कौटिल्य का स्थानीय शासन |Kautilya's Local Government
कौटिल्य का स्थानीय शासन Kautilya's Local Government
क्या कौटिल्य सत्ता के विकेन्द्रीयकरण का समर्थक था ?
कौटिल्य ने प्रशासन के सबसे निचले हिस्से पर
अर्थात स्थानीय शासन का भी उल्लेख किया है। वह राजा के द्वारा गो, स्थानिक और नगराध्यक्ष आदि अधिकारियों
की नियुक्ति का समर्थन करता है। उसके द्वारा वर्णित प्रमुख स्थानीय प्रशासन के
अधिकारी निम्न है:-
1.गोपः-
- यह स्थानीय शासन का प्रमुख पदाधिकारी था । वह पांच से दस ग्रामों का जिम्मेदार था। इन ग्रामों की सम्पूर्ण जिम्मेदारी गोप की होती है।
2.स्थानिकः-
- यह गोप के ऊपर स्थापित एक महत्वपूर्ण पदाधिकारी था। जिले के समस्त गोप उसके अधीन थे।
3.नगराध्यक्षः-
प्रत्येक नगर का अध्यक्ष नगराध्यक्ष कहलाता है।
इस प्रकार यह स्पष्ट हो जाता है कि कौटिल्य ने प्रशासन की व्यापक एवं सुचारू व्यवस्था की थी। उसने प्रशासन के प्रत्येक पहलू पर न केवल ध्यान दिया वरन उसके लिये अलग विभाग एवं पदाधिकारी नियुक्त किया। कौटिल्य ने प्रशासन को अनेक भागों में बांटा। कौटिल्य की सम्पूर्ण प्रशासनिक व्यवस्था में स्थानीय प्रशासन को भी स्थान दिया गया है। वह सत्ता के केन्द्रीयकरण के स्थान पर विकेन्द्रीयकरण का समर्थक था।
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