मध्य प्रदेश सामान्य ज्ञान
MP General Knowledge in Hindi
- भारतीय
स्वतन्त्रता आन्दोलन में माखनलाल चतुर्वेदी ने अपने पत्र 'कर्मवीर के प्रकाशन से राष्ट्रीय चेतना के प्रसार
को नई दिशा दी।
- 1934 ई. में
एन.पी. केलकर के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने एक अखिल भारतीय प्रजा परिषद् का गठन
किया।
- 1942 ई. में
भारत छोड़ो आन्दोलन की शुरुआत सर्वप्रथम विदिशा में हुई।
- भारत छोड़ो
आन्दोलन के दौरान प्रदेश मे क्रान्ति का उग्र रूप दिखा एवं जबलपुर, खण्डवा, होशंगाबाद, दमोह, सागर आदि स्थानों में व्यापक आन्दोलन हुए।
- चरण पादुका नरसंहार (1931) मध्य प्रदेश
का जलियांवाला बाग काण्ड कहलाता है।
- मालवा विद्रोह
का केन्द्र इन्दौर था यहां पर सआदत खाँ के नेतृत्व में होल्कर सैन्य टुकडी ने
अग्रेजों के विरुद्ध
विदोह किया।
- 1857 में महू के
विद्रोह का नेतृत्व मुराद अली खान ने किया।
- लालगढ़ किला
अमझेरा रियासत धार से सम्बन्धित है।
- चन्दशेखर आजाद
का जन्म 23 जुलाई, 1906 को भावरा अलीराजपुर में हुआ था।
- चन्दशेखर आजाद व भगत सिंह ने
मिलकर हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन की स्थापना की थी।
- भोपाल के नवाब
हमीदुल्ला खाँ दो बार मेम्बर ऑफ प्रिंसेप के अध्यक्ष बनाये गए थे।
- मध्य भारत की सभी
रियासतों को मिलाकर मध्य भारत राज्य बनाया गया।
- रीवा, पन्ना, छतरपुर आदि का एकीकरण कर विन्ध्य
प्रदेश का गठन किया गया।
- भोपाल भी एक
राज्य घोषित किया गया।
- गुप्त इतिहास
में काच नामक शासक के सिक्के विदिशा से प्राप्त हुए हैं।
- चन्द्रगुप्त
द्वितीय ने उज्जयिनी को अपनी राजधानी बनाया।
- चन्द्रगुप्त
द्वितीय द्वारा विदिशा क्षेत्र में किए गए अभियान का पता उदयगिरि गुफा-लेख से
मिलता है।
- वाकाटक वंश का
संस्थापक विन्ध्यशक्ति प्रथम विदिशा का शासक था।
- सागर जिले में स्थित ऐरण में एक
विशालकाय वाराह मूर्ति पर हूण शासक तोरमाण के शासनकाल के प्रथम वर्ष
का उल्लेख है।
- तोरमाण के पुत्र मिहिर कुल का शासन
विस्तार मालवा तक था।
- चौथी शताब्दी ई.
के उत्तरार्द्ध में प्राचीन दशपुर (मन्दसौर) में मालवों की एक शाखा औलिकरों ने अपना राज्य
स्थापित किया।
- परिव्राजक
राजवंश का अधिपत्य मध्य प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र पर था।
- परिव्राजक के पड़ोस में उच्चकल्प का
(आधुनिक नाम ऊँचहरा, सतना जिला) राजवंश था ।
- पाँचवीं शताब्दी ई. के लगभग दक्षिण
कोसल में राजर्षितुल्य कुल नामक राजवंश राज्य करता था।
- शरभपुरी वंश ने गुप्तों के समकालीन
दक्षिणी कोसल में राज किया।
- बल्लभी के मैत्रकों का पश्चिमी मालवा
क्षेत्र पर अधिकार का ज्ञान रतलाम जिले से प्राप्त ताम्र पत्रों से होता है।
- बाणभट्ट के
ग्रंथ हर्षचरित के अनुसार हर्षवर्द्धन अपनी बहन राज्यश्री को खोजने विन्ध्याचल में पहुँचा था।
- नर्मदा के तट पर हर्ष एवं पुलकेशिन
द्वितीय के बीच युद्ध हुआ था ।
- बसनी से प्राप्त ताम्रलेख के अनुसार
वर्तमान अनूपपुर जिले का अमरकण्टक तथा उसके आस- पास के क्षेत्र पर पाण्डव वंश का
शासन था।
- महाकौशल के पश्चिमी भाग में शैल वंश
नामक राजवंश की स्थापना 8वीं सदी में हुई।
- राष्ट्रकूटों की एक शाखा बैतूल से अमरावती क्षेत्र पर राज करती थी
(800 ई. )।
- राष्ट्रकूट नरेश दन्तिदुर्ग के
साम्राज्य के अधीन मध्य प्रदेश का एक बड़ा भाग था ।
- प्रतिहार वंश के शासकों ने उज्जयिनी मे
अपने राज्य का स्थापना की थी।
- बुन्देलखण्ड प्रतिहारों के अधीन था।
- जय शक्ति-जेज्जाक अथवा जेता के नाम पर
चन्देलों द्वारा शासित प्रदेश का नाम जेजाकभुक्ति पड़ा।
- चन्देलों की राजधानी खजुराहो थी।
- गण्डदेव ने
खजुराहो के जगदम्बे तथा चित्रगुप्त मंदिरों का निर्माण कराया।
- खजुराहो में कन्दरिया महादेव मंदिर के
निर्माण का श्रेय गण्डदेव के पुत्र विद्याधर को है ।
- चन्देल शासक परमार्दिदेव को 1182 ई. में पृथ्वीराज चौहान ने पराजित
किया था ।
- लोक-गाथाओं में
वर्णित आल्हा-ऊदल परमार्दिदेव के सेनापति थे ।
- नवीं सदी के पूर्वार्द्ध में मालवा में
परमार वंश का शासन स्थापित हुआ।
- वीरसिंह द्वितीय का उत्तराधिकारी एवं पुत्र सियाक
द्वितीय परमार वंश का सर्वप्रथम स्वतन्त्र शासक हुआ।
- उज्जैन के मंगल
नाथ को पृथ्वी का केन्द्र माना जाता है।
- भीमबेटका की खोज
विष्णु वाकणकर द्वारा की गई।
- नागदा
पुरातात्विक स्थल चम्बल नदी के किनारे स्थित है (उज्जैन) ।
- मध्य प्रदेश में
महापाषाणकालीन स्मारक, सीधी तथा रीवा जिलों में पाये गये हैं।
- उत्तर वैदिक
अनार्य जातियों में मध्य प्रदेश के जंगलों में निवास करने वाली जाति निषाद का नाम
विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
- अनुश्रुतियों
के अनुसार अन्तिम मनु वैवस्वत के पुत्र करुष के नाम कारुष वंश चला
तथा कारुष देश की स्थापना
हुई।
- कारुष देश वर्तमान मध्य प्रदेश में रीवा के आस-पास बघेलखण्ड के नाम से जाना
जाता है।
- दण्डकारण्य वन का नाम इक्ष्वाकु के पुत्र दण्डक के नाम पर पड़ा।
- नागराज के पुत्र
मुचुकुन्द (नर्मदा का भाई) ने नर्मदा के किनारे एक दुर्ग का निर्माण किया, जो कालान्तर में महिष्मती (महेश्वर) के
नाम से प्रसिद्ध हुआ।
- नर्मदा नदी के
किनारे मण्डला जिले में परशुराम ने अपना आश्रम बनाया था।
- महाभारत काल में
वत्स, काशी, चेदि, कारुष, दशार्ण और मत्स्य अर्थात् बघेलखण्ड तथा बुन्देलखण्ड की सीमा के
जनपदों के राजाओं ने पाण्डवों की ओर से युद्ध में भाग लिया था। जबकि महिष्मती, अवन्ति, भोज, अन्ध, वृष्णि, विदर्भ तथा निषाद के राजाओं ने कौरवों
की ओर से महाभारत के युद्ध में भाग लिया था।
- अशोक ने साँची
के प्रसिद्ध स्तूप का निर्माण कराया था इसके अतिरिक्त उसने सुनारी, साँची, सतधारा (रायसेन), भोजपुर, उज्जैन में भी अनेक स्तूपों का निर्माण
करवाया ।
- सतधारा
(सलामतपुर) के समीप में अनेक बौद्ध स्तूप हैं।
- पुष्यमित्र शुंग ने साँची स्तूप पर वेदिका रेलिंग का निर्माण कराया
था।
- साँची के बड़े स्तूप की वेदिका पर
उत्कीर्ण एक लेख से सातवाहन वंश के राजा शातकर्णी के पूर्वी मालवा पर अधिकार का
ज्ञान होता है।
- गौतमीपुत्र शातकर्णी के साम्राज्य में
अनूप (महेश्वर के पास का निमाड़) अकरा (विदिशा) तथा अवन्ति (पश्चिमी मालवा)
सम्मिलित था।
- बालाघाट से
हिन्द यूनानी शासक मिनाण्डर के सिक्के प्राप्त हुए हैं। शक नरेश मोअस तथा अजेस
प्रथम के कुछ सिक्के मिले हैं। इंदौर के स्व. आडवाणी द्वारा अपने संग्रह में यह
एकत्र किये गये ।
- क्षहरात वंशीय
शक शासक नहपान का राज्य मन्दसौर एवं उज्जैन तक विस्तृत था। कादर्मक वंशी शक शासक
चष्टण की राजधानी उज्जयिनी थी। उसके सिक्के उज्जैन तथा शिवपुरी में मिले हैं।
- कुषाण शासक कनिष्क के सिक्के बिलासपुर
(छ.ग.)और शहडोल जिले से प्राप्त हुए हैं।
- कनिष्क के पुत्र
वासिष्क का अभिलेख साँची से प्राप्त हुआ है (प्रथम शताब्दी ) ।
- नागवंश के
शासकों के सिक्के विदिशा (बेसनगर) से प्राप्त ।। त्रिपुरी (आधुनिक तेवर, जबलपुर) से बोधि वंश के राजा (महासेन)
की जानकारी मिलती है। समुद्रगुप्त के ऐरण से प्राप्त अभिलेख के अनुसार ऐरण उसके
समय में स्वभोग नगर था ।
- अप्पा साहिब ने
अरबी सैनिकों की सहायता से मुलताई (बैतूल) के समीप अंग्रेजों से युद्ध किया, किन्तु वे पराजित हो गये।
- मुखिया दिल्हन शाह तथा हीरापुर के
किरेनशाह ने अंग्रेजों के विरुद्ध 1842 ई. में विद्रोह किया।
- नरसिंहपुर में जमींदार ढिल्लनशाह ने भी
अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह किया ।
- 14 जून, 1857 ई. को ग्वालियर के निकट मुरार
छावनी में सैनिक विद्रोह हुआ।
- रानी
दुर्गावती के वंशज शंकर शाह और उनके पुत्र ने गढा मण्डला में स्वतन्त्रता के लिए
तलवार उठाई।
- 20 जून, 1857 ई. को शिवपुरी में विद्रोह भड़क
उठा। परिणामतः अंग्रेज अधिकारियों को गुना भागना पड़ा।
- महू में 1 जुलाई, 1857 ई. को सैनिकों ने विद्रोह कर
दिया।
- विद्रोह के इस
समय में दिल्ली के शाहजादा हुमायूँ ने मन्दसौर जाकर बलायती, मेवाती तथा सिन्धिया सेना के कुछ
सैनिकों की सहायता से एक स्वतन्त्र राज्य की स्थापना कर ली एवं फिरोजशाह के नाम से
मन्दसौर का राजा बन गया ।
- 1857 विद्रोह के
नायक तात्या टोपे सर कोलिन कैम्पबेल द्वारा 6 दिसम्बर, 1857 को पराजित कर दिए गये।
- झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई 28 जून, 1858 ई. को काल्पी में ह्यूरोज की सेना
के साथ मुकाबला करते हुए शहीद हो गई।
- 1857 ई. के विद्रोह में ग्वालियर के सिन्धिया व भोपाल के नवाब ने अंग्रेजों का साथ
दिया था।
- मण्डला जिले के रामगढ़ रियासत की रानी अवन्तिबाई एवं उनकी अंगरक्षिका
गिरधारी बाई ने भी 1857 ई. के
विद्रोह में योगदान दिया था।
- सन् 1885 में गठित कांग्रेस समिति में
मध्य भारत से बापूराव दादा किनखेड़े, गंगाधर चिटनिस, गोपाल
हरिभिडे और अब्दुल अजीज ने भाग लिया था ।
- तिलक के नेतृत्व में 1891 ई. में
नागपुर में सम्पन्न अधिवेशन में मध्य प्रान्त व मालवा में अनेक स्थानों पर गणेश
उत्सव एवं शिवाजी उत्सव का आयोजन किया गया।
- वर्ष 1916 ई. में स्वतन्त्रता आन्दोलन की शुरुआत सिवनी जिले मे हुई।
- 1920-21 ई. में
कांग्रेस आन्दोलन के नेता श्री प्रभाकर डुण्डीराज जाटव तथा अब्दुल जफ्फार खाँ ने
खिलाफत आन्दोलन की शुरुआत की।
- 1929-30 ई. में
नमक सत्याग्रह में दुर्गाशंकर मेहता ने नमक बनाकर प्रदेश में आन्दोलन की शुरुआत
की।
- 1922 ई. में
भोपाल रियासत की सीहोर कोतवाली के समक्ष विदेशी फेल्ट कैप की होली जली। सन् 1937 में भोपाल राज्य हिन्दू
महासभा के अधिवेशन में मास्टर लाल सिंह, पं. उद्धव दास मेहता व डॉ. जमुना प्रसाद
मुखरैया गिरफ्तार किये गए थे ।
- 1923 ई. में
जबलपुर से प्रारम्भ हुए 'झण्डा सत्याग्रह' का निर्देशन सर्वश्री देवदास गांधी, रामगोपालाचार्य तथा डॉ. राजेन्द्र
प्रसाद ने किया। राष्ट्रीय ध्वज लहराने के प्रश्न पर पं. सुन्दरलाल को 6 माह के
कारावास की सजी सुनाई गई।
- जबलपुर में सेठ गोविन्द दास एवं
द्वारका प्रसाद मिश्र के नेतृत्व में 6 अप्रैल, 1930 को 'नमक सत्याग्रह प्रारम्भ किया गया।
- परमार वंशी शासक
मुञ्ज ने हूणों को हराया था। मुञ्ज की राजसभा में नवसहसांक चरित के लेखक पद्मगुप्त, दशरूपक के लेखक धनञ्जय यशोरूपावलोक' के रचयिता धनिक जैसे कवि कलाकार थे।
परमार वंशी शासक भोज को इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।
- कोक्कल प्रथम ने
त्रिपुरी में कल्चुरी वंश की स्थापना की। लक्ष्मण राज द्वितीय ने उड़ीसा पर आक्रमण
कर कालिया नाग की रत्नजड़ित स्वर्ण मूर्ति छीनकर सौराष्ट्र के
सोमनाथ के मंदिर को अर्पित की।
- लाँजी
बालाघाट जिले से प्राप्त अभिलेख से पता चलता है कि देवगिरि के यादव शासक राजा
रामचन्द्र का शासन मध्य प्रदेश के बालाघाट तक विस्तृत था।
- गुहिल वंश का शासन मन्दसौर में था।
- कच्छप राजवंश का
शासन ग्वालियर दुवकुण्ड तथा नरवर में था।
- चौदहवीं सदी के उत्तरार्द्ध में ग्वालियर
में वीरसिंह देव ने तोमर राजवंश की स्थापना की।
- तोमर वंशी शासक मानसिंह को दिल्ली सल्तनत के लोदी शासकों से टक्कर
लेनी पड़ी।
- 1195-96 ई. में
मोहम्मद गौरी ने ग्वालियर के सल्लक्षण या लोहंगदेव को पराजित किया।
- दिल्ली सल्तनत के गुलामवंशीय शासक
कुतुबुद्दीन ऐबक ने माण्डू,
ग्वालियर, मालवा तथा उज्जैन को जीतकर नर्मदा नदी
तक अपने साम्राज्य का विस्तार किया।
- मालवा पर खिलजियों ने 1310 ई. में अधिकार कर लिया। इसके अतिरिक्त भिलसा, चन्देरी , धार, उज्जैन तथा माण्डू, पर
भी खिलजियों का अधिकार था।
- तुगलकों
के अधीन प्रदेश, मालवा, बुन्देलखण्ड तथा भारत के दक्षिणी प्रदेशों में विन्ध्य पर्वत तक की समस्त भूमि
सम्मिलित थी।
- मुगल वंश के संस्थापक बाबर ने चेन्देरी के राजा मेदिनीराय को 1528 में
हराकर उसकी पुत्रियों का विवाह हुमायूँ एवं कामरान से करवा दिया था।
- मुगल शासक हुमायूँ ने मालवा एवं
बुन्देलखण्ड के पश्चिमी भागों पर अपना अधिकार जमाया था।
- अकबर के समय
मालवा का शासक संगीत प्रेमी बाजबहादुर था। (माण्डू)
- अकबर की अंतिम विजय
असीरगढ़ का किला (बुरहानपुर) थी (1601)
- यादवराय ने गढ़ा
कटंगा में गोंड राजवंश की स्थापना की।
- बुन्देला शासक
हृदय शाह ने गढ़ा के समीप गंगासागर जलाशय का निर्माण करवाया था । 1707 ई. में
छत्रसाल ने औरंगजेब से सन्धि को तत्पश्चात् औरंगजेब ने उसे राजा की उपाधि तथा 4,000 की मनसब
प्रदान की।
- शेरशाह ने सत्ता सम्भालने के बाद
वीरभान के विरुद्ध जलाल खाँ को भेजा |
- वीरभान की
मृत्यु के बाद उसका पुत्र रामचन्द्र उत्तराधिकारी हुआ।
- अकबर ने जलाल
खाँ को रीवा नरेश रामचन्द्र के दरबार में तानसेन को बुलाने के लिए भेजा।
- भोपाल
शहर की ताजुल मस्जिद का निर्माण नवाब शाहजहाँ बेगम ने करवाया।
- टूरिया जंगल
सत्याग्रह 1930 सिवनी जिले में दांडी मार्च के समय किया गया था।
- घोड़ा डोगरी
सत्याग्रह 1930 बैतूल में किया गया था।
- पंजाब मेल
हत्याकाण्ड (1930) खण्डवा रेल्वे स्टेशन से सम्बधित था।
- पहला झण्डा सत्याग्रह
जबलपुर में किया गया था।
- तात्या टोपे को
शिवपुरी के जगल में मेजर मीड ने षड्यंत्र पूर्वक 7 अप्रैल, 1859 को पकड़ा था। पड्यंत्र का
मुख्य सूत्रधार शिवपुरी का राजा मानसिंह था (15 अप्रैल कोर्ट मार्शल)
- 18 अप्रैल, 1859 को तात्पा टोपे को पेड़ पर लटकाकर
शिवपुरी में फाँसी दी गई।
- 1857 की क्रांति
के समय ग्वालियर नरेश महाराजा जीवाजी राव सिंधिया थे।
- 1938 ई. में भोपाल राज्य
प्रजामण्डल की स्थापना हुई। मौलाना तरजी मशीरकी एवं चतुर नारायण मालवीय इस मण्डल
में मंत्री चुने गए, जिन्होंने खुले अधिवेशन में नागरिक
स्वतन्त्रता की माँग का प्रस्ताव पेश किया।
- 1939 ई. में
द्वितीय विश्व युद्ध शुरू होने के बाद गाँधी जी ने जबलपुर से ही अवज्ञा आन्दोलन की
शुरुआत की।
- रतलाम में राष्ट्रीय आन्दोलन का सूत्रपात स्वामी ज्ञानानन्द की प्रेरणा
से आरम्भ हुआ।
- 1931 ई में एक सेवादल
की स्थापना की गई। वर्ष 1935 ई. में प्रजा परिषद् की स्थापना की गई, जिसने किसानों और
मजदूरों को संगठित करने का प्रयास किया ।
- 1923 ई. में झाबुआ में प्रजामण्डल के
निर्देशन में शराबबन्दी, अछूतोद्वार विदेशी वस्तु का बहिष्कार जैसे आन्दोलन
किए गए।
- केन्द्र सरकार
ने 2010 का राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार मध्य प्रदेश खेल और युवा कल्याण विभाग को दिया
है।
- नागेश्वरी
पुरस्कार मध्य प्रदेश साहित्य सम्मेलन द्वारा दिया जाता है।
- नरेन्द्र तिवारी
पत्रकारिता पुरस्कार की राशि 50000 है।
- श्रेष्ठ
पत्रकारिता के लिये स्व. माणिकचन्द्र वाजपेयी के नाम से एक पुरस्कार की घोषणा वर्ष
2006 में की गई।
- अखिल भारतीय इंदिरा गांधी पुरस्कार 1985
में शुरू हुआ।
- जवाहरलाल नेहरू
पुरस्कार 1982 में स्थापित । राशि 1 लाख रुपये । क्षेत्र विज्ञान तकनीकी विकास एवं इंजीनियरिंग
विषय।
- SWAN योजना जुलाई 2009 में सागर जिले से
शुरू हुई।
- प्रथम पीपीपी
आधारित मेडिकल कॉलेज सिवनी में प्रस्तावित है।
- प्रदेश का पहला
मानव मल आधारित जैव-विद्युत संयंत्र कुटकीपुरा, बैरसिया में निर्मित।
- विश्व में बाघ
परियोजना के जन्मदाता गेनी मेनफोर्ड हैं तथा भारत में बाघ परियोजना के जन्मदाता
कैलाश सांखल्या हैं।
- मध्य प्रदेश को
ग्यारह कृषि क्षेत्र में विभाजित किया गया है।
- चावल अनुसंधान
केन्द्र बडवानी में है ।
- इलेक्ट्रॉनिक्स
कॉम्पलेक्स इन्दौर में है।
- चमड़ा
कॉम्पलेक्स देवास में है ।
- स्टील
काम्पलेक्स सागर में है ।
- एग्रो
काम्पलेक्स छिन्दवाडा है।
- जेम्स एवं
ज्वैलरी पार्क इन्दौर में स्थापित।
- देश का पहला
मोबाइल बैंक खरगौन में है।
- हरसूद खाण्डवा
जिले में था, जो इंदिरा सागर परियोजना से डूब गया, हरसूद के विस्थापितों को छनेरा बसाया गया है।
- एशिया की सबसे
बड़ी जिला अदालत इमारत भोपाल में है।
- 1 नवम्बर 1956 को भोपाल को मध्य प्रदेश की
राजधानी बनाया गया।
- भू-वैज्ञानिक
दृष्टि से मध्य प्रदेश सर्वाधिक प्राचीनतम गोंडवाना लैण्ड भू संहति का भू-भाग है।
- खजुराहो के मंदिरों का निर्माण चंदेलों ने कराया था।
- मध्य प्रदेश की
खानों से विश्व विख्यात हीरे, महान
मुगल पिट आदि निकाले गये थे।
- मध्य प्रदेश में न्यूनतम तापमान शिवपुरी में पाया
जाता है।
- सर्वाधिक बाघ
मध्य प्रदेश में ही पाए जाते हैं।
- देश का सबसे
अधिक राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य का क्षेत्र मध्य प्रदेश में है।
- सुप्रसिद्ध
चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन की अनेक कला प्रदर्शनियाँ भारत सहित विश्व के अनेक
देशों में लग चुकी हैं। 1966 में पद्मश्री, 1973 में पद्मभूषण तथा 1987 में कालिदास सम्मान सहित अनेक पुरस्कारों से
सम्मानित श्री हुसैन की चर्चित फिल्म थी-'गजगामिनी'।
- मध्य प्रदेश का
प्रथम ड्राई पोर्ट (सूखा बंदरगाह) पीथमपुर है।
- प्रदेश का पहला रत्न परिष्करण
केन्द्र, जबलपुर में है।
- मथुरा रिफायनरी
पर आधारित पेट्रो कैमिकल उद्योग, मुरैना
में स्थापित किया जा रहा है।
- राज्य सरकार
द्वारा बाबा साहब अम्बेडकर राष्ट्रीय सामाजिक विज्ञान संस्थान की स्थापना अम्बेडकर की जन्मभूमि महू
में की गई है। (अम्बेडकर नगर)
- भारत का प्रथम राष्ट्रीय युवा महोत्सव जनवरी 1995
में भोपाल में आयोजित किया गया था।
- भोपाल गैस
काण्ड(2 दिसम्बर 1984) में उत्पन्न जहरीली गैस को निष्प्रभावी करने के लिए डॉ.
बरदूराजन के नेतृत्व में चलाया गया अभियान ऑपरेशन फेथ' था।
- मध्य प्रदेश में
उच्च न्यायालय की स्थापना 1956 में जबलपुर में हुई थी। उच्च न्यायालय की खण्डपीठ
इंदौर और ग्वालियर में स्थित है।
- प्रदेश में लोक
अदालत का शुभारम्भ 13 अप्रैल, 1986
को हुआ था।
- प्रदेश में 1
अप्रैल, 1962 को पृथक् डाक तार परिमण्डल का गठन
हुआ था।
- डाक तार परिमण्डल का मुख्यालय 1
जुलाई, 1965 से भोपाल में स्थानांतरित किया
गया है।
- प्रदेश में आकाशवाणी के कार्यक्रमों का प्रसारण 22 मई, 1955 में इंदौर से प्रारंभ हुआ था व
दूरदर्शन का शुभारम्भ
वर्ष 1972-73 में रायपुर में प्रथम दूरदर्शन रिले केन्द्र स्थापित कर हुआ था।
दूरदर्शन कार्यक्रम निर्माण केन्द्र व फिल्म सिटी भोपाल में स्थापित किया जा रहा
है।
- ग्वालियर के
दुर्ग में चतुर्भुज मंदिर,
गुजरी महल, सास-बहू का मंदिर, मान मंदिर, विष्णु मंदिर, तेली का मंदिर, जैन मूर्तियाँ आदि है।
- असीरगढ़ के किले
का निर्माण आसा नाम के एक अहीर राजा ने करवाया था। इस किले में आशादेवी का मंदिर है।
(बुरहानपुर जिला)
- चंदेरी के किले का निर्माण 11 वीं शताब्दी में प्रतिहार नरेश
कीर्तिपाल ने कराया था इस किले में जौहर कुण्ड, हवा महल, नौखण्डा महल दर्शनीय हैं।
- गिन्नौरगढ़ के
किले का निर्माण 13 वीं शताब्दी में महाराजा उदय वर्मन ने करवाया था ।
- भाषायी आधार पर
राज्यों के पुनर्गठन हेतु फजल अली समिति का गठन 1953 में किया गया था, जिसके अन्य सदस्य के.एम. पाणिक्कर एवं
हृदयनाथ कुंजरू थे।
- फजल अली समिति राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिश के आधार पर 1
नवम्बर, 1956 को मध्य प्रदेश का गठन किया गया।
- गठन के समय मध्य प्रदेश में
43 जिले थे। वर्तमान में 52 जिले हैं।
- म.प्र. पूरी तरह
भू-आवेष्ठित है इसकी सीमा न तो समुद्र को और न ही किसी अंतर्राष्ट्रीय सीमा को
छूती है। मध्य प्रदेश के अतिरिक्त हरियाणा, छत्तीसगढ़, झारखंड भी भू-आवेष्ठित राज्य हैं।
- आँवला के अधिक उत्पादन के कारण पन्ना जिले को आँवला जिला घोषित किया गया है।
- मध्य प्रदेश की
सबसे ऊँची चोटी धूपगढ़ है।
- मध्य प्रदेश को
चार जलवायु विभागों में विभाजित किया जाता है-1. उत्तर का मैदान, 2. विध्यांचल पर्वतीय प्रदेश, 3. नर्मदा घाटी, एवं 4. मालवा का पठार।
- करेंसी प्रिटिंग
प्रेस देवास में है, जिसमें 5 रुपये से अधिक के नोट छापे
जाते हैं।
- नोट का कागज बनाने का कारखाना (रक्षा
पेपर कारखाना) होशंगाबाद में है।
- राज्य पहला सैलरिच जैविक खाद्य संयंत्र स्थापित
है- भोपाल में (कृषि उद्योग विकास निगम)
- गोपाल मंदिर
उज्जैन निर्माता- बया जी सिंधे।
- रिलायंस समूह गैस आधारित विद्युत संयंत्र राज्य के शहडोल जिले में स्थापित किया गया है।
- राज्य का सबसे सबसे बड़ा शक्कर कारखाना- बरलाई इंदौर है ।
- देश का प्रथम विकलांग पुनर्वास केन्द्र का स्थल जबलपुर में है ।
- चंदेरी साड़ियों
निर्मित करने वाला जिला अशोक नगर।
- ललित कला क्षेत्र जाने वाली फैलोशिप- अमृता शेरगिल
फैलोशिप।
- "झीलों
शहर" उपनाम से नामित भोपाल।
- शहाबुद्दीन
औलिया के नाम से ऊर्स नीमच में आयोजित किया जाता है ।
- मध्य प्रदेश की जनजाति को आदिवासी नाम से सुशोभित करने
वाला व्यक्ति-ठक्कर
- सर्वाधिक समय तक राज्यपाल हरी
विनायक पाटस्कर।
- सबसे कम समय तक राज्यपाल पट्टाभि सीतारमैया।
- मानसिक चिकित्सा संस्थान ग्वालियर, में हैं ।
- गाँजा व अफीम के
उत्पादन में राज्य का देश में प्रथम स्थान है जिनमें गाँजा राज्य के मुख्यतः
खाण्डवा जिले में तथा अफीम मुख्यत: नीमच जिले में उत्पादित किया जाता है।
- मूंगफली का
उत्पादन मालवा के पठार व नर्मदा घाटी के क्षेत्रों में मुख्य रूप से होता है।
- पश्चिमी भू-भाग, जहाँ काली मिट्टी की उपलब्धता है, कपास खेती के लिए उपयुक्त है।
- देवास में हिन्द
फिल्टर सिगरेट का कारखाना है । लकड़ी चीरने का मुख्य केन्द्र जबलपुर है ।
- राज्य
मानवाधिकार आयोग का गठन 1995
- मध्य प्रदेश की
ग्रीष्मकालीन राजधानी पचमढ़ी है ।
- मध्य प्रदेश की
संस्कार राजधानी जबलपुर है ।
- मध्य प्रदेश की
औद्योगिक राजधानी इंदौर है।
- मध्य प्रदेश की ऊर्जा राजधानी सिंगरोली है।
- देश का प्रथम
एडव्होकेट ट्रेनिंग सेंटर - ग्वालियर में है ।
- प्रथम पी.पी.पी.
आधारित मेडिकल कॉलेज है - सिवनी
- तानसेन हथकरघा
एवं पर्यटन मेला ग्वालियर में आयोजित होता है।
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