चर्चित व्यक्ति मार्च 2021| Charchit Vyakti March 2021 |Person in News March 2021
चर्चित व्यक्ति मार्च 2021| Charchit Vyakti March 2021
बीर चिलाराय
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 फरवरी, 2021 को 16वीं सदी के महान जनरल बीर चिलाराय को उनकी जयंती पर याद करते हुए कहा कि वे एक उत्कृष्ट योद्धा थे, जिन्होंने आम लोगों तथा अपने सिद्धांतों के लिये संघर्ष किया। 1515 ई. में महाराजा विश्व सिंह ने कोच राजवंश की स्थापना कर असम के इतिहास में एक स्वर्ण युग की शुरुआत की। पूर्णिमा के दिन जन्मे शुक्लाध्वज महाराजा विश्व सिंह के तीसरे पुत्र थे। अपने भाइयों के साथ ही उन्होंने भी युद्ध कला और सैन्य रणनीति के विशिष्ट गुण सीखे। शुक्लाध्वज को ‘चिलाराय की उपाधि प्राप्त हुई, क्योंकि उनके सैन्य हमलों को उनकी चीला (पतंग) जैसी गति के लिये जाना जाता था। उनके साहस और सैन्य कौशल ने उनके बड़े भाई, महाराजा नारा नारायण के साम्राज्य का विस्तार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। महाराजा नारा नारायण की सेना का प्रधान सेनापति होने के नाते चिलाराय ने कोच राजवंश के विस्तार में अभूतपूर्व कार्य किया और युद्ध के मैदान में उनका सैन्य कौशल असम में जन-जन के बीच प्रसिद्ध हो गया। पश्चिमी भारत में एक अभियान के दौरान चेचक की बीमारी के कारण गंगा नदी के तट पर 1577 ई. में बीर चिलाराय की मृत्यु हो गई। वर्ष 2005 से असम सरकार द्वारा बीर चिलाराय की जयंती को सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जा रहा है। असम सरकार प्रत्येक वर्ष बहादुरी के लिये बीर चिलाराय पुरस्कार को राज्य के सर्वोच्च सम्मान के रूप में प्रदान करती है।
लिगिया नोरोन्हा
- संयुक्त राष्ट्र (UN) प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने प्रमुख भारतीय अर्थशास्त्री लिगिया नोरोन्हा को सहायक महासचिव और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के न्यूयॉर्क स्थित कार्यालय के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया है। लिगिया नोरोन्हा, भारतीय अर्थशास्त्री और पूर्व सहायक महासचिव सत्या त्रिपाठी का स्थान लेंगी। लिगिया नोरोन्हा भारतीय अर्थशास्त्री हैं, जिन्हें सतत् विकास के क्षेत्र में कुल 30 वर्षों का अंतर्राष्ट्रीय अनुभव है। इससे पूर्व लिगिया नोरोन्हा संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के अर्थव्यवस्था प्रभाग की निदेशक के तौर पर कार्य कर रही थीं। UNEP में शामिल होने से पूर्व लिगिया नोरोन्हा ने नई दिल्ली में ‘द एनर्जी एंड रिसोर्सेज़ इंस्टीट्यूट’ (TERI) में कार्यकारी निदेशक (अनुसंधान समन्वय) और संसाधन, विनियमन तथा वैश्विक सुरक्षा प्रभाग के निदेशक के रूप में भी कार्य किया है। वर्ष 1972 में स्थापित संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP), एक प्रमुख वैश्विक पर्यावरण प्राधिकरण है, जिसका प्राथमिक कार्य वैश्विक पर्यावरण एजेंडा निर्धारित करना, संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के भीतर सतत् विकास को बढ़ावा देना और वैश्विक पर्यावरण संरक्षण हेतु एक आधिकारिक अधिवक्ता के रूप में कार्य करना है।
डॉ. सूर्यबाला
- मुंबई की वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सूर्यबाला को ‘उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान’ के प्रतिष्ठित भारत-भारती पुरस्कार (2019) से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। भारत-भारती पुरस्कार के तहत डॉ. सूर्यबाला को 5 लाख रुपए की नकद राशि और एक प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाएगा। भारत-भारती पुरस्कार साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिये प्रदान किये जाने वाले सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों में से एक है। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा कई अन्य श्रेणियों में भी वार्षिक साहित्यिक पुरस्कारों के लिये चयनित नामों की घोषणा की गई है। लखनऊ के दयानंद पांडे को ‘लोहिया साहित्य सम्मान’ से सम्मानित किया जाएगा, जबकि दिल्ली के तरुण विजय को ‘हिंदी गौरव सम्मान’ और भोपाल के रामेश्वर प्रसाद मिश्र को महात्मा गांधी साहित्य सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।
मैरी कॉम
- छह बार विश्व चैंपियन रहीं मैरी कॉम को अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज़ी संघ (AIBA) की ‘चैंपियन एंड वेटरन्स कमेटी’ के अध्यक्ष के रूप में चुना गया है, इस समिति की स्थापना पिछले वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज़ी संघ द्वारा अपने सुधार कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में की गई थी। बीते वर्ष दिसंबर माह में गठित इस समिति में विश्व भर के सबसे सम्मानित बॉक्सिंग दिग्गज और चैंपियन शामिल हैं। 1 मार्च, 1983 को जन्मी मैरी कॉम विश्व प्रसिद्ध भारतीय मुक्केबाज़ हैं, जो कि मूल रूप से मणिपुर से संबंधित हैं। मैरी कॉम ने अपने अंतर्राष्ट्रीय कॅरियर की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका में पहली AIBA महिला विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप के साथ की थी, जहाँ उन्होंने 48 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक जीता था। मैरी कॉम की प्रतिभा के कारण वर्ष 2003 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें वर्ष 2006 में पद्मश्री और वर्ष 2009 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। बॉक्सिंग में उनके बेहतरीन कॅरियर को देखते हुए मणिपुर सरकार ने वर्ष 2018 में उन्हें ‘मीथोईलीमा’ की उपाधि से भी सम्मानित किया था। मैरी कॉम को अप्रैल 2016 में राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा का सदस्य भी मनोनीत किया गया था।
उडुपी रामचंद्र राव
- 10 मार्च, 2021 को गूगल ने प्रसिद्ध भारतीय प्रोफेसर और वैज्ञानिक उडुपी रामचंद्र राव के 89वें जन्मदिवस के अवसर पर उन्हें ‘डूडल’ के माध्यम से श्रद्धांजलि दी। उडुपी रामचंद्र राव जो कि भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष थे, ने वर्ष 1975 में भारत के प्रथम उपग्रह- आर्यभट्ट के प्रक्षेपण का पर्यवेक्षण किया था। यही कारण है कि प्रायः उडुपी राव को ‘भारत का सैटेलाइट मैन’ भी कहा जाता है। 10 मार्च, 1932 को कर्नाटक के एक सुदूर गाँव में जन्मे प्रो. राव ने अपना कॅरियर कॉस्मिक-रे भौतिकशास्त्री के रूप में शुरू किया था। डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने के बाद प्रो. राव अमेरिका चले गए, जहाँ उन्होंने प्रोफेसर के रूप में काम किया, इसके अलावा अमेरिका में उन्होंने नासा के कार्यक्रमों पर भी कार्य किया। वर्ष 1966 में भारत लौटने पर प्रो. राव ने भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (PRL) में एक व्यापक खगोल विज्ञान कार्यक्रम शुरू किया तथा उन्हीं के पर्यवेक्षण में वर्ष 1972 में भारत के पहले उपग्रह कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इसके अतिरिक्त वर्ष 1984 से वर्ष 1994 के बीच प्रो. राव ने इसरो के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
ईशर सिंह देयोल
- ध्यानचंद राष्ट्रीय खेल पुरस्कार से सम्मानित और वरिष्ठ भारतीय एथलीट ईशर सिंह देयोल का हाल ही में 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। ईशर सिंह देयोल ने वर्ष 1951 के बाद अपने संपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय कॅरियर के दौरान कई पदक जीते और खेल में उनके आजीवन योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 2009 में ध्यानचंद राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। ज्ञात हो कि ईशर सिंह देयोल बीते 30 वर्ष से पंजाब एथलीट एसोसिएशन के महासचिव और एथलेटिक फेडरेशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे थे। ईशर सिंह देयोल ने शुरुआती तीनों एशियाई खेलों में हिस्सा लिया और वर्ष 1954 में फिलीपींस के मनीला में आयोजित दूसरे एशियाई खेलों में उन्होंने कांस्य पदक भी जीता था। वर्ष 1957 में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय एथलेटिक मीट के दौरान ईशर सिंह देयोल ने शॉटपुट में 46 फीट 11.2 इंच की थ्रो के साथ एशियाई रिकॉर्ड स्थापित किया था। इसके अलावा उन्होंने वर्ष 1952 से वर्ष 1957 तक लगातार पाँच वर्ष ऑल इंडिया पुलिस मीट में स्वर्ण पदक जीता था।
तीरथ सिंह रावत
- उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद हाल ही में गढ़वाल से सांसद तीरथ सिंह रावत ने राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। तीरथ सिंह रावत ने राज्य के 9वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। तीरथ सिंह रावत ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता युवा मोर्चा के साथ की थी। बाद में वर्ष 2000 में उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश से अलग करके एक अलग राज्य बना दिया गया। वर्ष 1997 में उन्हें उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिये चुना गया, इसके पश्चात् वर्ष 2000 में जब उत्तराखंड एक अलग राज्य बना, तो तीरथ सिंह रावत को नई सरकार में मंत्री बनाया गया। तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड की पहली सरकार में शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। वर्ष 2012 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में तीरथ सिंह रावत को गढ़वाल के चौबट्टाखाल सीट से विधायक चुना गया था। इसके बाद तीरथ सिंह रावत को वर्ष 2019 में लोकसभा के लिये चुना गया।
जी.पी. सामंत
- हाल ही में केंद्र सरकार ने जी.पी. सामंत को भारत का मुख्य सांख्यिकीविद् नियुक्त किया है। वे सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव का भी कार्यभार संभालेंगे। जी.पी. सामंत को प्रारंभ में दो वर्ष की अवधि के लिये नियुक्त किया गया है। वे देश के पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद् छत्रपति शिवाजी का स्थान लेंगे, जो सितंबर 2020 से इस पद का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे। जी.पी. सामंत वर्तमान में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के सांख्यिकी एवं सूचना प्रबंधन विभाग में सलाहकार के तौर पर कार्य कर रहे हैं। इससे पूर्व जी.पी. सामंत चेन्नई में रिज़र्व बैंक स्टाफ कॉलेज में निदेशक और संकाय सदस्य के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। मात्रात्मक अर्थशास्त्र में उनके उत्कृष्ट योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 2006 में प्रतिष्ठित प्रो. पी.सी. महालनोबिस पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। जी.पी. सामंत ने भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI) से सांख्यिकी में मास्टर डिग्री और मुंबई विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है। ज्ञात हो कि सांख्यिकी तथा कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव को भारत का मुख्य सांख्यिकीविद् (CSI) कहा जाता है। भारत का मुख्य सांख्यिकीविद् (CSI) राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन (NSO) के प्रमुख और राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (NSC) के सचिव के तौर पर भी कार्य करता है। मुख्य सांख्यिकीविद् का प्राथमिक कार्य देश के समक्ष प्रमुख आर्थिक संकेतक और आँकड़े प्रस्तुत करना है।
चेमनचेरी कुनिरामन नायर
- 15 मार्च, 2021 को जाने माने कथकली कलाकार चेमनचेरी कुनिरामन नायर का केरल के कोझिकोड में निधन हो गया। 105 वर्षीय नायर अपनी नृत्य मुद्रा और गरिमापूर्ण कला की वजह से कई दशकों तक कथकली प्रेमियों के बीच आकर्षण का केंद्र बने रहे। कथकली विधा में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिये वर्ष 2017 में श्री नायर को पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाज़ा गया था। इसके अलावा उनकी अद्भुत प्रतिभा के लिये उन्हें केरल संगीत नाटक अकादमी और केरल कलामंडलम पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। 16 जून, 1916 को केरल में जन्मे, कुनिरामन नायर ने वर्ष 1930 में कीजपेपुर कुनियिल परदेवता मंदिर में अपना पहला नृत्य प्रदर्शन किया था। केरल के प्राचीन नृत्य नाटक कथकली के साथ कुनिरामन नायर की यात्रा की शुरुआत 14 वर्ष की उम्र में तब शुरू हुई, जब उन्होंने गुरु करुणाकरण मेनन द्वारा संचालित कथकली मंडली में शामिल होने के लिये अपना घर छोड़ दिया था। वर्षों के अभ्यास और कड़ी मेहनत के बाद 1945 में उन्होंने भारतीय नाट्यकलाम की स्थापना की, जो पूरे केरल में नृत्य का पहला स्कूल था। कथकली, भारतीय शास्त्रीय नृत्य की एक महत्त्वपूर्ण शैली है। यह दक्षिण भारतीय राज्य केरल में उद्गमित एक नृत्य नाटक कला है।
मिताली राज
- हाल ही में मिताली राज अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों में 10,000 रन बनाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। मिताली राज ने दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध चल रही एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सीरीज़ में यह महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। मिताली राज अब ऐसी दूसरी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर हैं, जिन्होंने क्रिकेट के सभी प्रारूपों में 10,000 रन बनाए हैं। इंग्लैंड की चार्लोट एडवर्ड्स अब तक एकमात्र ऐसी महिला क्रिकेटर थीं, जिन्होंने यह महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की थी। 3 दिसंबर, 1982 को जोधपुर राजस्थान में जन्मी मिताली राज ने जून 1999 में एकदिवसीय मैच में आयरलैंड के विरुद्ध अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट कॅरियर की शुरुआत की। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुल 212 एकदिवसीय मैच खेले हैं और कुल 7 शतक तथा 54 अर्द्ध-शतक लगाए हैं। ज्ञात हो कि मिताली राज टेस्ट क्रिकेट और एकदिवसीय मैचों में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तानी करती हैं।
लक्ष्मण पाई
- गोवा के जाने-माने चित्रकार लक्ष्मण पंढरीनाथ पाई का हाल ही में 95 वर्ष की उम्र में गोवा में निधन हो गया है। वर्ष 1926 में गोवा के मडगाँव में जन्मे लक्ष्मण पाई को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें पद्म भूषण, पद्म श्री, नेहरू पुरस्कार और ललित कला अकादमी पुरस्कार आदि शामिल हैं। लक्ष्मण पाई ने गोवा मुक्ति आंदोलन में भी हिस्सा लिया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका के कारण उन्हें जेल भी भेजा गया। उन्होंने मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट में कला और चित्रकला में डिप्लोमा प्राप्त किया और बाद में वहीं शिक्षण का कार्य भी किया। इसके अलावा वह गोवा कॉलेज ऑफ आर्ट में प्रिंसिपल भी रहे थे। लक्ष्मण पाई अलग-अलग भारतीय रागों पर आधारित अमूर्त चित्रों की अपनी रागमाला शृंखला के लिये काफी प्रसिद्ध थे, इस शृंखला में उन्होंने शास्त्रीय संगीत, ग्रंथों और दर्शन से अपने जुड़ाव को दर्शाया था। लक्ष्मण पाई सितार और बाँसुरी वादन में भी प्रशिक्षित थे।
अय्या वैकुंडा स्वामिकल
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महान मानवतावादी और सामाजिक विचारक अय्या वैकुंडा स्वामिकल की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 19वीं शताब्दी के शुरुआती दशकों में केरल के त्रावणकोर की रियासत में रहने वाले अय्या वैकुंडा स्वामिकल को आज भी भारत के पहले प्रसिद्ध समाज सुधारक के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने जातिगत भेदभाव और धार्मिक पदानुक्रम की आलोचना की तथा अस्पृश्यता के विरुद्ध लड़ाई लड़ी। ‘समथव समजम’ भारत में पहला सामाजिक सुधार आंदोलन (1836) के संस्थापक होने के नाते अय्या वैकुंडा को भारत में सामाजिक-राजनीतिक क्रांतिकारी आंदोलनों का अग्रणी माना जाता है। उन्होंने 'अय्या वज़ी' नामक आध्यात्मिक विचारों के एक नए मार्ग का प्रतिपादन किया। उनके द्वारा प्रतिपादित पंक्ति ‘एक जाति, एक धर्म, एक गोत्र, एक दुनिया, एक ईश्वर’ वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध है।
बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान
- 17 मार्च, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानवाधिकार और स्वाधीनता नायक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। शेख मुजीबुर रहमान का जन्मा अविभाजित भारत के गोपालगंज ज़िले के तुंगीपारा गाँव में 17 मार्च, 1920 को हुआ था। पूर्वी पाकिस्तातन में पाकिस्तारनी शासकों की दमनकारी नीतियों के खिलाफ उन्होंाने आंदोलन चलाया था और वर्ष 1971 में इसे पाकिस्ताकन से आज़ाद करा लिया। बंगबंधु नाम से विख्यानत शेख मुजीबुर रहमान स्वतंत्र बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति बने। शेख मुजीबुर रहमान को बांग्लादेश का ‘राष्ट्रपिता’ कहा जाता है और वे बांग्लादेश के लोगों के बीच ‘बंगबंधु’ के रूप में लोकप्रिय थे। ‘बंगबंधु’ का शाब्दिक अर्थ है- ‘बंगाल का मित्र’। पूर्वी पाकिस्तान के लोकप्रिय नेता मुजीबुर रहमान ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। बीते दिनों बांग्लादेश के उच्चत न्या्यालय ने अपने एक निर्णय में ‘जॉय बांग्ला’ को बांग्लाकदेश का राष्ट्री य नारा घोषित किया था। वर्ष 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश के स्वतंत्र होने के दौरान यह प्रमुख नारा था। शेख मुजीबुर रहमान ने भी 7 मार्च, 1971 को बांग्लानदेश की स्वतंत्रता के उद्घोष के बाद ‘जॉय बांग्ला’ के नारे का प्रयोग किया था। वहीं हाल ही में यूनेस्को ने शेख मुजीबुर रहमान के नाम पर ‘रचनात्मक अर्थव्यवस्था’ के क्षेत्र में एक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार की स्थापना करने का निर्णय लिया है।
पोट्टी श्रीरामुलु
- 16 मार्च, 2021 को महान स्वतंत्रता सेनानी पोट्टी श्रीरामुलु की जयंती पर उन्हें याद किया गया। 16 मार्च, 1901 को मद्रास (चेन्नई) में जन्मे पोट्टी श्रीरामुलु बॉम्बे से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे में शामिल हो गए। वर्ष 1930 में श्रीरामुलु ने गांधीजी द्वारा शुरू किये गए नमक सत्याग्रह में हिस्सा लेने के लिये अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी, इस सत्याग्रह में हिस्सा लेने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। भारत की स्वतंत्रता के लिये संघर्ष करने के साथ-साथ उन्होंने दलित समुदाय के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान पर भी ज़ोर दिया। पोट्टी श्रीरामुलु ने मार्च 1946 में नेल्लोर के श्री वेणुगोपाल स्वामी मंदिर में दलितों के लिये प्रवेश की मांग करते हुए अपना पहला आमरण अनशन किया। अलग आंध्र राज्यी के गठन में पोट्टी श्रीरामुलु का महत्त्वपूर्ण योगदान माना जाता है। इसके लिये उन्होंने 1952 में 58 दिन तक आमरण अनशन किया। 15 दिसंबर, 1952 को अनशन करते हुए पोट्टी श्रीरामुलु की मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद कानून व्यवस्था काफी बिगड़ गई और अंततः मद्रास प्रेसिडेंसी से अलग आंध्र प्रदेश राज्यद का गठन किया गया।
उस्ताशद बिस्मिल्लाहह खां
- 21 मार्च, 2021 को विश्व प्रसिद्ध शहनाई वादक उस्ताेद बिस्मिल्लाकह खां को उनकी जयंती पर याद किया गया। 21 मार्च, 1916 को बिहार में संगीतकारों के परिवार में जन्मे उस्ताजद बिस्मिल्लायह खां ने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपने चाचा अली बख्श 'विलायती' से प्राप्त की थी। शहनाई को विश्व पटल पर ले जाने में बिस्मिल्लाकह खां का अतुलनीय योगदान माना जाता है। उन्हें शहनाई की लय साधने के लिये जाना जाता है। बिस्मिल्लाअह खां ने सर्वप्रथम वर्ष 1938 में लखनऊ के ऑल इंडिया रेडियो पर शहनाई वादन किया था। बिस्मिल्लािह खां को संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे राष्ट्रीरय पुरस्का रों से नवाज़ा गया है। वर्ष 2001 में उस्तादद बिस्मिल्लाषह खां को राष्ट्रर का सर्वोच्चो नागरिक पुरस्कार भारत रत्न प्रदान किया गया था। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर शहनाई वादन के लिये उन्हें आमंत्रित किया गया था। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय वाराणसी में व्यतीत किया और सात दशकों से अधिक समय तक संगीत की सेवा करने के बाद 21 अगस्त, 2006 को वाराणसी में अंतिम साँस ली।
डॉ. राम मनोहर लोहिया
- 23 मार्च, 2021 को प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी नेता डॉ. राम मनोहर लोहिया को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। राम मनोहर लोहिया का जन्म 23 मार्च, 1910 को ब्रिटिशकालीन भारत में संयुक्त प्रांत के अकबरपुर (फैजाबाद ज़िले) में हुआ था। भारतीय समाजवादी राजनीति और स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष में डॉ. लोहिया का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। वर्ष 1934 में डॉ. लोहिया भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस (INC) के अंतर्गत एक वामपंथी समूह कॉन्ग्रेस सोशलिस्ट पार्टी (CSP) में शामिल हुए और उन्होंने पार्टी की कार्यकारी समिति में कार्य करने के साथ-साथ उसकी साप्ताहिक पत्रिका का संपादन भी किया। उन्होंने ब्रिटेन द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध में भारत को शामिल करने के निर्णय का कड़ा विरोध किया, जिसके कारण उन्हें 2 बार क्रमशः वर्ष 1939 और वर्ष 1940 में जेल जाना पड़ा। इसके बाद वर्ष 1942 और वर्ष 1944-46 में उन्हें ब्रिटिश सरकार विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण फिर से जेल जाना पड़ा। वर्ष 1948 में लोहिया एवं अन्य CSP सदस्य कॉन्ग्रेस से अलग हो गए तथा वर्ष 1952 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य बने, किंतु वर्ष 1955 में कुछ मतभेदों के कारण उन्होंने यह पार्टी भी छोड़ दी। वर्ष 1963 में लोहिया लोकसभा के लिये चुने गए और 12 अक्तूबर, 1967 में उनका निधन हो गया।
मुत्थुस्वामी दीक्षितर
- 24 मार्च, 2021 को कर्नाटक संगीत के महान संगीतज्ञ मुत्थुस्वामी दीक्षितर की जयंती मनाई गई। बहुमुखी प्रतिभा के धनी मुत्थुस्वामी दीक्षितर एक कवि, गायक और वीणावादक भी थे। उनकी 500 से अधिक ज्ञात शास्त्री य संगीत रचनाओं में देवी-देवताओं और मंदिरों का काव्यात्मक चित्रण मिलता है, मुत्थुस्वामी दीक्षितर की अधिकांश रचनाओं को संगीत समारोहों में गाया जाता है। उनकी अधिकांश रचनाएँ संस्कृत में हैं। मुत्थुस्वामी दीक्षितर ने अपनी कुछ कृतियों की रचना संस्कृत और तमिल भाषाओं के संगम मणिप्रवालम में भी की है। मुत्थुस्वामी दीक्षितर का जन्म 24 मार्च, 1776 को तमिलनाडु के तंजावुर ज़िले के तिरुवरूर शहर में हुआ था। मुत्थुस्वामी दीक्षितर को संस्कृत भाषा, धार्मिक ग्रंथ और मौलिक संगीत के ज्ञान की प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता से प्राप्त हुई, जो कि स्वयं एक प्रख्यात विद्वान थे। मुत्थुस्वामी दीक्षितर ने अपनी संगीत रचनाओं में विभिन्न मंदिरों के इतिहास और उनकी पृष्ठभूमि को भी उजागर किया है, इस प्रकार उन्होंने इन पुराने मंदिरों में कई रीति-रिवाजों के संरक्षण हेतु महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। कर्नाटक संगीत की रचना में मुत्थुस्वामी दीक्षितर का नाम प्रमुखता से लिया जाता है।
डॉ. विवेक मूर्ति
- भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर विवेक मूर्ति को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के सर्जन जनरल के रूप में नियुक्त किया गया है। विदित हो कि डॉ. विवेक मूर्ति इससे पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान भी सर्जन जनरल का पदभार संभाल चुके हैं, हालाँकि उन्हें वर्ष 2017 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान पद से हटा दिया गया था। डॉ. विवेक मूर्ति पब्लिक हेल्थ सर्विस कमीशन कोर में एक प्रतिष्ठित चिकित्सक और पूर्व वाइस एडमिरल रह चुके हैं। सर्जन जनरल के रूप में डॉ. विवेक मूर्ति का प्राथमिक कार्य अमेरिका में कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव को सीमित करना होगा। 10 जुलाई, 1977 को हडर्सफील्ड (यॉर्कशायर) में जन्मे डॉ. मूर्ति का पालन-पोषण फ्लोरिडा के मियामी में हुआ था। इससे पूर्व नवंबर 2020 मंव राष्ट्रपति जो बाइडेन ने डॉ. विवेक मूर्ति को अपने कोविड-19 सलाहकार बोर्ड का सह-अध्यक्ष बनाने की घोषणा की थी.
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