कौटिल्य एवं मैकयावेली की तुलना Comparison of Kautilya and Machiavelli

 कौटिल्य एवं मैकयावेली की तुलना 

Comparison of Kautilya and Machiavelli

कौटिल्य एवं मैकयावेली की तुलना  Comparison of Kautilya and Machiavelli


 

कौटिल्य ने पुस्तक "अर्थशास्त्र" तथा मैकियावेली ने अपनी पुस्तक दि प्रिंस" में अपने राजनीतिक विचारों का उल्लेख किया है। कुछ पाश्चात्य विचारक कौटिल्य को मैकियावेली का अग्रदूत मानते है तथा उसकी तुलना मैकियावेली से करते है। कौटिल्य एवं मैकियावेली में अनेक स्थानों पर समानता दिखती है तथा अनेक स्थान पर असमानता दिखती है।


मैकियावेली से कौटिल्य की समानता वाले प्रमुख तत्व निम्न है 

  1. दोनों राजा को असीमित शक्तियाँ देने के पक्षधर है। वे राजा को सर्वोच्च निर्णायक मानते है।
  2. दोनों ही राज्य की एकता एवं विस्तारवादी नीति के समर्थक हैं।
  3. दोनों ने को राज्य की विस्तार एवं विदेश नीति का प्रमुख आधार माना है। 
  4. दोनों ही कठोर राष्ट्रवादी थे। वे राज्य की एकता स्थापित करने के पक्षधर थे। 
  5. दोनों ही यर्थाथवादी थे। दोनों के राजनीतिक सिद्धान्त यर्थात पर आधारित थे। 
  6. दोनों ही विदेश नीति पर बड़ा बल दिया। दोनों ही पड़ोसी राज्य को शंका से देखते हैं। 
  7. दोनों ने गुप्तचर पर विशेष बल दिया। दोनों गुप्तचरों को राज्य की आंख एवं कान माना। दोनों ने गुप्तचरों का विस्तृत विवेचन किया है। 
  8. दोनों ने राज्य के उद्देश्य की पूर्ति के लिये नैतिकता के उल्लघंन को सही ठहराया है। इसके लिये साम, दाम, दण्ड, भेद की नीति को सही ठहराया है।


कौटिल्य और मैकियावेली में अंतर:- 

कौटिल्य एवं मैकियावेली में कुछ बिन्दुओं पर अंतर दिखता है:


  1. कौटिल्य एक आचार्य था। वह सादा एवं संयमित जीवन का समर्थक था। वही मैकियावेली न तो आचार्य था और न ही सन्यासी था। 
  2. कौटिल्य ने "अर्थशास्त्र" अपने लक्ष्य की प्राप्ति अर्थात मौर्य वंश की स्थापना के बाद की वहीं मैकियावेली ने इसकी रचना अपने जीवन के निराशाजनक पल में की थी । उसने प्रिंस की रचना तब की जब वह राजनीतिक रूप से निष्कासित हो चुका था। 
  3. प्रिंस केवल राजनीति से सम्बन्धित है जबकि "अर्थशास्त्र" राजनीति तथा मानव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र से जुड़ी है। 
  4. मैकियावेली मानव के प्रति नकरात्मक दृष्टिकोण रखता है जबकि कौटिल्य का दृष्टिकोण निराशाजनक नहीं है। 
  5. मैकियावेली का मुख्य उद्देश्य राज्य की सुरक्षा को बनाये रखना है जबकि कौटिल्य का उद्देश्य व्यापक राज्य एवं शासन व्यवस्था का प्रतिपादन करना है। 
  6. कौटिल्य परम्परावादी है जबकि मैकियावेली आधुनिक है। 
  7. कौटिल्य राजतन्त्र का समर्थन करता है जबकि मैकियावेली ने राष्ट्रवाद का बीजारोपण किया है ।
  8. कौटिल्य ने विदेश नीति पर प्रकाश डाला है। इसके लिये राजदूत आदि का व्यापक वर्णन किया है। जबकि मैकियावेली में इसका अभाव है।

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