मध्यप्रदेश की प्रमुख देशी नस्लें | म.प्र. की कुछ प्रसिद्ध देशी नस्लें
मध्यप्रदेश की प्रमुख देशी नस्लें
म.प्र. की कुछ प्रसिद्ध देशी नस्लें
जमुनापरी (बकरी)
- यह मध्यप्रदेश के भिंड जिले में पाई जाती है इसके शरीर पर सफेद रंग लाल धब्बे होते है यह भारतीय नस्ल मे सबसे बड़ी नस्ल है, यह दोहरी प्रयोजन काम अपने वाली नस्ल है इसके सुविकसित रोमन जातीय नाक और बड़े-बड़े झूलते कान होते है।
- इसके छोटे और चपटे सिंग तथा बड़े बड़े थन होते है। इस नस्ल की दूध की पैदावार 2.25 से 2.7 किलोग्राम प्रतिदिन है।
बंधवारी (भैंस)
- यह नस्ल म.प्र. के ग्वालियर और भिण्ड जिला में पाई जाती है।
- इस नस्ल के पशु मध्यम और खच्चर आकार के होते है।
- इनका सिर छोटा पूंछ लम्बी, पतली और काले या सफेद या शुद्ध सफेद होते है। पैर छोटा और मोटा है तथा कान अल्प है।
निमाड़ी गाय (निमाड़ की रानी)
- म.प्र. के निमाड़ क्षेत्र में यह नस्ल पाई जाती है।
- पशु के शरीर पर विभिन्न हिस्से पर सफेद व लाल रंग के धब्बे होते है। लम्बा सिर माथे की ओर उभरा हुआ होता है, सींग मध्यम आकार लम्बे तथा शरीर मजबूत होता है।
- अच्छी तरह से विकसित थन वाली गाय प्रतिदिन 4 -5 लीटर दूध देती है।
- म.प्र. की सर्वाधिक दूध देने वाली गाय ।
मालवी गाय (मालवा की रानी)
- यह नस्ल मध्यप्रदेश के शाजापुर, राजगढ़, मंदसौर जिलों में पाई जाती है।
- पशु मध्यम आकार के छोटे सिर वाले, सिंग घुमावदार तथा पूंछ लम्बी होती है।
- पैर मजबूत और शक्तिशाली स्लेटी रंग के तथा गर्दन काले रंग की होती है।
- गायें प्रतिदिन 4-5 लीटर दूध देती है ।
गावलाब (सतपुड़ा की रानी)
- सिवनी, छिंदवाड़ा में पायी जाने वाली गोवंश की सर्वोत्तम नस्ल ।
पोल्ट्री बर्ड : कडकनाथ (मध्यप्रदेश का गौरव)
- यह मध्यप्रदेश के पश्चिमी भाग में झाबुआ, अलीराजपुर और धार जिले की प्रसिद्ध स्वदेशी पोल्ट्री नस्ल है ।
- कड़कनाथ का 1. विशेषता है काली चोंच, कंघी, पैर काले रंग का मांस जो बहुत पौष्टिक और स्वादिष्ट है।
- इसके मांस और अण्डे प्रोटीन और ही हिमोग्लोबिन में समृद्ध है। जनजातीय क्षेत्रों में इस पक्षी को औषधीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग किया जाता है।
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