मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम पर योजनाएं |MP Govt. Scheme in Hindi
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम पर योजनाएं MP Govt. Scheme in Hindi
मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना Chief Minister Mazdoor Suraksha Yojana
- असंगठित खेतिहर मजदूरों को सरकारी सुविधाएँ देने के लिये 20 सितंबर 2007 को एक महत्वाकांक्षी योजना 'मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना की घोषणा हुई। 11 अक्टूबर, 2007 से लागू की गई यह योजना जून, 2008 से कृषि विभाग से सामाजिक न्याय विभाग को अन्तरित की गई है। योजना भूमिहीन खेतिहर श्रमिकों के लिये संचालित है जिसके पंजीयन हेतु ग्राम पंचायतों को अधिकृत किया गया है। योजना के अन्तर्गत प्रसूति सहायता, छात्रवृत्ति/ मेधावी छात्र पुरस्कार, विवाह सहायता, चिकित्सा सहायता एवं दुर्घटना मृत्यु की स्थिति में अनुग्रह सहायता दिये जाने का प्रावधान है। योजनान्तर्गत कन्या के विवाह हेतु 50 हजार रूपये तथा आयोजक को 1.00 लाख रूपये देने का प्रावधान है। चिकित्सा/दुर्घटना में उपचार हेतु हितग्राही को 20 हजार रूपये तक प्रति परिवार प्रति वर्ष तक स्वीकृत किये जाते है।
- इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत मजदूर की पत्नी को 2 प्रसूती के लिए 6 सप्ताह की मजदूरी एवं पति को 15 दिवस की मजदूरी सहित 1.400 रु. की नगद राशि देने का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री आश्रय (अपना घर) योजना Chief Minister's shelter (Apna Ghar) scheme
- इस योजना के तहत गरीबों को आवासीय भूमि के अधिकार पत्र प्रदान कर सरकार आगामी पाँच वर्षों में बुनियादी सुविधायुक्त पक्के मकान उपलब्ध कराएगी। इस योजना का शुभारंभ 13 जुलाई, 2008 में भोपाल से किया गया। योजना का क्रियान्वयन इंदिरा आवास योजना की मार्गदर्शिका के अनुसार । पूर्व में यह योजना प्रधानमंत्री ग्रामोदय ग्रामीण आवास योजना के नाम से क्रियान्वित थी।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना Mukhyamantri Kanyadan Yojana
मुख्यमंत्री निकाह योजना Mukhyamantri Nikah Yojana
- मध्यप्रदेश शासन द्वारा गरीब, जरूरत मंद, निराश्रित/ निर्धन मुस्लिम परिवारों की विवाह योग्य कन्या/ विधवा / परित्यक्ता के सामूहिक विवाह हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने हेतु 2012-13 से प्रारंभ। योजना में आर्थिक प्रावधान कन्यादान योजना के समकक्ष है।
मुख्यमंत्री कन्यादान अभिभावक योजना ( 1 अप्रेल 2013)
- मात्र जीवित कन्या के अभिभावक को 500 रू प्रतिमाह पेंशन, जो 1 अप्रैल, 2019 से 600 रू प्रतिमाह की गयी, जिनमें पति या पत्नी में से कोई एक 60 वर्ष या अधिक का हो तथा वह आयकर दाता नहीं हो। इनके जीवित पुत्री हो किन्तु पुत्र नहीं हो।
मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना
26 अप्रैल 2008 को गरीब नागरिकों के लिए सस्ते मूल्य पर अनाज वितरण की महत्वपूर्ण योजना "मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना" का शुभारंभ । योजना के तहत बी.पी.एल. परिवारों को 2013 से 1 रूपये किलो गेहूँ, 1 रू. किलो चावल एवं 1 रू. किलो नमक ।
मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना
- प्रदेश के वृद्धजनों को तीर्थ यात्रा कराने के उद्देश्य से 19 अप्रैल, 2012 को मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना प्रारम्भ की गयी जो रामेश्वरम दर्शन से प्रारंभ हुई। इस योजना के अन्तर्गत सभी धर्मों एव समुदाय के व्यक्ति अपनी पसंद के अनुसार धर्म स्थल की यात्रा कर सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत तीर्थ यात्रा में बद्रीनाथ, केदारनाथ, जगन्नाथ, द्वारका, हरिद्वार, अमरनाथ, वैष्णोदेवी, तिरूपति, बालाजी, अमजमेर शरीफ, शिर्डी, गया, रामेश्वरम्, अमृतसर, एवं सम्मेद शिखर को शामिल किया गया है। इस योजना में बुजुर्गो (60 वर्ष की आयु से अधिक) को तीर्थ यात्रा करने के लिए आर्थिक और 65 वर्ष से अधि कि उम्र के बुजुर्ग लोग अपने साथ इस यात्रा में एक सहायक को साथ ले जा सकेंगे योजनान्तर्गत प्रति वर्ष न्यूनतम 1 लाख लोगों को यात्रा करवाई जाएगी ।
मुख्यमंत्री मानवश्रम रहित ई-रिक्शा योजना
- प्रारंभ : जनवरी-2017 में।
- उद्देश्य : शहरी गरीबों को ई रिक्शा, ई-लोडर प्रदान कर उनकी
- आय में वृद्धि करना तथा श्रम की बचत करना। योजना का वित्त पोषण मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना द्वारा होगा ।
मुख्यमत्री ग्रामीण आवास मिशन Chief Minister Rural Housing Mission
- मध्यप्रदेश में लगभग 37 लाख से अधिक ग्रामीण आवासीय आवश्यकता की पूर्ति के लिये मुख्यमंत्री की पहल पर विधानसभा में पारित संकल्प के 61(2010) के अनुरूप मुख्यमंत्री द्वारा 22 जनवरी 2011 को मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन का शुभारंभ ।
मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना
- केन्द्रीय वित्त पोषित इस योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश भारत में तृतीय स्थान पर है।
- 378 नगरीय निकायों में अधोसंरचना विकास योजना के कार्यों की सैध्दांतिक स्वीकृत जारी की गई है।
मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना
- प्रारंभ : 2015-16 वित्त वर्ष से।
- अवयव गरीब परिवार (बी.पी.एल.) को स्वरोजगार में स्थापित करना।
- योजनागत 20 हजार रुपये तक का ऋण दिया जाता है। : इस ऋण राशि का 50 प्रतिशत या अधिकतम 10 हजार रुपए की राशि म.प्र. शासन द्वारा उपलब्ध करायी जाती है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना
- ग्रामीण क्षेत्र में सामान्य क्षेत्र के पाँच सौ और आदिवासी क्षेत्र के 250 से कम आबादी वाले राजस्व ग्रामों में ग्राम सड़क बनाने के लिये वर्ष 2010-11 से मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू। 2013 तक ऐसे सभी ग्रामों के बारहमासी सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य जो ग्राम प्रधानमंत्री सड़क योजना के दायरे में नहीं आते है। तीन चरणों में 19 हजार 386 कि.मी. ग्रेवल सड़क । प्रथम चरण में 27820 सड़कों तथा 11954 पुल-पुलियों को स्वीकृति।
मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग स्व-रोजगार योजना
मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना
युवाओं को स्वयं के उद्योग-व्यवसाय शुरू करने
में मदद के लिए 1 अप्रैल, 2013 से लागू। योजना में 50 हजार युवा को सहायता देने का लक्ष्य है।
योजना का क्रियान्वयन ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा
शहरी क्षेत्रों में वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग के माध्यम से किया जायेगा इसका उद्देश्य सभी
वर्ग के युवाओं को स्वयं का उद्योग, सेवा व्यवसाय स्थापित करने के लिए
बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध करवाना है। हितग्राहियों को मार्जिन मनी सहायता तथा
ब्याज अनुदान की सुविधा दी जायेगी। योजना में आय सीमा का कोई बंधन नहीं। योजना
अंतर्गत 20 हजार रुपए से 10 लाख रुपए तक का ऋण प्रदान किया जाता है। सामान्य वर्ग
हेतु परियोजना लागत का 15 प्रतिशत व अधिकतम 1 लाख रुपए तथा बी.पी.एल., अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ महिला, अल्पसंख्यक एवं निःशक्तजन हेतु
परियोजना लागत का 30 प्रतिशत व अधिकतम 2 लाख रुपए की सहायता दी जाती है तथा ब्याज
राशि 5 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से 7 वर्षों तक अधिकतम 25,000 है।
मुख्यमंत्री युवा इंजीनियर-कान्ट्रेक्टर योजना
- प्रदेश के युवा अभियंताओं को कान्ट्रेक्टर के रूप में क्षमता विकसित करने के उद्देश्य से "मुख्यमंत्री युवा इंजीनियर-कांट्रेक्टर योजना तैयार की गई है। योजना मे कसी भी संकाय के इंजीनियरिंग में डिग्री धारी 500 युवा अभियंता को 6 माह का प्रशिक्षण (इन्टर्नेशिप) दिया जायेगा। प्रशिक्षण अवधि में स्नातक अभियंता को 5000 रूपये प्रतिमाह मानदेय दिया जायेगा मैदानी प्रशिक्षण के समय मैदानी भत्ते के रूप में 2000 रूपये प्रतिमाह अतिरिक्त दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना ( 2016-17)
उद्देश्य : 50 हजार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देना । (50 प्रतिशत महिलाएं शामिल)।
(1) प्रदेश के 135 कौशल विकास केन्द्रों द्वारा लागू।
(2) प्रत्येक जिले में 2 नये कौशल विकास केन्द्र
(3) बाद में प्रतिवर्ष 20 हजार युवाओं से प्रशिक्षण
मुख्यमंत्री महिला सशक्ति योजना
- हिंसा पीड़ित महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर समाज/परिवार में पुनर्स्थापित करने की योजना। इसके तहत पीड़ित महिला को कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है। योजना को स्कॉच गोल्ड अवॉर्ड 2015 प्राप्त।
मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना (संबल) -
प्रारंभ : टिमरनी (जिला : हरदा) 13 जून 2018 से।
श्रम विभाग द्वारा संचालित
उददेश्य
2. अनुग्रह राशि भुगतान, उपकरण अनुदान एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश/प्रतियोगी परीक्षा के लिये निःशुल्क कोचिंग योजना।
प्रावधान
2. उपकरण अनुदान योजना के अंतर्गत पंजीकृत असंगठित श्रमिकों को उपकरण क्रय के लिए बैंक से ऋण पर अनुदान(10 प्रतिशत अथवा 5 हजार रूपये दोनों में जो कम होगा)
3. पंजीकृत असंगठित श्रमिकों के बच्चों को व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश तथा प्रतियोगिाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग।
मुख्यमंत्री पेयजल योजना
- 500 से 1000 के बीच की आबादी में पेयजल स्त्रोत उपलब्ध कराना।
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