इतिहास का मानव जाति के लिए बहुत महत्व हैं।
मानव के अतीत के विकास की इतिहास के पृष्ठों पर अंकित होती हैं।
मानव अपनी वर्तमान
प्रगति के सोपानों की दास्तां इतिहास को जानकर प्राप्त कर सकता है और सुनहरे
भविष्य का निर्माण कर सकता है।
मानव जाति के सुरक्षित भविष्य के लिए अतीत की
गलतियाँ और वर्तमान की चुनौतियों का विश्लेषण आवश्यक एक शर्त होती है ।
इतिहास यह
बताता है कि, मानव
ने किस प्रकार और किन चुनौतियों का सामना करके वर्तमान स्वरूप प्राप्त किया है।
मानव के भौतिक विकास के ताने बाने के तंतू भी अतीत के गर्भ से प्रस्फुटित हुए हैं, अतः साँस्कृतिक तत्वों के स्वरूप की
आधारशिला को जानने के लिए इतिहास का महत्व बढ़ जाता हैं। फिशर ने ठीक ही कहा है, 'इतिहास के पृष्ठों मानव की प्रगति
अंकित हैं।'
किसी भी राष्ट्र के सुरक्षित भविष्य के लिए भी
इतिहास का बहुत महत्व है। जैसा कि, अली कहते हैं कि, 'इतिहास की उपेक्षा करने वाले राष्ट्र
का कोई भविष्य नहीं होता है।'एक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक होता है कि, अतीत की गलतियों से सबक ले और वर्तमान
में उन गलतियों को सुधारकर भविष्य के लिए सुरक्षित राष्ट्र का निर्माण करें
ऐतिहासिक रूप से देखें तो हम पायेंगें कि, भारतीय राजाओं ने अपनी उत्तरी पश्चिमी
सीमा की सुरक्षा के लिए चीन की दीवार की तरह पुख्ता इंतजाम नहीं किये थे, इसीलिए लगातार समय समय पर उत्तरी
पश्चिमी सीमा पर आक्रमण होते रहे और आक्रांता हमें रौंदते रहे।
तात्पर्य यह है कि, हमें अपने अतीत का खुले दिमाग से
विश्लेषण करना होगा तथा अपनी कमजोरियों कमियों को दूर करना होगा, तभी सुरक्षित और उज्जल भविष्य की हम
कल्पना कर सकते हैं।
इतिहास न केवल राष्ट्र को अपितु मनुष्य के लिए
भी एक पथ प्रदर्शक का कार्य करता हैं।
इतिहास मनुष्य को यह शिक्षा देता है कि, किस रास्ते पर चलने का क्या परिणाम
निकल सकता हैं? अतः
गलत रास्ते या ऐसे कार्य की पुनरावृत्ति करने में मनुष्य सावधानी बरतता हैं, क्योंकि ‘दूध का जला छाछ को भी फूंक-फूंक कर
पीता' हैं
।
इतिहास का महत्व दूसरे राष्ट्रों का समझने में
भी हैं। इतिहास दूसरे राष्ट्रों की विचारधारा का ज्ञान कराता है, इससे दूसरे राष्ट्रों की वास्तविक मंशा
को पहचाना जा सकता हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण 1962 में चीन द्वारा भारत पर आक्रमण
करना है। हमने चीन के इतिहास से ज्ञान प्राप्त नहीं किया। चीन का इतिहास सदैव सीमा
विस्तारवादी नीति का रहा है ।
इतिहास के अध्ययन से हमें विदित होता है कि, मानव सभ्यता के विकास की क्रमिक
जानकारी हमें इतिहास से प्राप्त होती है।
इतिहास अतीत का अध्ययन हैं, जो मनुष्य के सुखमय भविष्य के लिए
रास्ता बताता है । इतिहास का ज्ञान मनुष्य को अतीत में की गयी गलतियों को वर्तमान
में सुधारने का अवसर प्रदान करता है, जिससे सुरक्षित भविष्य का निर्माण संभव
है।
इतिहास न केवल मानव के लिए अपितु राष्ट्र के लिए भी एक पथ प्रदर्शक का कार्य
करता हैं, क्योंकि
इतिहास की उपेक्षा करने वाले राष्ट्र का कोई भविष्य नहीं होता है।
देश के रूप हमें
1962 के चीनी आक्रमण को नहीं भूलना चाहिए। भारत ने चीन के इतिहास से कुछ नहीं
सीखा। चीन का इतिहास सदैव सीमा विस्तारवादी रहा है। हमने अपने इतिहास से भी नहीं
सीखा कि, भारत
पर सदियों विदेशी आक्रमणा होते रहे और हम हारते रहे है, इसलिए आजादी के बाद ठोस सुरक्षा नीति
बनायी जाने की शिक्षा हमें इतिहास देता हैं |
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