अप्रैल माह के दिवस और उनकी जानकारी | April Month Day in Hindi
अप्रैल माह के दिवस और उनकी जानकारी
अप्रैल माह के महत्वपूर्ण दिवस की सूची List of Important Day in April
- भारतीय रिज़र्व बैंक स्थापना दिवस- 01 अप्रैल
- उत्कल दिवस 1 अप्रैल
- विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस -2 अप्रैल
- राष्ट्रीय समुद्री दिवस 5 अप्रैल
- विश्व स्वास्थ्य दिवस 07 अप्रैल
- विकास और शांति हेतु अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस-06 अप्रैल
- CRPF का शौर्य दिवस-09 अप्रैल
- विश्व पार्किंसन दिवस- 11 अप्रैल
- विश्व होम्योैपैथी दिवस- 10 अप्रैल
- जलियाँवाला बाग हत्याकांड-13 अप्रैल
- सियाचिन दिवस-13 अप्रैल
- राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस-11 अप्रैल
- हिमाचल दिवस-15 अप्रैल
- विश्व कला दिवस 15 अप्रैल
- विश्व हीमोफीलिया दिवस 17 अप्रैल
- रामानुजाचार्य जयंती 18 अप्रैल
- विश्व यकृत दिवस 19 अप्रैल
- राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस- 21 अप्रैल
- विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस 21 अप्रैल
- विश्व पुस्तक दिवस 23 अप्रैल
- अंग्रेज़ी भाषा दिवस 23 अप्रैल
- विश्व मलेरिया दिवस 25 अप्रैल
- विश्व बौद्धिक संपदा दिवस 26 अप्रैल
- आयुष्मान भारत दिवस 30 अप्रैल
अप्रैल माह में कौन सा दिवस क्यों मनाया जाता है
भारतीय रिज़र्व बैंक स्थापना दिवस- 01 अप्रैल
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल, 1935 को हुई थी।
- प्रारंभ में रिज़र्व बैंक का केंद्रीय कार्यालय कोलकाता में स्थापित किया गया था, जिसे वर्ष 1937 में स्थायी रूप से मुंबई में स्थानांतरित कर दिया गया।
- RBI का गवर्नर बैंक के केंद्रीय कार्यालय में बैठता है और वहीं नीतियाँ निर्धारित की जाती हैं। यद्यपि प्रारंभ में यह निजी स्वमित्व वाला था, किंतु वर्ष 1949 में RBI के राष्ट्रीयकरण के बाद से इस पर भारत सरकार का पूर्ण स्वामित्व है।
- रिज़र्व बैंक का कामकाज केंद्रीय निदेशक बोर्ड द्वारा शासित है।
- भारत सरकार के भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम के अनुसार, इस बोर्ड की नियुक्ति/नामन चार वर्ष के लिये होती है। रिज़र्व बैंक का प्राथमिक कार्य मौद्रिक नीति तैयार कर उसका कार्यान्वयन और निगरानी सुनिश्चित करना है। इसके अतिरिक्त यह मुद्रा जारीकर्त्ता के रूप में भी कार्य करता है।
उत्कल दिवस 1 अप्रैल
- ओडिशा 1 अप्रैल, 1936 को स्वतंत्र प्रांत के रूप में अस्तित्व में आया था। वर्ष 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् ओडिशा तथा आस-पास की रियासतों ने नवगठित भारत सरकार को अपनी सत्ता सौंप दी थी।
- राज्य को एक अलग ब्रिटिश भारत प्रांत के रूप में स्थापित किया गया था और उसी के याद में तथा राज्य के सभी नागरिकों के बीच एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिये इस दिवस का आयोजन किया जाता है।
- उल्लेखनीय है कि आदिवासियों की जनसंख्या के मामले में ओडिशा भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है।
- प्राचीन भारत में उड़ीसा कलिंग साम्राज्य का हिस्सा था, 250 ईसा पूर्व अशोक द्वारा इसे जीत लिया गया, जिसके पश्चात् लगभग एक सदी तक यहाँ मौर्य वंश का शासन रहा।
विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस - 2 अप्रैल
- विश्व भर में प्रत्येक वर्ष 2 अप्रैल को ‘विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस’ मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य ऑटिज़्म के बारे में जागरूकता फैलाने और आम लोगों को इस विकार से जुड़ी चुनौतियों को समझने में मदद करना है।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2 अप्रैल, 2007 को विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस की घोषणा की थी। ऑटिज़्म (Autism) या आत्मविमोह/स्वलीनता, एक मानसिक रोग या मस्तिष्क के विकास के दौरान होने वाला एक गंभीर विकार है।
- नीले रंग को ऑटिज़्म का प्रतीक माना गया है। इस विकार के लक्षण जन्म या बाल्यावस्था (पहले तीन वर्षों) में ही नज़र आने लगते है। यह विकार व्यक्ति की सामाजिक कुशलता और संप्रेषण क्षमता पर विपरीत प्रभाव डालता है। यह जीवनपर्यंत बना रहने वाला विकार है। इस विकार से पीड़ित बच्चों का विकास अन्य बच्चों से अलग होता है।
- इससे प्रभावित व्यक्ति सीमित और दोहरावयुक्त व्यवहार करता है, जैसे- एक ही काम को बार-बार करना। वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक, देश में 19 वर्ष से कम आयु वर्ग के दिव्यांग बच्चों की कुल संख्या 78,62,921 है, जिनमें से 5,95,089 बच्चे बौद्धिक दिव्यांगता से पीड़ित हैं।
राष्ट्रीय समुद्री दिवस 5 अप्रैल
- भारत में प्रत्येक वर्ष 5 अप्रैल को ‘राष्ट्रीय समुद्री दिवस’ मनाया जाता है।
- इस दिवस का प्राथमिक उद्देश्य सुरक्षित और पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल अंतर-महाद्वीपीय वाणिज्य एवं व्यापार तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था में समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
- यह दिवस देश के समुद्री क्षेत्र की रक्षा और संरक्षण पर केंद्रित है।
- ज्ञात हो कि लगभग 100 वर्ष पूर्व 5 अप्रैल, 1919 को पहला भारतीय समुद्री जहाज़ मुंबई से ब्रिटेन की यात्रा पर रवाना हुआ था, उसी की याद में 1964 से प्रत्येक वर्ष 5 अप्रैल को राष्ट्रीय समुद्री दिवस मनाया जाता है।
- इस दिवस को मनाने का लक्ष्य आम लोगों को भारतीय जहाज़रानी उद्योग की गतिविधियों के साथ-साथ भारत की अर्थव्यवस्था में इसकी अहम भूमिका से रूबरू कराना है।
- इतिहासकारों की मानें तो भारत के समुद्री इतिहास की शुरुआत तब हुई थी जब तीसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व सिंधु घाटी के लोगों ने मेसोपोटामिया के साथ अपने समुद्री व्यापार की शुरुआत की थी और जब रोमन साम्राज्य द्वारा मिस्र का अतिक्रमण किया गया, तो रोम के साथ भी व्यापार शुरू हो गया। नौवहन महानिदेशालय द्वारा प्रस्तुत आँकड़ों के मुताबिक, भारत में दिसंबर 2018 तक कुल 43 शिपिंग कंपनियाँ हैं, जिनके पास कुल 1,401 समुद्री जहाज़ मौजूद हैं।
विश्व स्वास्थ्य दिवस 07 अप्रैल
- वैश्विक स्तर पर प्रत्येक वर्ष 07 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिवस का प्राथमिक उद्देश्य सभी लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है।
- इस वर्ष 2021 इस दिवस की थीम है- ‘सभी के लिये निष्पक्ष और स्वस्थ विश्व का निर्माण’। इस दिवस के माध्यम से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के इस संवैधानिक सिद्धांत को रेखांकित करने का प्रयास किया जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति को जाति, धर्म, राजनीतिक विचारधारा, आर्थिक या सामाजिक स्थिति के आधार पर बिना किसी भेदभाव के बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को प्राप्त करने का अधिकार है।
- कोरोना वायरस महामारी ने स्वास्थ्य लाभ को सीमित कर लोगों को गरीबी और खाद्य असुरक्षा की दिशा में धकेल दिया है तथा महिलाओं और पुरुषों के बीच अंतर, सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी असामानताओं को और बढ़ा दिया है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना 7 अप्रैल, 1948 को की गई थी और इस दिवस के आयोजन
की शुरुआत वर्ष 1950 में हुई थी। बीते 50 वर्षों में मानसिक स्वास्थ्य, मातृत्व और शिशु देखभाल तथा जलवायु
परिवर्तन से संबंधित स्वास्थ्य मुद्दों को संबोधित करने की दिशा में विश्व
स्वास्थ्य संगठन ने महत्त्वपूर्ण कार्य किया है।
विकास और शांति हेतु अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस- 06 अप्रैल
- प्रत्येक वर्ष 06 अप्रैल को वैश्विक स्तर पर विकास और शांति हेतु अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस का आयोजन किया जाता है।
- इस दिवस का प्राथमिक उद्देश्य सतत् विकास को बढ़ावा देना और मानव अधिकारों के संरक्षण में खेलों के सकारात्मक योगदान को रेखांकित करना है। इस दिवस की शुरुआत वर्ष 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी।
- विकास और शांति हेतु अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस 2021 आम लोगों को उनके जीवन में संपूर्ण समुदाय के विकास और वैश्विक महामारी से उबरने में खेलों की भूमिका को पहचानने का अवसर प्रदान करता है।
- खेल जनमानस में भागीदारी और एकजुटता की भावना को बढ़ावा देता है और राष्ट्र के विकास में सहायता करता है। यह संवाद की संस्कृति का निर्माण करने के साथ-साथ समावेश को बढ़ावा देने और संवेदनशील वर्ग के लोगों के विरुद्ध भेदभाव को समाप्त करने का भी कार्य करता है।
CRPF का शौर्य दिवस- 09 अप्रैल
- 09 अप्रैल,1965 को केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल की एक छोटी सी टुकड़ी ने गुजरात के ‘रन ऑफ कच्छ’ में सरदार पोस्ट पर पाकिस्तानी ब्रिगेड द्वारा किये गए हमले को विफल कर दिया था। इस हमले में 34 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे, जबकि 4 सैनिकों को गिरफ्तार कर लिया गया था। यह लड़ाई इस मायने में काफी खास है कि सैन्य युद्ध के इतिहास में कभी भी इतनी छोटी सैन्य टुकड़ी ने इस तरह से एक पैदल सेना ब्रिगेड से युद्ध नहीं लड़ा था।
- इस संघर्ष में भारत के 6 बहादुर सैनिक शहीद हुए थे। इस युद्ध में भारत की जीत और भारतीय सैनिकों की शहादत को चिह्नित करने के लिये प्रतिवर्ष 09 अप्रैल को शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) एक ऐसा अर्द्ध-सैन्य बल है, जिसका प्राथमिक कार्य देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है। केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल 27 जुलाई, 1939 को रॉयल रिप्रेज़ेंटेटिव पुलिस के रूप में अस्तित्व में आया था, जो 28 दिसंबर, 1949 को CRPF अधिनियम लागू होने पर केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल बन गया।
विश्व पार्किंसन दिवस- 11 अप्रैल
- विश्व भर में प्रत्येक वर्ष 11 अप्रैल को विश्व पार्किंसन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य आम लोगों को पार्किंसन रोग के बारे में जागरूक करना है।
- पार्किंसन एक ऐसी बीमारी है, जिसमें तंत्रिका तंत्र लगातार कमज़ोर होता जाता है। इस बीमारी का कोई इलाज़ उपलब्ध नहीं है। पार्किंसन के कारण चलने-फिरने की गति धीमी पड़ जाती है और मासपेशियाँ सख्त हो जाती है तथा शरीर में कंपन की समस्या पैदा हो जाती है।
- सामान्यतः 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में पार्किंसन रोग के लक्षण दिखते हैं किंतु यह रोग किसी भी उम्र में हो सकता है। शरीर में कंपन, जकड़न, शिथिल गतिशीलता, झुककर चलना, याद्दाश्त संबंधी समस्याएँ और व्यवहार में बदलाव आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं।
- यह मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाता है, जिससे डोपामाइन के स्तर में कमी हो जाती है। डोपामाइन एक रसायन है, जो मस्तिष्क से शरीर में व्यवहार संबंधी संकेत भेजता है।
- यद्यपि दवा रोग के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है, किंतु इस रोग को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है। आँकड़ों की माने तो दुनिया भर में, लगभग 10 मिलियन लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं।
विश्व होम्योैपैथी दिवस- 10 अप्रैल
- होम्योपैथी के महत्त्व और चिकित्सा जगत में इसके योगदान को उजागर करने के लिये प्रत्येक वर्ष 10 अप्रैल को विश्वे होम्यो पैथी दिवस का आयोजन किया जाता है।
- यह दिवस होम्योपैथी के संस्थापक डॉ. क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन की जयंती को भी संदर्भित करता है।
- होम्योपैथी के संस्थापक और विभिन्न चिकित्सीय पद्धतियों के जन्मनदाता डॉ. क्रिश्चियन हैनीमैन का जन्म 10 अप्रैल, 1775 को जर्मनी में हुआ था। डॉ. क्रिश्चियन हैनीमैन द्वारा होम्योकपैथी की खोज अठारहवीं सदी के अंत के दशक में की गई थी।
- 'होम्योपैथी' शब्द की उत्पत्ति दो ग्रीक शब्दों से हुई है, जिसमें ‘होमोइस’ का अर्थ ‘समान’ से तथा ‘पैथोस’ का अर्थ ‘दुख’ से है। यह ‘सम: समम् शमयति’ या ‘समरूपता’ दवा सिद्धांत पर आधारित एक चिकित्सीय प्रणाली है।
- यह प्रणाली दवाओं द्वारा रोगी का उपचार करने की एक ऐसी विधि है, जिसमें किसी स्वस्थ व्यक्ति में प्राकृतिक रोग का अनुरूपण करके समान लक्षण उत्पन्न किया जाता है जिससे रोगग्रस्त व्यक्ति का उपचार किया जा सकता है।
जलियाँवाला बाग हत्याकांड- 13 अप्रैल
- प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद, भारतीय नेताओं को उम्मीद थी कि अब ब्रिटिश सरकार द्वारा उन्हें स्वशासन की अनुमति दी जाएगी, किंतु इसके विपरीत ब्रिटिश सरकार ने रोलैट एक्ट लागू कर दिया, जिसके मुताबिक ब्रिटिश सरकार किसी भी व्यक्ति को बिना कोई मुकदमा चलाए किसी भी प्रकार की देशद्रोही गतिविधि में शामिल होने का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर सकती थी। इस अधिनियम के पारित होने से देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और 9 अप्रैल, 1919 को रॉलेट एक्ट का विरोध करने के आरोप में पंजाब के दो लोकप्रिय नेताओं डॉ. सत्यपाल और डॉ. सैफुद्दीन किचलू को सरकार ने गिरफ्तार कर लिया। इनकी गिरफ्तारी के विरोध में 13 अप्रैल, 1919 को बैशाखी के दिन अमृतसर के जलियाँवाला बाग में एक विशाल सभा का आयोजन किया गया। जनरल डायर ने इसे अपने आदेश की अवहेलना माना तथा सभास्थल पर पहुँचकर निहत्थे लोगों पर गोली चलाने का आदेश दे दिया। आँकड़ों के अनुसार, मरने वालों की संख्या 379 थी लेकिन वास्तव में इससे कहीं ज्यादा लोग मारे गए थे। इस नरसंहार के विरोध में रवींद्रनाथ टैगोर ने ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रदान की गई ‘नाइटहुड’ की उपाधि त्याग दी थी। इस हत्याकांड की जाँच के लिये कॉन्ग्रेस ने मदन मोहन मालवीय की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त की। ब्रिटिश सरकार ने इस हत्याकांड की जाँच के लिये हंटर आयोग गठित किया।
सियाचिन दिवस- 13 अप्रैल
- 13 अप्रैल, 2021 को भारतीय सेना द्वारा सियाचिन के वीर शहीदों को याद करते हुए सियाचिन दिवस मनाया जाता है । सियाचिन दिवस पर भारतीय सैनिकों द्वारा दुनिया में सबसे ऊँचे और सबसे ठंडे युद्धक्षेत्र को सुरक्षित करने के लिये उनके अदम्य साहस को याद किया जाता है।
- दरअसल 13 अप्रैल, 1984 को भारतीय सेना द्वारा ‘ऑपरेशन मेघदूत’ लॉन्च किया गया था। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सैनिकों ने संपूर्ण सियाचिन ग्लेशियर पर सफलतापूर्वक नियंत्रण हासिल कर लिया था। सियाचिन ग्लेशियर या सियाचिन हिमनद हिमालय की काराकोरम रेंज में भारत-पाक नियंत्रण रेखा के समीप स्थित है।
- सियाचिन ग्लेशियर 76.4 किमी लंबा है और लगभग 10,000 वर्ग किमी. क्षेत्र को कवर करता है। सामरिक दृष्टिकोण से यह स्थान अत्यंत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ पर भारत और पाकिस्तान की सीमाएँ मिलती हैं। पर्यावरण की दृष्टि से यह अति-संवेदनशील क्षेत्र है इसलिये यहाँ पर मानवीय हस्तक्षेप को सीमित रखा गया था। हालाँकि इस क्षेत्र में पर्यटकों द्वारा किये जाने वाले प्रदूषण की समस्या काफी गंभीर है और भारतीय सेना लगातार इस चुनौती से निपटने का प्रयास कर रही है।
राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस- 11 अप्रैल
- भारत में प्रत्येक वर्ष 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस का आयोजन किया जाता है।
- यह दिवस ‘व्हाइट रिबन एलायंस इंडिया’ (WRAI) की एक पहल है, जिसके अनुरोध पर भारत सरकार ने वर्ष 2003 में प्रत्येक वर्ष 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस का आयोजन करने की घोषणा की थी।
- इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य सुरक्षित मातृत्व के संबंध में जागरूकता पैदा करना और गर्भावस्था एवं प्रसव के दौरान तथा प्रसव बाद महिलाओं के लिये आवश्यक देखभाल सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
- भारत दुनिया में गर्भावस्था और प्रसव के लिहाज़ से सबसे अधिक जोखिमपूर्ण स्थानों में से एक है, जहाँ दुनिया भर में होने वाली कुल मातृ मृत्यु के 12 प्रतिशत से अधिक मामले दर्ज किये जाते हैं। हालाँकि विशेषज्ञों का मत है कि भारत में होने वाली कुल मातृ मृत्यु के मामलों में से अधिकांश में बचाव किया जा सकता है।
हिमाचल दिवस- 15 अप्रैल
- प्रत्येक वर्ष 15 अप्रैल को हिमाचल दिवस आयोजित किया जाता है। ध्यातव्य है कि 15 अप्रैल, 1948 को हिमाचल प्रदेश मुख्य आयुक्त प्रांत के रूप में अस्तित्त्व में आया था। भारतीय संविधान लागू होने के साथ 26 जनवरी, 1950 को हिमाचल प्रदेश 'ग' श्रेणी का राज्य बन गया।
- इसके पश्चात् 1 जुलाई, 1956 को हिमाचल प्रदेश को केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया गया। वर्ष 1966 में कांगड़ा और पंजाब के अन्य पहाड़ी इलाकों को हिमाचल में मिला दिया गया, किंतु इसका स्वरूप केंद्रशासित प्रदेश का ही रहा। दिसंबर 1970 में संसद द्वारा हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम पारित किया गया, जिसके फलस्वरूप 25 जनवरी, 1971 को नया राज्य अस्तित्त्व में आया। इस प्रकार हिमाचल प्रदेश, भारतीय गणराज्य का 18वाँ राज्य बना। क्षेत्र के प्राचीनतम ज्ञात जनजातीय निवासियों को ‘दास’ कहा जाता था, बाद में आर्य आए और वे भी इसी क्षेत्र में रहने लगे। राज्य उत्तर में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से, दक्षिण-पश्चिम में पंजाब से, दक्षिण मंच हरियाणा से, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंड से तथा पूर्व में तिब्बत (चीन) की सीमाओं से घिरा हुआ है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य की संख्या तकरीबन 68 लाख है और राज्य का कुल क्षेत्रफल लगभग 55,673 वर्ग किलोमीटर है।
विश्व कला दिवस 15 अप्रैल
- आम जनमानस के बीच ललित कला को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 15 अप्रैल को विश्व कला दिवस का आयोजन किया जाता है।
- यह दिवस सर्वप्रथम 15 अप्रैल, 2012 को आयोजित किया गया था और यह इटली के महान चित्रकार, मूर्तिकार, वास्तुशिल्पकार और संगीतज्ञ लियोनार्डो दा विंची के जन्मदिवस को चिह्नित करता है। विश्व शांति, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सहिष्णुता और भाईचारे के प्रतीक के रूप में, लियोनार्डो दा विंची अन्य विभिन्न क्षेत्रों पर ललित कला के प्रभाव का एक प्रमाण हैं।
- विदित हो कि कला विश्व भर के सभी लोगों में रचनात्मकता, नवाचार और सांस्कृतिक विविधता का पोषण करती है और ज्ञान साझा करने तथा जिज्ञासा एवं संवाद को प्रोत्साहित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- विश्व कला दिवस आम लोगों को आपस में जोड़ने में मदद करता है और लोगों को अपने आस-पास की विविधता के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिये प्रोत्साहित करता है।
विश्व हीमोफीलिया दिवस 17 अप्रैल
- प्रत्येक वर्ष 17 अप्रैल को ‘विश्व हीमोफीलिया दिवस’ का आयोजन किया जाता है। गौरतलब है कि यह दिवस हीमोफीलिया तथा रक्तस्राव संबंधी अन्य आनुवंशिक विकारों के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
- वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया के संस्थापक फ्रैंक कैनबेल के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में 17 अप्रैल को विश्व हीमोफीलिया दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस दिवस की शुरुआत वर्ष 1989 में की गई थी।
- हीमोफीलिया एक ‘दुर्लभ विकार’ है, जिसमें ‘रक्त में सामान्य रूप से थक्का नहीं जमता, क्योंकि इसमें ‘क्लॉटिंग फैक्टर’ नामक प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में नहीं पाया जाता है, जो कि रक्त के थक्कों के लिये उत्तरदायी होता है। यह रक्त के थक्के बनने की क्षमता को प्रभावित करने वाला एक आनुवंशिक रोग है। इसके लक्षण त्वरित चिकित्सा सहायता की आवश्यकता को इंगित करते हैं, इनमें गंभीर सिरदर्द, लगातार उल्टी, गर्दन का दर्द, अत्यधिक नींद और चोट से लगातार खून बहना आदि शामिल हैं। हीमोफीलिया एक लाइलाज़ बीमारी है।
- हीमोफीलिया के मुख्यतः तीन रूप होते हैं- A, B और C, इनमें से हीमोफीलिया A सबसे सामान्य प्रकार का हीमोफीलिया है।
रामानुजाचार्य जयंती 18 अप्रैल
- 18 अप्रैल, 2021 को महान हिंदू दार्शनिक और चिंतक रामानुजाचार्य की 1004वीं जयंती है। रामानुजाचार्य ने आम जनमानस को समानता और भक्ति का मार्ग दिखाया था। उनका जन्म वर्ष 1017 में तमिलनाडु के श्रीपेरूमबुदूर गाँव में हुआ था।
- रामानुजाचार्य जयंती की तिथि तमिल सौर कैलेंडर के आधार पर तय की जाती है। वह एक महान धर्मशास्त्री थे, जिन्होंने सार्वभौमिक भाईचारे का संदेश दिया।
- रामानुजाचार्य, वेदांत और वैष्णववाद दर्शन के महान समर्थक थे। संत रामानुजाचार्य ने तथाकथित अछूतों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न करने की बात करते हुए कहा कि विश्व के रचयिता ने कभी भी किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया।
- श्री रामानुजाचार्य ने ऐसा सिद्धांत प्रतिपादित किया जिसमें जन्म या जाति के बजाय व्यक्ति के आध्यात्मिक ज्ञान के आधार पर सम्मान दिया जाता है। उन्होंने वेदों के गोपनीय और सर्वोत्कृष्ट ज्ञान को मंदिरों से निकाल कर आम लोगों तक पहुँचाया।
- श्री रामानुजाचार्य महान दार्शनिक, संत, चिंतक, समाज सुधारक और वेदांत की विशिष्टाकद्वैत धारा के मुख्यु उद्घोषक थे। माना जाता है कि उनका निधन 120 वर्ष की आयु में वर्ष 1137 में तमिलनाडु के श्रीरंगम में हुआ था।
विश्व यकृत दिवस 19 अप्रैल
- लिवर/यकृत के महत्त्व और उससे संबंधित रोगों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिये दुनिया भर में प्रत्येक वर्ष 19 अप्रैल को विश्व लिवर/यकृत दिवस का आयोजन किया जाता है।
- यकृत, मानव शरीर को स्वस्थ रखने के लिये डिटॉक्सिफिकेशन और पाचन सहित विभिन्न जटिल कार्य करता है। ज्ञात हो कि यकृत/लिवर मानव शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है और पाचनतंत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- यकृत मानव शरीर मे मुख्य रूप से संक्रामक बीमारियों से निपटने, ब्लड शुगर को नियंत्रित करने, शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने और रक्त का थक्का जमने में मदद करने आदि का कार्य करता है।
- एक व्यक्ति में विभिन्न कारणों की वजह से यकृत संबंधी रोग उत्पन्न हो सकते हैं, जिसमें अस्वास्थ्यकर जीवन एवं खानपान की शैली, अल्कोहॉल एवं फास्ट फूड का अत्यधिक प्रयोग और अत्यधिक वज़न तथा टाइप 2 डायबिटीज आदि शामिल हैं। इसके अलावा यकृत संबंधी रोग वंशानुगत और अनुवांशिक भी हो सकते हैं।
राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस- 21 अप्रैल
- लोक प्रशासन में संलग्न अधिकारियों के कार्य के महत्त्व को रेखांकित करने के लिये प्रत्येक वर्ष 21 अप्रैल को राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस का आयोजन किया जाता है। साथ ही यह दिवस सिविल सेवकों को बदलते समय की चुनौतियों के साथ भविष्य के बारे में आत्मनिरीक्षण एवं सोचने का अवसर प्रदान करता है।
- ज्ञात हो कि 21 अप्रैल, 1947 को स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने दिल्ली के मेटकाॅफ हाउस में प्रशासनिक सेवा के प्रोबेशनरी अधिकारियों को पहली बार संबोधित करते हुए सिविल सेवकों को 'भारत का स्टील फ्रेम' (Steel Frame of India) कहा था।
- सिविल सेवा दिवस को पहली बार दिल्ली के विज्ञान भवन में 21 अप्रैल, 2006 को मनाया गया था। ब्रिटिश काल में ‘सिविल सेवा’ शब्द का प्रयोग ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की प्रशासनिक नौकरियों में शामिल नागरिक कर्मचारियों के लिये किया जाता था। भारत में चार्ल्स कॉर्नवॉलिस को सिविल सेवाओं के जनक के रूप में जाना जाता है।
विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस 21 अप्रैल
- मानव विकास के विभिन्न पहलुओं में रचनात्मकता और नवाचार की महत्त्वपूर्ण भूमिका को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 21 अप्रैल को ‘विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
- इस दिवस का प्राथमिक उद्देश्य आम लोगों को नए विचारों का उपयोग करने, नए निर्णय लेने और रचनात्मक सोच के माध्यम से दुनिया को बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाने के लिये प्रोत्साहित करना है।
- संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2017 में प्रतिवर्ष 21 अप्रैल को ‘विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस' के रूप में मनाने के संबंध में प्रस्ताव पारित किया था और वर्ष 2018 में पहली बार इस दिवस का आयोजन किया गया था।
- संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, नवाचार, रचनात्मकता और बड़े पैमाने पर उद्यमशीलता आर्थिक विकास और रोज़गार सृजन को गति दे सकती हैं। आँकड़ों की मानें तो सांस्कृतिक और रचनात्मकता उद्योग वैश्विक स्तर पर कुल 2.25 बिलियन डॉलर राजस्व और 29.5 मिलियन नौकरियों का सृजन करता है।
विश्व पुस्तक दिवस 23 अप्रैल
- विश्व भर में प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को ‘विश्व पुस्तक दिवस’ अर्थात् ‘विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
- विश्व पुस्तक दिवस का आयोजन मुख्य तौर पर पुस्तकों को पढ़ने और प्रकाशन तथा कॉपीराइट के महत्त्व को रेखांकित करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिये किया जाता है।
- ध्यातव्य है कि वर्ष 1995 में पेरिस में आयोजित यूनेस्को के सम्मेलन के दौरान 23 अप्रैल को ‘विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस’ (विश्व पुस्तक दिवस) के रूप में आयोजित करने का निर्णय लिया गया था।
- 23 अप्रैल की तारीख का इस लिहाज़ से भी काफी महत्त्व है कि इसी दिन विश्व के कई प्रसिद्ध लेखकों का या तो जन्म हुआ था या उनकी मृत्यु हुई थी। उदाहरण के तौर पर विलियम शेक्सपियर, जोसेप प्ला और इंका गार्सिलसो डे ला वेगा ने 23 अप्रैल को अंतिम साँस ली थी, जबकि इसी दिन मैनुएल मेजिया वाल्लीजो, हालडोर लाक्सनेस और मौरिस ड्रून का जन्म हुआ था।
- यूनेस्को हर वर्ष इस मौके पर कार्यक्रमों का आयोजन करता है। किताबी दुनिया में कॉपीराइट एक अहम मुद्दा है, इसलिये विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर इस मुद्दे पर भी ज़ोर दिया जाता है। इस अवसर पर जॉर्जिया की राजधानी ‘त्बिलिसी’ (Tbilisi) को वर्ष 2020 के लिये ‘वर्ल्ड बुक कैपिटल’ (World Book Capital) के तौर पर चुना गया है।
अंग्रेज़ी भाषा दिवस 23 अप्रैल
- प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंग्रेज़ी भाषा दिवस मनाया जाता है। यह दिवस अंग्रेज़ी भाषा के महान साहित्यकार विलियम शेक्सपियर के जन्मदिवस को चिह्नित करता है। अंग्रेज़ी भाषा के सबसे प्रसिद्ध नाटककार होने के साथ-साथ शेक्सपियर का आधुनिक अंग्रेज़ी पर भी काफी अधिक प्रभाव देखने को मिलता है।
- शेक्सपियर ने अपने संपूर्ण जीवन काल में कुल 38 नाटक लिखे थे। अंग्रेज़ी भाषा की उत्पत्ति मध्यकालीन इंग्लैंड में मानी जाती है और वर्तमान में यह विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। उपलब्ध आँकड़ों की मानें तो विश्व के कुल 195 देशों में से 67 देशों में अंग्रेज़ी भाषा का प्रयोग किया जाता है।
- विदित हो कि फरवरी 2010 में सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषावाद को मनाने के लिये संयुक्त राष्ट्र ने भाषा दिवस का शुभारंभ किया था।
- संयुक्त राष्ट्र, भाषा दिवस संगठन की 6 आधिकारिक भाषाओं को संरक्षण प्रदान करता है। संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाएँ अंग्रेज़ी (23 अप्रैल), अरबी (18 दिसंबर), चीनी (20 अप्रैल), स्पेनिश (23 अप्रैल ), रूसी (6 जून) और फ्रेंच (20 मार्च) हैं।
विश्व मलेरिया दिवस 25 अप्रैल
- प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को वैश्विक स्तर पर मलेरिया जैसी घातक बीमारी के संबंध में जागरूकता फैलाने के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा ‘विश्व मलेरिया दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
- विश्व मलेरिया दिवस पर विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिनका उद्देश्य मलेरिया को लेकर जागरूकता फैलाने के लिये सरकारी तथा गैर-सरकारी संगठनों, समुदायों और आम जनमानस के बीच सहयोग स्थापित करना है।
- वर्ष 2021 में विश्व मलेरिया दिवस की थीम 'शून्य मलेरिया लक्ष्य तक पहुँचना' रखी गई है। विश्व मलेरिया दिवस का विचार मूल रूप से ‘अफ्रीकी मलेरिया दिवस’ से विकसित हुआ है। अफ्रीकी मलेरिया दिवस, वर्ष 2001 के बाद से अफ्रीकी देशों की सरकारों द्वारा किया जा रहा है।
- वर्ष 2007 में, विश्व स्वास्थ्य सभा के 60वें सत्र के दौरान अफ्रीका मलेरिया दिवस को विश्व मलेरिया दिवस के रूप में परिवर्तित करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। यह ‘प्लास्मोडियम परजीवियों’ के कारण होने वाला एक मच्छर जनित रोग है। यह परजीवी संक्रमित मादा ‘एनोफिलीज़ मच्छर’ के काटने से फैलता है।
विश्व बौद्धिक संपदा दिवस 26 अप्रैल
- विश्व भर में प्रत्येक वर्ष 26 अप्रैल को ‘विश्व बौद्धिक संपदा दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
- इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य ‘रोज़मर्रा के जीवन पर पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क तथा डिज़ाइन आदि के प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाना और वैश्विक समाज के विकास में रचनात्मकता तथा नवोन्मेष के महत्त्व को रेखांकित करना है।
- विश्व बौद्धिक संपदा दिवस की शुरुआत विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) द्वारा बौद्धिक संपदा (IP) के संबंध में आम जनमानस के बीच समझ विकसित करने के लक्ष्य के साथ वर्ष 2000 में की गई थी।
- 26 अप्रैल, 1970 को ही ‘WIPO कन्वेंशन’ लागू हुआ था। विदित हो कि वैश्विक स्तर पर रचनात्मक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने और बौद्धिक संपदा संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘विश्व बौद्धिक संपदा संगठन’ का गठन किया गया है। WIPO का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में है।
- भारत वर्ष 1975 में WIPO का सदस्य बना था। बौद्धिक संपदा के अंतर्गत ऐसी संपत्तियों को शामिल किया जाता है, जो मानव बुद्धि द्वारा निर्मित होती हैं और जिन्हें छूकर महसूस नहीं किया जा सकता है। इसमें मुख्य तौर पर कॉपीराइट, पेटेंट और ट्रेडमार्क आदि को शामिल किया जाता है।
आयुष्मान भारत दिवस 30 अप्रैल
- भारत में प्रतिवर्ष 30 अप्रैल को आयुष्मान भारत दिवस का आयोजन किया जाता है।
- इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य देश के दूरदराज़ के क्षेत्रों में सस्ती चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ावा देना है। साथ ही यह दिवस समाज के वंचित और गरीब वर्गों को स्वास्थ्य लाभ और बीमा कवर प्रदान करने पर भी ज़ोर देता है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2018 में आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की गई थी, ताकि उन करोड़ों भारतीयों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया जा सके जो चिकित्सा सुविधाएँ प्राप्त करने में सक्षम नहीं हैं। यह भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसे सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (2017) के तहत की गई अनुशंसा के आधार पर शुरू किया गया था।
- यह पहल सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) को पूरा करने और इनके प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करने हेतु शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य भारत में प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक सभी स्तरों पर स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में महत्त्वपूर्ण बदलावों को बढ़ावा देना और आम लोगों तक स्वास्थ्य प्रणाली की पहुँच सुनिश्चित करना है।
- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) आयुष्मान भारत योजना का एक प्रमुख घटक है, जिसे 23 सितंबर, 2018 को रांची में लॉन्च किया गया था। यद्यपि योजनाओं के निर्माण के बावजूद ज़मीनी स्तर पर भारत की स्वास्थ्य अवसंरचना में कोई महत्त्वपूर्ण बदलाव नहीं आया है और महामारी ने इस तथ्य को भलीभाँति उजागर किया है।
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