मध्य प्रदेश में ऊर्जा से संबन्धित योजनाएँ | Energy related schemes in Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश में ऊर्जा से संबन्धित योजनाएँ
सम्पूर्ण जानकारी मध्य प्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2020-2021 पर आधारित
इंदिरा गृह ज्योति योजना :
- फरवरी 2019 से इंदिरा गृह योजना लागू की गई थी, जिसमें मात्र संबल योजना के पात्र घरेलू उपभोक्ताओं को 150 यूनिट तक की मासिक खपत पर 100 यूनिट की खपत हेतु अधिकतम 100 रूपये का बिल दिया जा रहा है एवं शेष राशि राज्य शासन द्वारा वहन की जा रही है।
- ऐसे उपभोक्ताओं को 101 से 150 यूनिट खपत के लिये टैरिफ आदेश अनुसार दर लागू होगी । योजना के अंतर्गत 100 वाट तक के संयोजित भार के 30 यूनिट तक की मासिक खपत वाली उपभोक्ता श्रेणी के अनुसूचित जाति/जनजाति के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 25 रूपये का बिल दिया जा रहा है एवं अंतर की राशि राज्य शासन द्वारा सब्सिडी के रूप में दी जा रही है।
- योजना हेतु वर्ष 2020-21 के बजट में राशि रूपये 2581.00 करोड़ की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। इस योजना से प्रदेश के लगभग एक करोड़ घरेलू उपभोक्ता अर्थात् प्रतिमाह औसत 85 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ता लाभान्वित हुये है।
इंदिरा किसान ज्योति योजना
- प्रदेश में इंदिरा किसान ज्योति योजना लागू की गई है, जिसमें 10 हार्सपावर तक के स्थायी कृषि पंप कनेक्शनों को पूर्व में लिए जा रहे 1400 रूपये प्रति हार्सपावर के स्थान पर 700 रूपये प्रति हार्सपावर प्रतिवर्ष की फ्लेट रेट से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है साथ ही 10 हार्सपावर तक के मीटरयुक्त स्थायी कृषि पंप कनेक्शन एवं अस्थायी कृषि पंप कनेक्शनों को भी पूर्व में देय ऊर्जा प्रभार में 50 प्रतिशत की रियायत दी गई है शेष राशि का भुगतान राज्य शासन द्वारा किया जा रहा है । वर्ष 2020-21 में राज्य शासन द्वारा राशि रूपये 4599.40 करोड़ की सब्सिडी का प्रावधान रखा गया है।
- इंदिरा किसान ज्योति योजना के अतिरिक्त एक हेक्टेयर तक की भूमि वाले 8 लाख अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों को 5 हार्सपावर तक के कृषि पंप कनेक्शनों हेतु नि:शुल्क बिजली दी जा रही है, जिसके एवज में राज्य शासन बिजली कंपनियों को वर्ष 2019-20 में रूपये 2305.27 करोड़ वार्षिक की सब्सिडी प्रदान की गई है तथा वर्ष 2020-21 में राशि रूपये 1300 करोड़ सब्सिडी अनुमानित है
फीडर विभक्तिकरण योजना
- इस योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पृथक-पृथक 11 केवी फीडरों के माध्यम से घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे तथा कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है योजना हेतु ग्रामीण विद्युतीकरण निगम द्वारा राशि रुपये 1722 करोड़ तथा एशियन विकास बैंक से रुपये 1944 करोड़ का ऋण स्वीकृत हैं तथा राज्य शासन द्वारा रुपये 485 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई है योजनांतर्गत लगभग 100 प्रतिशत फीडरों का इलेक्ट्रिकल सेपरेशन कर कुल 6693 फीडर विभक्त किये गये हैं फीडर विभक्तिकरण योजना अंतर्गत किये गये कार्यों के फलस्वरूप इन क्षेत्रों में तकनीकी हानियों में कमी के साथ-साथ विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता कार्यों के फलस्वरूप इन क्षेत्रों में कृषि कार्य हेतु 10 घंटे विद्युत उपलब्ध हुई है तथा सांयकालीन शीर्षमांग अवधि में विद्युत की मांग का बेहतर प्रबधन संभव हुआ है।
मध्य प्रदेश फ्लेट रेट योजना
- स्थायी कृषि पंप उपभोक्ताओं के लिये फ्लेट रेट योजना प्रदेश में लागू की गई है । योजना अंतर्गत वर्ष 2017-18 में कृषि उपभोक्ताओं को वर्ष में 2 बार (छ: माही आधार पर) समान किश्तों में 1400 रुपये प्रति अश्वशक्ति वार्षिक बिल देय है ।
- नियामक आयोग द्वारा लागू टैरिफ से कृषक द्वारा देय राशि के अंतर की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा टैरिफ सब्सिडी के माध्यम से वितरण कंपनियों को की जा रही है ।
- वर्तमान में इस योजना के अंतर्गत 10 एचपी तक के कृषक उपभोक्ताओं को इंदिरा किसान ज्योति योजना में सम्मिलित करते हुए बिजली दर आधी अर्थात रूपये 700 प्रति अश्वशक्ति वार्षिक की गई है । 10 एचपी से अधिक क्षमता वाले विद्युत पंप कनेक्शनों को पूर्ववत् लाभ दिया जा रहा है ।
स्वयं का ट्रांसफार्मर लगाने की योजना ( ओ.वाय.टी.) :
- राज्य शासन द्वारा कृषकों को शीघ्र स्थायी सिंचाई पंप कनेक्शन दिये जाने के दृष्टिगत कृषकों के लिये "स्वयं का ट्रांसफार्मर" लगाये जाने की योजना लागू की गई है इस योजना में किसान अपने व्यय से, निर्धारित मापदंड के अनुसार ट्रांसफार्मर स्थापित कर सकते है इस योजना के अंतर्गत कृषकों को समूह में भी ट्रांसफॉर्मर स्थापित किये जाने का प्रावधान किया गया है। इस योजना के प्रांरभ से नवम्बर, 2020 तक 71.52 हजार ट्रांसफॉर्मर की स्थापना के कार्य पूर्ण किये जा चुके है ।
मध्य प्रदेश में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा से संबन्धित योजनाएँ
उजाला योजना
- उर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग करके बिजली की बचत करने को बढावा देने के लिये वर्ष 2016 में एल.ई.डी. बल्ब, टयूबलाईट एंव 5-स्टार रेटेड के पंखों को उचित मूल्य पर उपभोक्ताओं को डाकघर म.प्र. उर्जा विकास निगम के जिला कार्यालयों, अक्षय उर्जा विद्युत वितरण केन्दों इत्यादि से उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्ष 2019 20 में 1.58 लाख नग बल्ब, 1.06 हजार नग टयूबलाईट तथा 1.8 हजार नग 5-स्टार रेटेड पंखों का वितरण किया गया। वर्ष 2020-21 में माह नवम्बर, 2020 तक 12.91 हजार नग बल्ब, 104 नग टयूबलाईट एवं 32 नग 5-स्टार पंखों का वितरण किया जा चुका है जिससे सालाना 3600 मिलियन यूनिट बिजली की बचत होगी तथा उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों में सालाना रुपये 2500 करोड़ की कमी आयेगी।
डी.डी.जी. कार्यक्रम (ऑफ ग्रिड)
- डी. डी.जी कार्यक्रम के अन्तर्गत, स्थानीय ग्रिड के माध्यम से घर-घर एवं अन्य व्यवसायिक गतिविधियों हेतु विद्युत व्यवस्था की जाती है। वर्ष 2018-19 में 21 ग्राम विद्युतीकृत हुये।
सोलर फोटोवोल्टिक रूफ टॉप (आफ ग्रिड)
- प्रदेश के आदिवासी छात्रावासों/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों/जेलों/शैक्षणिक संस्थाओं इत्यादि में निर्बाध रूप से विद्युत प्रदाय हेतु सोलर फोटोवाल्टिक पावर पैक की स्थापना की गई। प्रदेश में 28800.23 किलोवाट क्षमता के सयंत्र स्थापित किये गये हैं, जिनमे मुख्यतः शासकीय भवन वन विभाग, एयरपोर्ट टी.टी.नगर स्टेडियम, पुलिस विभाग की दूरस्थ ग्रामीण चौकियों/थानों पातालकोट क्षेत्र के ग्रामों एवं अन्य संस्थायें सम्मिलित हैं। वर्ष 2019-20 में 3400 किलोवाट क्षमता के संयंत्र स्थापित किये गये है। वर्ष 2020-21 में माह नवम्बर तक 2800 किलोवाट के संयंत्र स्थापित किये गये है तथा वर्ष के अंत तक 3200 किलोवाट क्षमता के संयंत्र स्थापित किये जाने का लक्ष्य है ।
सोलर फोटोवोल्टिक स्ट्रीट लाईट एवं होम लाईट (ऑफ ग्रिड)
- प्रदेश के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में सोलर फोटोवोल्टिक स्ट्रीट लाईट एवं होम लाईट के माध्यम से प्रकाश व्यवस्था उपलब्ध कराई जाती है। अब तक 17.24 हजार स्ट्रीट लाईट एवं 13.23 हजार होम लाईट संयंत्र स्थापित किये जा चुके हैं।
सोलर पम्प कार्यक्रम (आफ ग्रिड)
- प्रदेश के कृषकों एवं आम जन हेतु सिंचाई पेय जल व्यवस्था के लिये सोलर पम्प की स्थापना की जाती है । वर्तमान में 22.67 हजार नग सोलर पम्प स्थापित किये जा चुके हैं। वर्ष 2020-21 में 8000 नग सोलर पम्प स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है जिसके विरूद्ध नवम्बर 2020 तक 4508 नग सोलर पम्प स्थापित किये गये है।
सूर्यमित्र स्किल डेवलेपमेंट कार्यक्रम
- आई.टी. आई / डिप्लोमा उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को सौर उर्जा से संबंधित स्थापना, कमिशनिंग एवं संचालन रखरखाव हेतु, राष्ट्रीय सौर उर्जा संस्थान (NISE) भारत सरकार द्वारा तीन माह का निशुल्क आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम वर्ष 2015-16 से प्रारंभ किया गया है। अभी तक 312 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है इन प्रशिक्षित छात्र-छात्राओं को प्रदेश में स्थापित/स्थापनाधीन सौर पावर प्लान्ट्स में रोजगार प्रदान किये जाने हेतु प्रयास किये जा रहें हैं।
मध्य प्रदेश में बायोमास
- कृषि अवशिष्टों से बायोमास आधारित केप्टिव/थर्मल/इलेक्ट्रिकल/ कोजनरेशन/कम्बस्चन तकनीक पर आधारित संयंत्र स्थापित किये जाते है। अब तक कुल 36.996 मेगावाट क्षमता के संयंत्र स्थापित किये जा चुके हैं। जिसमें मुख्यत: बेकरी/इंडस्ट्रीज इत्यादि सम्मिलित हैं। राईस मिल्स क्षेत्रों व अन्य क्षेत्रों में बायोमास गैसी फिकेशन आधारित कैप्टिव पावर जनरेशन प्लांट एवं वैकरीज/अन्य उद्ययोग में कैप्टिव थर्मल पावर आधारित प्लांट स्थापित किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। वर्ष 2020-21 में भारत सरकार द्वारा स्वीकृत 350 किलोवाट क्षमता के बायोमास गैसिफायर संयत्र स्थापना की प्रगति पर है ।
महेंद्र कुशवाह
ReplyDeleteVidhut transformer karshi hetu 2021 ki yojna ke ta
ReplyDeletehat kitne me lgta hai