी शामिल किया गया और वर्तमान में वे राज्य समिति का हिस्सा हैं। बालसंगम भारत में बच्चों का संगठन है। केरल में लगभग 20,000 इकाइयों में इसके एक लाख से अधिक सदस्य हैं। 

अनिल सोनी

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारतीय मूल के वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञ अनिल सोनी को WHO फाउंडेशन का पहला मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नियुक्त किया है। 
  • अनिल सोनी अगले वर्ष 01 जनवरी से पदभार संभालेंगे। ज्ञात हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने महामारी के दौर में वित्तीय चुनौतियों से निपटने के लिये WHO फाउंडेशन नाम से एक स्वतंत्र संस्था के गठन की घोषणा की थी और अनिल सोनी WHO फाउंडेशन के पहले मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।
  • WHO फाउंडेशन का प्राथमिक उद्देश्य आम जनता समेत वित्त के गैर-परंपरागत स्रोतों से वित्त एकत्रित करना है, ताकि महामारी के दौरान वित्तपोषण की कमी की समस्या को समाप्त किया जा सके। 
  • यह संस्था कानूनी तौर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन से अलग है और इसका मुख्यालय भी जिनेवा में ही स्थित है। 
  • इस संस्था का लक्ष्य WHO के योगदानकर्त्ताओं के आधार को और अधिक व्यापक बनाना है और इसके तहत आम जनता को भी शामिल करना है।


सर विलियम आर्थर लुईस

  • गूगल ने विश्व प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, प्रोफेसर और लेखक सर विलियम आर्थर लुईस को विशेष डूडल बनाकर सम्मानित किया है। 
  • 23 जनवरी, 1915 को कैरिबियाई द्वीप सेंट लूसिया में जन्मे आर्थर लुईस ने वर्ष 1932 में नस्लीय भेदभाव की चुनौतियों का सामना करते हुए सरकारी छात्रवृत्ति हासिल की, जिसके बाद वे उच्च शिक्षा के लिये लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स चले गए, जहाँ उन्होंने औद्योगिक अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। 
  • आगे चलकर आर्थर लुईस ने विश्व आर्थिक इतिहास और आर्थिक विकास जैसे विषयों में भी महत्त्वपूर्ण कार्य किया। इसके अलावा उन्होंने कैरेबियन डेवलपमेंट बैंक की स्थापना करने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, साथ ही वे इस बैंक के पहले अध्यक्ष भी थे। 
  • अर्थशास्त्र में उनकी उपलब्धियों को देखते हुए ब्रिटिश सरकार ने वर्ष 1963 में आर्थर लुईस को नाइटहुड की उपाधि से भी सम्मानित किया। 
  • वर्ष 1979 में 10 दिसंबर के दिन ही सर विलियम आर्थर लुईस को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उनके अग्रणी कार्य के लिये नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।


मंगलेश डबराल

  • हिंदी भाषा के लोकप्रिय कवि और साहित्यिक पत्रकार मंगलेश डबराल का 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। 
  • वर्ष 1948 में उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के काफलपानी गाँव में जन्मे मंगलेश डबराल 1960 के दशक के उत्तरार्द्ध  में दिल्ली आ गए थे और दिल्ली को ही उन्होंने अपनी कर्मभूमि बनाया।
  • भारत भवन से प्रकाशित होने वाली मासिक पत्रिका पूर्वाग्रहके संपादक के रूप में भोपाल जाने से पूर्व उन्होंने प्रतिपक्षऔर आसपासजैसे कई समाचार पत्रों में कार्य किया।
  • मंगलेश डबराल 1970 के दशक में एक कवि के रूप में उभरे, यह ऐसा समय था जब नक्सलवाद, छात्र अशांति और आपातकाल के रूप में इतिहास के नए अध्याय लिखे जा रहे थे। 
  • मंगलेश डबराल को उनके कविता संग्रह 'हम जो दे गए हैं' के लिये वर्ष 2000 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 
  • समकालीन हिंदी साहित्य में सबसे चर्चित आवाज़ों में से मंगलेश डबराल की साहित्यिक रचनाओं का अनुवाद न केवल प्रमुख भारतीय भाषाओं बल्कि अंग्रेज़ी, रूसी, जर्मन और स्पेनिश समेत कई विदेशी भाषाओं में भी किया गया। 
  • मंगलेश डबराल लंबे समय तक हिंदी के प्रसिद्ध दैनिक अखबार जनसत्ता से जुड़े रहे और वहाँ उन्होंने जनसत्ता की साप्ताहिक साहित्यिक पत्रिका रविवारीयका संपादन किया और उनके संपादन में यह पत्रिका काफी प्रसिद्ध हुई।
  • मंगलेश डबराल ने अपनी कविताओं के पाँच संग्रह प्रकाशित किये जिसमें पहाड़ पर लालटेन’, ‘घर का रास्ता’, ‘हम जो देखते हैं’, ‘आवाज़ भी एक जगह हैऔर नए युग में शत्रुशामिल हैं।

पर्सन ऑफ द इयर

  • अमेरिका की प्रतिष्ठित टाइम मैगज़ीन ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को संयुक्त रूप से वर्ष 2020 का पर्सन ऑफ द इयरमनोनीत किया है। 
  • टाइम मैगज़ीन द्वारा किसी प्रभावशाली व्यक्ति अथवा संस्था को मनोनीत करने की शुरुआत वर्ष 1927 में की गई थी और शुरुआत में इसे मैन ऑफ द इयरके रूप में जाना जाता था, हालाँकि बाद में इसका नाम बदलकर पर्सन ऑफ द ईयरकर दिया गया।
  • यह सम्मान ऐसे किसी व्यक्ति, समूह, आंदोलन या विचार को दिया जाता है, जिसने किसी एक वर्ष में विशेष रूप से सबसे अधिक प्रभाव डाला हो, हालाँकि यह आवश्यक नहीं है कि यह प्रभाव सकात्मक ही हो।
  • उदाहरण के लिये वर्ष 1938 में नाज़ी पार्टी के नेता एडॉल्फ हिटलर को भी पर्सन ऑफ द इयरके रूप में नामित किया गया था।
  • वर्ष 2019 में युवा जलवायु परिवर्तन कार्यकर्त्ताग्रेटा थनबर्ग को पर्सन ऑफ द इयरके रूप नामित किया गया था, जो कि यह सम्मान पाने वाली सबसे कम उम्र की विजेता बनी थीं।

विद्यावाचस्पति गोविंदाचार्य

  • 13 दिसंबर, 2020 को संस्कृत के प्रख्यात विद्वान विद्यावाचस्पति गोविंदाचार्य का 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया है।
  • माधवविचारधारा के प्रचारक और बेहतरीन वक्ता विद्यावाचस्पति गोविंदाचार्य को वर्ष 2009 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 
  • गोविंदाचार्य वेद, उपनिषद, महाभारत, रामायण और पुराणों के अच्छे जानकार थे। उन्होंने वेद सूक्तों, उपनिषदों, शतरुद्रीय, ब्रह्मसूत्र भाष्य और गीता भाष्य आदि पर टीका लिखने के साथ-साथ तकरीबन 150 पुस्तकें लिखीं और कई ग्रंथों का संस्कृत से कन्नड़ भाषा में अनुवाद भी किया।
  • गोविंदाचार्य द्वारा अनुवादित ग्रंथों में बाणभट्ट का उपन्यास कादम्बरी’, कालिदास का नाटक अभिज्ञानशाकुंतलम्और शूद्रक रचित मृच्छकटिकम्आदि शामिल हैं।
  • भागवत चिंतन में अग्रणी विद्यावाचस्पति गोविंदाचार्य ने भागवत और अन्य पुराणों के दार्शनिक अर्थ पर कई टीके लिखे थे। 
  • गोविंदाचार्य वर्ष 1979 में अमेरिका के प्रिंसटन में धर्म और शांति पर आयोजित वैश्विक सम्मेलन में भारत के ब्रांड एंबेसडर थे।

सरदार वल्लभ भाई पटेल

  • 15 दिसंबर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशक्त, सुदृढ़ और समृद्ध भारत की नींव रखने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी 70वीं पुण्यतिथि पर श्रंद्धाजलि अर्पित की। सरदार पटेल का जन्म 31 अक्तूबर, 1875 को गुजरात में हुआ था।
  • उन्होंने लंदन जाकर कानून की शिक्षा प्राप्त की और वापस आकर भारत में वकालत करने लगे। वर्ष 1917 में वे महात्मा गांधी से मिले और गांधी जी से प्रेरित होकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए। 
  • वर्ष 1920 में सरदार पटेल गुजरात प्रदेश काॅन्ग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने और उन्होंने शराबबंदी, छुआछूत एवं जातिगत भेदभाव आदि के विरुद्ध दृढ़ता से कार्य किया।
  • वल्लभ भाई पटेल ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वर्ष 1928 में गुजरात में एक प्रमुख किसान आंदोलन का नेतृत्त्व किया, जिसकी सफलता के बाद उन्हें सरदारकी उपाधि प्रदान की गई थी। 
  • स्वतंत्रता प्राप्ति के समय सरदार पटेल को तत्कालीन 562 रियासतों को स्वतंत्र भारत में शामिल करने का महत्त्वपूर्ण कार्य सौंपा गया था, जिसे उन्होंने बखूबी पूरा किया, जिसके कारण उन्हें 'भारत का लौह पुरुष' भी कहा जाता है। 
  • 15 दिसंबर, 1950 को बॉम्बे में उनका निधन हो गया। उन्हें वर्ष 1991 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम से गुजरात में स्टेच्यू ऑफ यूनिटीस्मारक बनाया गया है। 

रोडम नरसिम्हा

  • 14 दिसंबर, 2020 को प्रख्यात एयरोस्पेस वैज्ञानिक और पद्म विभूषण से सम्मानित रोडम नरसिम्हा का 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। 
  • 20 जुलाई, 1933 को जन्मे प्रोफेसर रोडम नरसिम्हा ने एयरोस्पेस के क्षेत्र में काफी ख्याति हासिल की थी। उन्होंने वर्ष 1962 से वर्ष 1999 तक भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के शिक्षक के रूप में कार्य किया, साथ ही उन्होंने नेशनल एयरोस्पेस लैबोरेट्रीज़ (NAL) के निदेशक के पद पर भी कार्य किया था। 
  • एयरोस्पेस के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें वर्ष 2013 में भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। 
  • रोडम नरसिम्हा ने भारत की विज्ञान नीतियों को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

मोहम्मद आमिर

  • पाकिस्तान के तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद आमिर ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की है। ध्यातव्य है कि मोहम्मद आमिर ने बीते वर्ष ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। पाकिस्तान के बेहतरीन तेज़ गेंदबाज़ों में से एक मोहम्मद आमिर ने वर्ष 2009 में इंग्लैंड के विरुद्ध पाकिस्तान के लिये अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला था। 
  • आमिर ने अपने संपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट कॅरियर में कुल 30 टेस्ट, 61 एकदिवसीय और 50 T20 मैच खेले, जिसमें उन्होंने क्रमशः 119, 81 और 59 विकेट भी लिये। 
  • वर्ष 2010 में आमिर पर स्पॉट-फिक्सिंग के भी आरोप लगे थे, जिसके बाद इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने उन्हें 5 वर्ष के लिये अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से प्रतिबंधित कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने वर्ष 2015 में एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की थी।

विनीत अग्रवाल

  • देश की प्रमुख लॉजिस्टिक्स कंपनी ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (TCIL) के प्रबंध निदेशक (MD) विनीत अग्रवाल ने भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल यानी एसोचैम (ASSOCHAM) के नए अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला लिया है। 
  • उन्होंने इस पद पर हीरानंदानी समूह के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक डॉ. निरंजन हीरानंदानी का स्थान लिया है। विनीत अग्रवाल ने अमेरिका के कार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय से स्नातक किया है। 
  • इसके अलावा वे अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (AIMA) में यंग लीडर काउंसिलके संस्थापक अध्यक्ष भी हैं। उन्हें भारतीय सामग्री प्रबंधन संस्थान द्वारा वर्ष 2018 में सीईओ ऑफ द ईयरसे भी नवाज़ा गया था। 
  • एसोचैम भारत के सबसे बड़े व्यापार संघों में से एक है, जिसकी स्थापना वर्ष 1920 में भारतीय उद्योग के मूल्य सृजन हेतु की गई थी। इस व्यापारिक संघ ने देश के व्यापार, वाणिज्य और औद्योगिक वातावरण को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है।

सुनील कोठारी (Sunil Kothari)

  • प्रख्यात नृत्य इतिहासकार और आलोचक सुनील कोठारी का 87 वर्ष की आयु में निधन हो 
  • उन्हें वर्ष 2001 में चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
  • उन्होंने भारतीय शास्त्रीय नृत्यों पर 20 पुस्तकें लिखीं और भरतनाट्यम, कत्थक तथा मणिपुरी नृत्य रूपों पर विस्तार से लिखा।
  • "सत्रिया: असम का शास्त्रीय नृत्य", पर उनके विद्वतापूर्ण कार्य, ने राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर नृत्य की बेहतर समझ विकसित करने में मदद की।
  • इनके अन्य उल्लेखनीय योगदानों में भारतीय नृत्य में नई दिशाएँ और कुचिपुड़ी भारतीय शास्त्रीय नृत्य कला शामिल हैं।
  • इन्हें संगीत नाटक अकादमी के सदस्य के रूप में चुना गया था।

यू किंग नंगबाह

  • 30 दिसंबर को मेघालय में स्वतंत्रता सेनानी यू किंग नंगबाहकी 158वीं पुण्यतिथि मनाई गई।
  • यू किंग नंगबाहमेघालय के स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्हें 30 दिसंबर, 1862 को अंग्रेज़ों द्वारा फांसी दे दी गई थी। 
  • जयंतिया, मेघालय का एक आदिवासी जातीय समूह है, जो कि वर्तमान में राज्य की कुल आबादी के तकरीबन 18 प्रतिशत हिस्से को कवर करते हैं। 
  • 19वीं शताब्दी के मध्य में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा असम प्रांत का विस्तार करने के उद्देश्य से जयंतिया साम्राज्य का अधिग्रहण किया गया। 
  • जयंतिया जनजाति समूह के विभिन्न योद्धाओं द्वारा ब्रिटिश सरकार के इस अतिक्रमण का भरपूर विरोध किया गया। यू किंग नंगबाह इन्हीं योद्धाओं में से एक थे, जिन्होंने ब्रिटिश सरकार का विरोध किया था। 
  • यू किंग नंगबाह के नेतृत्त्व में ब्रिटिश सरकार का विरोध कर रहे लोगों ने ब्रिटिश सेना के विरुद्ध सशस्त्र विद्रोह शुरू कर दिया, जिसके कारण ब्रिटिश सरकार को इस क्षेत्र में विद्रोह को दबाने के लिये अतिरिक्त सैन्य बल भी बुलाना पड़ा। 
  • अंततः नंगबाह को उनके समूह के एक सदस्य ने धोखा दे दिया, जिसकी वज़ह से वे अंग्रेज़ सरकार की पकड़ में आ गए। 
  • इसके बाद 30 दिसंबर, 1862 को ब्रिटिश सरकार ने उन्हें पश्चिम जयंतिया हिल्स ज़िले के जोवाई शहर में फांसी दे दी।

 

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