मुगल काल में स्थानीय प्रशासन Local administration during the Mughal period
मुगल काल में स्थानीय प्रशासन
Local administration during the Mughal period
1 सरकार
मुगल काल में सरकार का अर्थ
- सरकार अर्थात् जिले के मुख्य अधिकारियों में फौजदार सैनिक तथा प्रशासनिक अधिकारी, अमल गुज़ार राजस्व अधिकारी, वितिकची राजस्व लेखाधिकारी, खज़ानदार - खजान्ची तथा काजी न्यायाधीश होता था। इन सभी अधिकारियों को अपने प्रान्तीय उच्च अधिकारियों के आधीन रहकर कार्य करना होता था।
2 परगना
मुगल काल में परगना का अर्थ
- परगना में मुख्य प्रशासक तथा सैन्य अधिकारी शिकदार होता था। आमिल मुख्य राजस्व अधिकारी होता था। फ़ोतदार खजान्ची तथा कारकुन राजस्व लेखाधिकारी होता था। कानूनगो लगान एवं कृषि भूमि के हिसाब किताब के साथ परगने के पटवारियों पर नज़र भी रखता था। कानूनगो का पद प्रायः वंशानुगत होता था।
3 ग्राम
- ग्राम में पंचायत होती थी जिसके मुखिया को मुकद्दम कहा जाता था। मुकद्दम राजस्व एकत्र करने में राजस्व अधिकारियों तथा ज़मींदार की सहायता करता था। प्रत्येक ग्राम में राजस्व का लेखा जोखा रखने के लिए एक पटवारी होता था। पटवारी का पद प्रायः वंशानुगत होता था। मुगल काल में राज्य की ओर से ग्राम्य प्रशासन में बहुत कम हस्तक्षेप किया जाता था।
मुगल काल की प्रशासनिक व्यवस्था का आकलन
- मध्यकालीन परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में महान मुगल शासकों की प्रशासनिक व्यवस्था सामान्यतः सक्षम थी। बाबर और हुमायूं की इस क्षेत्र में विशेष उपलब्धियां नहीं थीं किन्तु अकबर की गणना मध्यकालीन विश्व इतिहास के सर्वश्रेष्ठ एवं सबसे सफल प्रशासकों में की जा सकती है। एक निरंकुश, स्वेच्छाचारी राजतन्त्र में प्रजा के हितों के प्रति इतना समर्पित भाव, शान्ति एवं व्यवस्था बनाए रखने हेतु इतना व्यापक प्रबन्ध मिल पाना बहुत दुर्लभ है। मुगलों ने तुर्क, मंगोल, अफ़गान और भारतीय प्रशासनिक परम्पराओं का समन्वय कर अपनी प्रशासनिक व्यवस्था का विकास किया था। औरंगज़ेब के शासनकाल के उत्तरार्ध से मुगल प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गई और परवर्ती काल में प्रशासन के नाम पर अराजकता एवं अव्यवस्था मात्र शेष रह गई।
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