मध्य प्रदेश का गठन और निर्माण | Formation and construction of Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश का गठन और निर्माण
- 2 नवम्बर 1861 को सेंट्रल प्रोविंसेस तथा 24 अक्तूबर 1936 को बरार प्रांत का गठन किया गया ।
- मध्य भारत के प्रथम मुख्यमंत्री लीलाधार जोशी तथा प्रथम राज्यपाल तखत मल जैन थे ।
- 12 मार्च 1948 को बघेलखंड और बुंदेलखंड को मिलाकर विंध्य प्रदेश का गठन किया गया ।
- देश के मध्य में स्थित है। इसलिए इसे 'हृदय प्रदेश' भी कहा जाता है ।
- प्रदेश को 'मध्यप्रदेश' नाम पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिया ।
- म.प्र. को ब्रिटिश काल में 'सेन्ट्रल प्रोविंसेस' और 'बरार' नाम से जाना जाता था ।
- स्वतंत्रता पश्चात् म.प्र. को 'थ्री स्टेट-A, B तथा C' में बाँटा गया ।
- सेन्ट्रल प्रोविन्स तथा बरार में छत्तीसगढ़ और बघेलखण्ड को मिलाकर पार्ट-A (स्टेट-A)न बनाया गया ।
- पश्चिम की रियासतों को मिलाकर पार्ट-B (स्टेट-B) बनाया गया इसका नाम मध्य भारत रखा गया ।
- उत्तर की रियासतों को मिलाकर पार्ट-C (स्टेट-C) बनाया गया ।
- भोपाल पार्ट-C स्टेट था ।
पुराने मध्य प्रदेश स्टेट और उनकी राजधानियाँ
- स्टेट-A की राजधानी नागपुर
- स्टेट-B की राजधानी ग्वालियर तथा इंदौर
- स्टेट-C की राजधानी रीवा
- महाकौशल क्षेत्र की राजधानी जबलपुर
राज्य पुनर्गठन आयोग-1953
फजल अली की अध्यक्षता में 1953 में
गठित राज्य पुनर्गठन आयोग की अनुशंसा पर 1 नवम्बर, 1956 को नवीन म.प्र. का गठन हुआ ।
- बुलढाना, अकोला, अमरावती, यवतमाल, वर्धा, नागपुर, भण्डारा, चाँदा को तत्कालीन मुम्बई राज्य (महाराष्ट्र) में मिला दिया गया। शेष Part-A का भाग वर्तमान म.प्र. का भाग बना ।
- मंदसौर जिले की भानपुरा तहसील के सुनील टप्पा को छोड़कर शेष भाग को म.प्र. में मिला लिया गया
- राजस्थान के कोटा जिले की सिरोंज तहसील को म.प्र. के विदिशा जिले में लाया गया ।
- शेष Part-B का हिस्सा वर्तमान म.प्र. का अंग है
- Part-C State (विंध्यप्रदेश) का पूरा-पूरा भाग वर्तमान म.प्र. में मिलाया गया ।
- भोपाल राज्य भी वर्तमान म.प्र. का अंग बना ।
- नवीन म.प्र. की राजधानी भोपाल को बनाया गया, जो पूर्व में सीहोर जिले की एक तहसील थी।
- नवनिर्मित म.प्र. में 43 जिले थे.
- 26 नवम्बर, 1972 को भोपाल और राजनांदगाँव दो नये जिले बने और जिलों की संख्या 45 हो गई ।
- बी.पी. दुबे की अध्यक्षता में गठित जिला पुनर्गठन आयोग (1983) की अनुशंसा पर 25 मई, 1998 को 10 नये जिले बने, उनमें से 4 जिले वर्तमान मध्यप्रदेश के हिस्से में है
- चार जिले मध्यप्रदेश में रहे उनमें- बड़वानी ( पश्चिम निमाड), श्योपुर मुरैना), डिण्डोरी (मण्डला) तथा कटनी (जवलपुर) है।
- तत्पश्चात् 30 जून, 1998 को सिंहदेव समिति की अनुशंसा पर 6 नवीन जिले जुलाई,1998 को बनाए गए जुलाई, 1998 में बनाये गये जिलों में से 3 जिले वर्तमान मध्यप्रदेश में शामिल है। इनमें हरदा (होशंगाबाद), उमरिया (शहडोल) तथा नीमच ( मंदसौर) है। इन्हें मिलाकर जिलों की कुल संख्या 61 हो गई ।
- 31 अक्टूबर, 2000 को म.प्र. से छत्तीसगढ़ के अलग होने से 16 जिले नवीन राज्य में चले गये और म.प्र. में पुनः जिलों की संख्या 45 हो गई। व
- 2003 में तीन जिले-बुरहानपुर (खण्डवा से), अनूपपुर (शहडोल से) तथा अशोकनगर (गुना से) का गठन किया, जिससे प्रदेश में जिलों की संख्या 48 हो गई ।
- वर्ष 2008 में प्रदेश सरकार द्वारा अलीराजपुर तथा सिंगरौली को जिला बनाया गया और प्रदेश में जिलों की संख्या 50 हो गई।
- मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 2013 में शाजापुर जिले से पृथक कर आगरमालवा नाम से एक नया जिला गठित किया । इसे मिलाकर वर्तमान में प्रदेश में जिलों की संख्या 51 हो गई
- 1 अक्तूबर 2018 को टीकमगढ़ जिले के हिस्से को अलग कर निवाड़ी जिले का गठन किया गया यह प्रदेश का 52वाँ जिला बना जो सागर संभाग के अंतर्गत आता है । यह प्रदेश का सबसे छोटा जिला है ।
संभाग और जिले
- वर्तमान मध्यप्रदेश प्रशासनिक तौर पर 10 संभागों और 52 जिलों में बँटा है
- चंबल संभाग - श्योपुर, मुरैना एवं भिण्ड (3)
- ग्वालियर संभाग -ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोक नगर और दतिया (5)
- उज्जैन संभाग - देवास, रतलाम, शाजापुर, मंदसौर, नीमच, उज्जैन और आगर-मालवा (7)
- इंदौर संभाग - इंदौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगोन, बड़वानी, खंडवा और बुरहानपुर (8)
- भोपाल संभाग - भोपाल, राजगढ़ ,सीहोर,रायसेन,विदिशा (5)
- नर्मदापुरम संभाग- होशंगाबाद, हरदा एवं बैतूल (3)
- सागर संभाग - सागर,दमोह, पन्ना,छतरपुर, टीकमगढ़,निवाड़ी (6)
- जबलपुर संभाग - जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, मंडल, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट एवं डिंडोरी (8)
- रीवा संभाग - रीवा, सीधी, सिंगरौली और सतना (4)
- शहडोल संभाग - शहडोल, उमरिया और अनूपपुर (3)
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