मुगल स्थापत्य कला |स्थापत्य कला के पोषक के रूप में अकबर | Mughal Architecture
मुगल स्थापत्य कला Mughal Architecture
अकबर के शासन काल से पूर्व की मुगल स्थापत्य कला
- बाबर ने मुगल स्थापत्य कला में बहते हुए जल की कृत्रिम व्यवस्था और उद्यान योजना का समावेश किया था।
- काबुल में उसका मकबरा एक बाग के मध्य स्थित है। उसके काल में पानीपत, मुरादाबाद तथा अयोध्या में मस्जिदें बनाई गई जो कि कलात्मक दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं हैं।
- हुमायूं ने दीनपनाह का निर्माण कराया किन्तु अब उसके अवशेष तक उपलब्ध नहीं हैं।
स्थापत्य कला के पोषक के रूप में अकबरAkbar as a fountain of architecture
अकबर एक महान भवन एवं नगर निर्माता था। उसकी समन्वयवादी प्रवृत्ति उसके काल की इमारतों में प्रतिबिम्बित होती है। अबुल फ़ज़्ल अकबरनामा में लिखता है बादशाह स्वयं सुन्दर भवनों की योजना बनाते हैं और फिर उन्हें पत्थर और गारे का जामा पहना हैं।
हुमायूं का मकबरा Humayun's Tomb
- अकबर के काल की प्रथम महत्वपूर्ण इमारत दिल्ली में स्थित हुमायूं का मकबरा है जिस पर कि ईरानी स्थापत्य कला की स्पष्ट छाप है।
- मुगल इमारतों में उपलब्ध सामान्य तत्व भव्य प्रवेश द्वार, विशाल गुम्बद, अष्टकोणिक कक्ष, लाल पत्थर पर संगमरमर की पच्चीकारी, जाली का काम, ज्यामितीय समरूपता, ऊँचे चबूतरे पर स्थित मुख्य भवन और उस तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां, चारबाग (भवन के चारों ओर उद्यान योजना), कृत्रिम नहर, फव्वारे तथा (पीछे यमुना नदी के रूप में) जल-स्रोत की निकटता (पीछे यमुना नदी के रूप में) को हम हुमायूं के मकबरे में देख सकते हैं।
आगरा के किले की भव्य प्राचीर
- आगरा के किले की भव्य प्राचीर का निर्माण अकबर ने कराया था। इस किले में अकबर द्वारा बनवाए गए जहांगीरी महल पर राजपूत स्थापत्य कला का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है। इस भवन में हंस, हाथी, मोर आदि की आकृतियां अंकित हैं।
फ़तेहपुर सीकरी
- फ़तेहपुर सीकरी मध्यकालीन सुनियोजित नगर है। गुजरात विजय की स्मृति में बना एक ऊँचे टीले पर लाल पत्थर से बना तथा लाल पत्थर पर संगमरमर की पच्चीकारी से सज्जित 176 फ़ुट ऊँचा बुलन्द दरवाज़ा अकबर के साम्राज्य की सुदृढ़ता, विशालता, समन्वयवादिता तथा मौलिक विचारधारा का प्रतीक है।
- धार्मिक इमारतों में जामा मस्जिद में ईरानी, अरबी तथा भारतीय कला शैली का समावेश है। शेख सलीम चिश्ती की मज़ार में गुजराती शैली का सीप का काम और पत्थर पर जाली का काम बहुत सुन्दर है।
- आवासीय भवनों में जोधाबाई तथा बीरबल के महलों पर राजपूत स्थापत्य कला का और मरियम के महल पर यूनानी स्थापत्य कला का प्रभाव है।
- प्रशासनिक भवनों में पाँच मन्ज़िली खम्भों पर टिकी बिना दीवार की इमारत पंचमहल बौद्ध विहार की शैली में बनी है।
- अपनी मौलिकता के लिए विख्यात दीवान-ए-खास में ईरानी, तूरानी, अरबी तथा राजपूत स्थापत्य कला का समावेश है।
- इसकी नक्काशी पर दिलवाड़ा के मन्दिरों की नक्काशी का प्रभाव है। इसके मुख्य भवन के बीच में स्थित खम्भे के कमलाकार ऊपरी भाग में अकबर प्रजापति ब्रह्मा के समान विराजमान होता था।
सिकन्दरा मकबरा
- अकबर ने सिकन्दरा में अपना मकबरा बनवाना प्रारम्भ किया था। इसके भव्य प्रवेश द्वार पर दक्षिण की स्थापत्य कला का प्रभाव है। इसकी भवन की पहली मन्ज़िल भी अकबर के काल में बन गई थी।
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