विश्व के प्रमुख पठार |Major plateaus of the world
विश्व के प्रमुख पठार |Major plateaus of the world
विश्व के प्रमुख पठार
ग्रीनलैण्ड का पठार Green Land Pathar
- अन्ध महासागर के उत्तरी भाग में लगभग 21,75,600 वर्ग किमी क्षेत्र में हिम से ढका विशाल पठार है. जिसे ग्रीनलैण्ड का पठार कहते हैं.
- संरचनात्मक दृष्टि से ग्रीनलैण्ड लॉरेन्शियल शील्ड का ही विस्तार है और एक विस्तृत व ऊबड़-खाबड़ पठार है.
- इसका निर्माण पूर्व कैम्ब्रियन युग की नीस और ग्रेनाइट शैलों से हुआ है.
- यह उत्तर से दक्षिण 2,650 किमी लम्बा और पूर्व से पश्चिम अधिकतम 1,200 किमी चौड़ा है. इसकी तटरेखा 39,310 किमी लम्बी है.
अलास्का का पठार Alaska Ka Pathar
- इसे यूकन का पठार भी कहते हैं; क्योंकि इसका निर्माण यूकन और उसकी सहायक नदियों द्वारा किया गया है.
- कनाडा की ओर इसकी ऊँचाई लगभग 900 मीटर है. इसके उत्तर की ओर 1200 मीटर ऊँची अलास्का रेन्ज है.
- यहाँ का मुख्य क्षेत्र सीवर्ड प्रायद्वीप है।
- तटरेखा के समीप अनेक लैगून झीलें पाई जाती है.. इस पठार का ढाल पश्चिम की ओर है.
कोलम्बिया का पठार Kolambiya Ka Pathar
- यह सं.रा.अ के ओरेगन, वाशिंगटन और इडाहो राज्यों के मध्य स्थित है.
- इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 4,62,500 वर्ग किमी है जो लगभग 1800 मीटर ऊँचा है.
- इसके मध्य में अनेक क्रियाशील ज्वालामुखी पाए जाते हैं.
ग्रेट बेसिन का पठार Great Basin Ka Pathar
- यह कोलम्बिया पठार के दक्षिण में कोलोरेडो और कोलम्बिया नदियों के मध्य 5,25,000 वर्ग किमी क्षेत्र में विस्तृत है.
- इसका विस्तार ओरेगन, नेवादा, यूटाह और इडाहो राज्यों में पाया जाता है. यह अन्तःप्रवाह क्षेत्र है.
- इस भू-भाग की छोटी-छोटी नदियाँ 'साल्ट लेक' में गिरती हैं.
- इस महान् बेसिन के समीपवर्ती भाग के चारों ओर तीव्र ढाल वाले पर्वत स्थित हैं, जिनके मध्य सीधे खड़े किनारों वाली गहरी घाटियाँ हैं, जिनमें मृत घाटी (Death Valley) सबसे अधिक गहरी है.
कोलोरेडो का पठार Koloredeo Ka Pathar
- यह पठार ग्रेट बेसिन के दक्षिण में स्थित है; इसका विस्तार यूटाह और ऐरेजोना राज्यों में है.
- सम्पूर्ण पठारी भाग 1500 मीटर से 3000 मीटर तक ऊँचा है.
- इस पठार के मध्य कोलोरेडो नदी बहती है. जो संसार की सबसे गहरी घाटी का निर्माण करती है, अतः कोलोरेडो नदी के अनेक खण्ड बन गए हैं; जो विश्व प्रसिद्ध 1.5 किमी गहरी ग्राण्ड कैनियन (Grand Canyon) खण्ड घाटी का निर्माण करती है.
मैक्सिको का पठार Mexico Ka Pathar
- यह पठार पश्चिमी सियरामाद्रे और पूर्वी सियरामाद्रे पर्वत-श्रेणियों के मध्य स्थित है.
- इसके पूर्व - में लावा निर्मित पठार पाए जाते हैं. इन पठारों को नदियों ने अनेक स्थानों पर काट दिया है जिसके परिणामस्वरूप अनेक गहरी कन्दराओं का निर्माण हो गया है,
- यहाँ पर ज्वालामुखी प्रवाह की कठोर शैलें पाई जाती हैं. इसे 'ज्वालामुखी पठार' भी कहते हैं.
चियापास का पठार Chiyapas Ka Pathar
- चियापास का पठार दक्षिणी मैक्सिको में प्रशान्त महासागर के तट पर स्थित है.
- इस पठार के दक्षिण-पश्चिम में तेहुआन्टेपेक की खाड़ी और पूर्व में ग्वाटेमाला उत्तर में तबास्को और पश्चिम में वेराक्रुज और ओकस्का स्थित हैं. यह उपजाऊ शीतोष्ण पठार है.
ब्राजील का पठार Brajil Ka Pathar
- दक्षिणी अमरीका के मध्य पूर्वी भाग में ब्राजील का पठार त्रिभुजाकार रूप में विस्तृत है.
- उत्तर पूर्व में केप राक से प्रारम्भ होकर दक्षिण में रियो ग्रेडों डी सुल तक इसका विस्तार है.
- उत्तरी पार्श्व लम्बी सँकरी घाटियों से कट फुट गया है और पश्चिमी पार्श्व में मदेरिया तथा पराग्वे नदियों की घाटियाँ हैं पठार का मध्य पूर्व भाग अत्यन्त कठोर वलित चट्टानों से निर्मित होने के कारण अभी तक क्षय से बचा हुआ है .
- यह पठार खनिज सम्पदा के दृष्टिकोण से अत्यन्त धनी है
बोलिविया का पठार Boliviya Ka Pathar
- बोलिविया राज्य में एण्डीज पर्वतमाला में एक ऊँचे उठे हुए पठार के सादृश्य है जिसके दोनों ओर ऊँची श्रेणियाँ हैं पश्चिम की ओर पेरू मध्यवर्ती पर्वतमाला का भाग है जो दक्षिण में चिली की ओर चली जाती है तथा पूर्व में पेरू की कार्डिलेरा डेकटाबाया का भाग जो अविच्छिन्न रूप में है यह पठार 8 किमी लम्बा है और 128 किमी चौडा इसकी औसत चौडाई 3.110 मीटर है
मेसेता का पठार Meseta Ka Pathar
- स्पेन आइबेरियन प्रायद्वीय पर मेसेता का पठार स्थित है, जिसकी सीमाएं ऐतिहासिक कासिल शासन के बराबर है इस पठार की औसत ऊँचाई लगभग 610 मीटर है.
- यह चारों ओर से पर्वतों से घिरा है इसके उत्तर कार्डिलेरा केन्टाब्रिका, दक्षिण-पूर्व में सिस्टेमा आइबेरिको के न्टाब्रिका, दक्षिण सियरा मोरेना. उत्तर-पश्चिम में उत्तरी पुर्तगाल स्थित है
तिब्बत का पठार Tibbat Ka Pathar
- यह पठार हिमालय पर्वत के उत्तर और क्यूनलुन पर्वत के दक्षिण में 4000 से 5000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है.
- इसके पूर्व में सीकाग और पश्चिम में हिन्दुकुश तथा कराकोरम की श्रेणियाँ स्थित हैं .
- इस पठार से सिन्धु. सतलज, ब्रह्मपुत्र., मीकांग, यांगटिसीक्यांग और ह्वांगहो नदियाँ निकलती हैं यहाँ पर कई छोटी-बड़ी झीलें भी हैं
मंगोलिया का पठार Mangoliya Ka Pathar
- यह चीन के उत्तरी मध्य भाग में मंगोलिया गणराज्य में स्थित है .
- यह एक शुष्क पठार मंगोलिया के पूर्वी भाग में विस्तृत है, जो बहुत ऊँचा नीचा है इसके पूर्व की ओर वृहत् खिंगन श्रेणी का दक्षिणी भाग स्थित है.
- मिनशान तथा होलान पर्वत इसके मध्य में स्थित हैं इसका पूर्वी भाग पूर्णतः मरुस्थलीय है.
यून्नान-इण्डोचीन का पठार Unan Indochin Ka Pathar
- दक्षिणी एशिया के पूर्वी प्रायद्वीप पर यह पठारी प्रदेश स्थित है इसके अन्तर्गत म्यांमार का शान प्रदेश, दक्षिणी-पश्चिमी चीन तथा हिन्द-चीन देश सम्मिलित हैं .
- इस पठार पर कठोर प्राचीन शैलें पाई जाती हैं. इस भाग पर सालबिन, सीकांग, मीकांग, मीनाम आदि नदियाँ प्रवाहित होती हैं, जिन्होंने इसे कटे-फटे पठार के रूप में परिवर्तित कर दिया है और गहरी व संकीर्ण घाटियाँ बना दी हैं पठार के मध्य भाग में चूना पत्थर की शैलें भी पाई जाती हैं.
ईरान का पठार Iran Ka Pathar
- ईरान का लगभग आधा भाग पठारी है, इसे एशिया माइनर का पठार या ईरान का मध्यवर्ती पठार भी कहते हैं.
- इसकी औसत ऊँचाई 900-1500 मीटर के मध्य है इस अन्तः- पर्वतीय पठार की संरचना अनेक आन्तरिक बेसिनों से हुई है तृतीय कल्प के पूर्व यहाँ झील थी, जो सूखकर बेसिन बन गई पठार पर लावायुक्त मिट्टी व अनेक खनिज पदार्थ पाए जाते हैं तेहरान इसी भाग में स्थित है.
अरब का पठार Arab Ka Pathar
- यह दक्षिण- पश्चिम एशिया में स्थित है इस पठार के पूर्व में फारस की खाड़ी, दक्षिण में अरब सागर, पश्चिम में लाल सागर और उत्तर पश्चिम में भूमध्यसागर स्थित है .
- इस पठार का ढाल दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर है यह पठार प्राचीन कठोर शैलों से निर्मित है जो शुष्क होने के कारण पत्थरों की टूट-फूट से यहाँ पर मोटी बालू बिछ गई है जिसके बड़े-बड़े टीले यत्र-तत्र दृष्टि गोचर होते हैं.
अनातोलिया का पठार Anatoliya Ka Pathar
- टर्की में पोन्टिस एवं टारस श्रेणियों के मध्य एजियन तट से आर्मीनिया गाँठ तक अनातोलिया का पठार विस्तृत है इसे टर्की का पठार भी कहते हैं.
- यह पठार कहीं सपाट और कहीं है लहरदार है. इसकी औसत ऊँचाई 800 मीटर है इसके बीच-बीच में ज्वालामुखी निक्षेप के कारण अनेक उभरी आकृतियाँ निर्मित हो गई हैं .
- पठार के धरातल पर कोरूह, मेजीजीरमेक, कोजीलरिमेक, संक- रण्य आदि नदियाँ बहती हैं. यहाँ पर अनेक खारी व मीठे पानी की झीलें हैं जिसमें तुज, बेसहीर, इग्रीडोर, अक्सेहीर के नाम उल्लेखनीय हैं इस प्रदेश में खनिज पदार्थों उत्खनन का कार्य बढ़ रहा है
दक्कन का पठार Dakkan Ka Pathar
- यह पठार दक्षिण भारत में स्थित है. यह प्राचीन शैलों से निर्मित है और प्राचीन भूखण्ड गोण्डवाना लैण्ड का अंग है.
- इसे तीन ओर से प्राचीन पर्वत श्रेणियों ने घेर रखा है इसके पूर्व में पूर्वीघाट और पश्चिम में पश्चिमी घाट की श्रेणियाँ हैं.
- इसके उत्तर में विंध्याचल और सतपुड़ा की श्रेणियाँ हैं. इस प्रदेश में महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी नदियाँ पश्चिम से पूर्व की ओर बहकर बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं. अतः इस पठार के पूर्वी के तट पर नदियों के डेल्टाई मैदान पाए जाते हैं।
अबीसीनिया का पठार Abisiniya Ka Pathar
- यह पठार पूर्वी अफ्रीका के इथोपिया एवं सोमालिया में विस्तृत है.
- जुरासिक से टर्शियरी युग तक यह अनेक भूगर्भिक हलचलों से प्रभावित हुआ है. इसी के परिणामस्वरूप यहाँ पर दरार घाटी का निर्माण हुआ है.
- यह दरार घाटी दक्षिण में रुडोल्फ झील से प्रारम्भ होती है इस भाग में स्टेकोनी, अबाया, अबूसा आदि झीलें हैं.
दक्षिणी अफ्रीका का पठार South Afrca Ka Pathar
- इस पठार के अन्तर्गत दक्षिण अफ्रीका केप राज्य, नेटाल, बसूतोलैण्ड का भाग आता है.
- यह पठार लगभग समतल है, इस पठार की औसत ऊँचाई केन्द्रीय भाग को छोड़कर हर स्थान पर 1200 मी से अधिक है पठार के पश्चिमी, दक्षिणी एवं पूर्वी भागों का ढाल केन्द्रोन्मुख है.
मेडागास्कर का पठार MedaGaskar Ka Pathar
- मेडागास्कर द्वीप अफ्रीका के दक्षिण-पूर्व में हिन्द महासागर में स्थित है इस द्वीप का मध्यवर्ती भाग पठारी है, जो मेडागास्कर या मालागासी के पठार के नाम से विख्यात है.
- इस पठार की औसत ऊँचाई 1,000 से 1,500 मीटर के मध्य है इसकी संरचना ग्रेनाइट, क्वार्ट्ज, क्रिस्टलीय व रवेदार शैलों से हुई है .
- इस पठार का ढाल दक्षिण मैदान की ओर है इसे नदियों ने काट-फाट दिया है इस भाग में अनेक ज्वालामुखी मिलते हैं.
आस्ट्रेलिया का पठार Australia Ka Pathar
- आस्ट्रेलिया के लगभग आधे पश्चिमी भाग में आस्ट्रेलिया का पठार विस्तृत है.
- यह भौमिकीय संरचना और उच्चावच की दृष्टि से लगभग एक-सा है, यहाँ पर आग्नेय शैलें पाई जाती हैं .
- इसकी समान्य ऊँचाई 180 से 600 मी के मध्य है.
- इस पठार का दक्षिणी भाग मरुस्थलीय है. पठार का पश्चिमी भाग अधि कांशतः 900 से 1200 मीटर ऊँचा है.
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