पर्वत क्या होते हैं | ऊँचाई के आधार पर पर्वतों का विभाजन | What is Mountain in Hindi
पर्वत क्या होते हैं
साधारणतया 'पर्वत' का नाम लेते ही किसी अत्यन्त उच्च भू-भाग का बोध होने लगता है.
प्रायः कहा जाता है कि आस-पास के धरातलीय भाग से 600 मीटर से अधिक ऊँचे भू-भाग 'पर्वत' कहलाते हैं. इस आधार पर विभाजन न्यायो
चित नहीं होगा, क्योंकि तिब्बत का पठार तो 6100 मीटर तक ऊँचा है, उसे तो पर्वत के अन्तर्गत माना जाना
चाहिए. इस प्रकार ऊँचाई के आधार पर पर्वत का निर्धारण नहीं किया जा सकता है. पर्वत
की एक उचित परिभाषा निम्नलिखित प्रकार हो सकती है.
पर्वत की परिभाषा Definition of Mountain
"पर्वत उस श्रेणी अथवा उच्च स्थान को कहते हैं जिसका ढाल तीव्र हो तथा वह अपने समीपवर्ती क्षेत्र से इतना अधिक ऊँचा हो (कम-से-कम 300 मीटर) कि वह दूर से ही स्पष्ट रूप से दिखाई दे सके तथा उसका शिखर क्षेत्र पठार के विपरीत संकुचित हो.'"
प्लेट विवर्तित सिद्धान्त के अनुसार
जहाँ कहीं दो प्लेटों का अभिसरण (Con- vergence) होता है. वहाँ दोनों प्लेटें आपस में टकराती हैं जिससे भूपटल में
सम्पीडन होता है और पर्वतों का निर्माण होता है.
पर्वतों को उनकी भौगोलिक व्यवस्था के अनुसार
निम्नलिखित भागों में बाँटा जा सकता है
(1) पर्वत समूह (Cordillera) -
- पर्वत समूह एक ऐसे सामान्य उच्च प्रदेश को जिसमें विभिन्न काल की भिन्न-भिन्न प्रकार की निर्मित पर्वत श्रेणियाँ, पर्वत तंत्र तथा पर्वत श्रृंखलाएँ पायी जाती हैं. उत्तरी अमरीका का प्रशान्त तटीय पर्वत भाग पर्वत समूह या पर्वत प्रदेश का प्रमुख उदाहरण है. इसे प्रशान्त कार्डिलेरा भी कहते हैं.
(2) पर्वत तंत्र (Mountain System)
- एक ही युग और एक ही प्रकार से निर्मित अनेक पर्वत श्रेणियों के समूह को पर्वत तंत्र कहते हैं. संयुक्त राज्य अमरीका का अप्लेशियन पर्वत तंत्र का सबसे अच्छा उदाहरण है.
(3) पर्वत श्रृंखला (Mountain Chain )
- वह पर्वतमाला जो विभिन्न युगों में भिन्न भिन्न प्रकार से निर्मित लम्बे तथा सँकरे पर्वतों का विस्तार समानान्तर रूप से करती है. अप्लेशियन पर्वतमाला इसका प्रमुख उदा हरण है.
(4) पर्वत श्रेणी (Mountain Range)
- वह पर्वतमाला जिसमें कई कटक, शिखर तथा घाटियाँ सम्मिलित होती हैं, पर्वत श्रेणी कहलाती है. पर्वत श्रेणी का निर्माण एक ही काल में निर्मित विभिन्न पर्वतों के निश्चित क्रम को पर्वत श्रेणी कहा जाता है. हिमालय पर्वत इसका प्रमुख उदाहरण है.
(5) पर्वत वर्ग (Mountain Group)
- पर्वतों का एक उच्च स्थल खण्ड, जिसका कोई निश्चित क्रम नहीं होता है, इन्हें पर्वत समुदाय भी कहते हैं. संयुक्त राज्य अमरीका में कोलोरेडो राज्य में स्थित सान जुआन पर्वत इसका प्रमुख उदाहरण है.
(6) पर्वत कटक (Mountain Ridge)
- संकीर्ण एवं ऊँची पहाड़ियों में लम्बे व सँकरे आकार में मेहराब के रूप में उठे स्थल खण्ड पर्वत कटक कहलाते हैं. अप्लेशियन पर्वत का ब्ल्यूरिज कटक इसका मुख्य उदाहरण है.
(07)एकांकी पर्वत (Isolated Mountain)
- कभी-कभी किसी क्षेत्र में अत्यधिक अपरदन के कारण अथवा ज्वालामुखी क्रिया के कारण एकांकी पर्वतों की रचना हो जाती है. इनके उदाहरण अति अल्प हैं.
ऊँचाई के आधार पर पर्वतों का विभाजन
फिन्च व ट्रिवार्था ने ऊँचाई के अनुसार पर्वतों का निम्नलिखित विभाजन प्रस्तुत किया है
(अ) निम्न पर्वत (Low Mountain)
- जिन पर्वतों की ऊँचाई 700 से 1000 मीटर तक होती है, उन्हें निम्न पर्वत कहते हैं. जैसे विन्ध्याचल पर्वत.
(ब) कम ऊँचे पर्वत या रूक्ष पर्वत (Rough Mountain)-
- इन पर्वतों की ऊँचाई 1000 से 1500 मीटर तक होती है.
(स) असम पर्वत (Rugged Mountain)
- 1500 से 2000 मीटर तक की ऊँचाई के पर्वत साधारण ऊँचे या असम पर्वत कहलाते हैं. अप्लेशियन और अरावली पर्वत इसी श्रेणी के पर्वत हैं.
(द) ऊँचे पर्वत (High Mountain)
- 2000 मीटर से अधिक ऊँचाई के पर्वत इस श्रेणी में आते हैं. इन्हें भी ऊँचे, अधिक ऊँचे और अधिक ऊँचे पर्वतों के ग्रुप में पुनः विभाजित किया जा सकता है. आल्पस, रॉकी, एण्डीज और हिमालय इसी श्रेणी के पर्वत हैं.
Post a Comment