इतिहास कितने प्रकार के होते है | इतिहास का क्षेत्र | Itihas Ke Prakar, Type of History
इतिहास कितने प्रकार के होते है
इतिहास का क्षेत्र
इतिहास के क्षेत्र से तात्पर्य, इतिहास की सीमाओं से है, जिसमें इतिहास से संबंधित अध्ययन की विषय वस्तु समाहित होती है, किन्तु इतिहास के क्षेत्र को सीमाबद्ध करना बहुत कठिन कार्य है।
इतिहास क्षेत्र का स्वरूप देश, काल, परिस्थिति और सामाजिक आवश्यकताओं के कारण निरंतर विकसित होकर बढ़ता जा रहा हैं, अतः इतिहास के क्षेत्र को एक विशिष्ट सीमा में बांधना निश्चित रूप से संभव नहीं है। फिर भी इतिहासकारों ने इतिहास के क्षेत्र को वर्गीकृत करने की कोशिश की है, जो इस प्रकार है.
राजनीतिक इतिहास
राजनीतिक इतिहास से आप क्या समझते हैं ?
- राजनीतिक इतिहास, इतिहास क्षेत्र का महत्वपूर्ण अंग हैं। राजनीतिक इतिहास में समाज में विशिष्ट भूमिका निभाने वाले जननायकों एवं समाज को नेतृत्व देने वाले राजनेताओ का विवरण होता हैं। इन जननायकों का जीवन, कार्य एवं उपलब्धियाँ वर्तमान के लिए प्रेरणा दायक और भविष्य के लिए पथ प्रदर्शनकारी होती हैं।
- राजनीतिक इतिहास में राजनैतिक जननेताओं के साथ ही, राजनैतिक क्राँतियों, जनक्रांतियों, युद्धों, राजनैतिक घटनाओं आदि का भी इतिहास समाहित होता हैं। प्रसिद्ध विद्वान ए. एल. राउज 'राजनैतिक इतिहास को इतिहास की रीढ़ मानते हैं।' थ्यूसिडिडीज, गिबन, मैंकाले जैसे विद्वानों के लेखन की पृष्ठभूमि 'राजनीतिक इतिहास' रही हैं। राजनीति इतिहास में अतीत एवं वर्तमान की राजनीतिक घटनाओं का क्रमिक विवरण होता हैं।
सामाजिक इतिहास
सामाजिक इतिहास से आप क्या समझते हैं ?
- सामाजिक इतिहास, इतिहास क्षेत्र का अभिन्न भाग हैं। मनुष्य जन्म से लेकर मृत्यु तक समाज में रहता है और उसकी समस्त क्रियाएँ समाज में संचालित एवं घटित होती हैं।
- सामाजिक मनुष्य के उद्भव से लेकर उसके क्रमिक विकास का संपूर्ण विवरण होता है, मनुष्य के दैनंदिनी जीवन, खानपान, रहन सहन, वस्त्राभूषण, परिवार, विवाह, वैवाहिक जीवन एवं संबंध, विभिन्न वर्गों एवं समूहों के मध्य संबंधों का स्वरूप, आर्थिक एवं साँस्कृतिक जीवन, धर्म, संस्कृति, कला, साहित्य आदि सब कुछ समाहित रहता है।
- सामाजिक इतिहास में सामाजिक संबंधों एवं सामाजिक परिवर्तनों का सूक्ष्म विश्लेषण किया जाता है।
- सामाजिक इतिहास के सबसे बड़े समर्थकों में टेर्वेलियन प्रमुख थे।
वेलियन का मत समाज को इतिहास की आधारशिला निरूपित करता है। '
साँस्कृतिक इतिहास
साँस्कृतिक इतिहास से आप क्या समझते हैं ?
- साँस्कृतिक इतिहास, इतिहास क्षेत्र का अभिन्न अंग हैं। साँस्कृतिक इतिहास मनुष्य, समाज एवं देश के साँस्कृतिक ताने बाने का विवरण दिया जाता हैं। संस्कृति में धर्म, संस्कार, परंपरा, रीति रिवाज, कला, साहित्य, शिक्षा आदि सब कुछ समाहित होता है।
- जैसे भारतीय साँस्कृतिक इतिहास को प्रागैतिहासिक साँस्कृतिक इतिहास, वैदिक कालीन साँस्कृतिक इतिहास, प्राचीन कालीन साँस्कृतिक इतिहास मध्यकालीन साँस्कृतिक इतिहास, आधुनिक कालीन साँस्कृतिक इतिहास में बांट कर अध्ययन किया जा सकता है, जिसमें संबंधित काल के साँस्कृतिक जन जीवन का क्रमिक कालक्रमानुसार अध्ययन किया जा सकता है।
धार्मिक इतिहास
धार्मिक इतिहास से आप क्या समझते हैं ?
- धार्मिक इतिहास इतिहास क्षेत्र का प्रमुख अंग है। धार्मिक इतिहास में किसी धर्म के उद्भव, विकास, पतन आदि का उल्लेख किया जाता हैं। धार्मिक इतिहास मनुष्य की भावनाओं को सीधे प्रभावित करता है, अतः इसके लेखन में बड़ी सावधानी रखी जाती हैं। विश्व के विभिन्न धर्मों हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, जैन, सिक्ख आदि का इतिहास समय समय लिखा गया हैं। वेद, उपनिषद, ब्राह्मण ग्रंथ, पुराण, भारतीय धार्मिक इतिहास की प्रमुख विरासत हैं। यूरोप महाद्वीप में धार्मिक इतिहास लेखन का स्वर्णकाल' पुनर्जागरण एवं धर्म सुधार काल को माना जाता है।
आर्थिक इतिहास
आर्थिक इतिहास से क्या समझते हैं ?
- आर्थिक इतिहास में किसी समाज, संस्था या राष्ट्र की समस्त आर्थिक गतिविधियों के उद्भव, विकास एवं पतन आदि सभी का उल्लेख होता है। पशुपालन, कृषि, उद्योग, आजीविका के समस्त साधन, व्यापार वाणिज्य, राजस्व आदि सभी विषयों का अध्ययन किया जाता है, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अर्थ से जुड़े हैं।
- इतिहास क्षेत्र में आर्थिक इतिहास को प्रसिद्धि प्रदान करने वालों में कोदोरसे, कॉम्ते, बर्कले, कार्ल मार्क्स की भूमिका उल्लेखनीय रही हैं।
- आर० एच० टानी तथा एलीन पावर ने सर्वप्रथम 'आर्थिक इतिहास लेखन कर उल्लेखनीय कार्य किया।
- भारतीय इतिहासकारों में रजनी पामदत्त, डी० डी० कोसाम्बी, आर० सी० दत्त, इरफान हबीब आदि ने आर्थिक इतिहास लेखन किया हैं।
- आर्थिक इतिहास के बारे में विलियम ऐश्ले कहते हैं कि, 'आर्थिक विचार स्वयंमेव ऐतिहासिक तथ्य
होते हैं।'
संवैधानिक इतिहास
संवैधानिक इतिहास से क्या समझते हैं ?- संवैधानिक इतिहास के अंतर्गत किसी समाज, संस्था या राष्ट्र के वे कानूनी विधिक
रीति रिवाज (जिन्हें समाज मान्यता देता है) आते हैं, जिनसे समाज, धर्म या राष्ट्र प्रभावित होता है।
- भारतीय समाज में मनुस्मृति, याज्ञवतक्य स्मृति, मिताक्षरा, दाय भाग आदि का भारतीय समाज में विधिक महत्व हैं। ये ग्रंथ जटिल
भारतीय रीति रिवाजों एवं प्रथाओं से संबंधित समस्याओं के निराकरण में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाते हैं।
- पी. वी. काणे का 'धर्मशास्त्र का इतिहास लेखन को हैलम, कार्निवल लेविस, अर्सकीन, मेटलैंड ने प्रसिद्धि दिलाने में
महत्वपूर्ण भूमिका निभायी हैं।
राजनयिक इतिहास
राजनयिक इतिहास से क्या समझते हैं ?
- राजनयिक इतिहास में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का अध्ययन किया जाता है। एक राष्ट्र के दूसरे राष्ट्र से परम्पर संबंधों की पृष्ठभूमि, उनका क्रमिक विकास, संबंधों का उतार चढ़ाव अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में संबंधों की भूमिका और संबंधों की प्रकृति आदि सब कुछ राजनयिक इतिहास की परिधि में आता हैं।
- भारतीय परिप्रेक्ष्य में भारत चीन संबंध, भारत पाकिस्तान संबंध, भारत - रूस संबंध, भारत अमेरिका संबंध राजनयिक इतिहास लेखन के रोचक विषय है।
औपनिवेशक इतिहास
औपनिवेशक इतिहास से क्या समझते हैं
- औपनिवेशिक इतिहास के अंतर्गत किसी देश द्वारा दूसरे देश को जीतकर अपना उपनिवेश बना लेने का इतिहास आता हैं। यूरोप के इंग्लैण्ड, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, पुर्तगाल आदि ने एशिया, अफ्रीका, दक्षिणी एवं उत्तरी अमेरिका महाद्वीप के देशों को जीतकर अपने उपनिवेश स्थापित किये।
- औपनिवेशिक इतिहास का लेखक उपनिवेश स्थापना के कारणों, परिस्थितियों, खिंचावों, तनावों, उपनिवेशों पर आधिपत्य के साधनों आदि सभी को अपने अध्ययन में सम्मिलित कर विश्लेषण करता हैं।
संसदीय इतिहास
संसदीय इतिहास का अर्थ
- संसदीय इतिहास में लोकतांत्रिक व्यवस्था और जनकल्याण का इतिहास निहित होता हैं। संसदीय इतिहास में संसदीय व्यवस्था की स्थापना के लिए संघर्ष, संसदीय व्यवस्था की स्थापना, विकास और जनकल्याण के लिए कल्याणकारी व्यवस्था का विश्लेषणात्मक इतिहास समाहित होता हैं।
कॉमनवेल्थ का इतिहास
- कॉमनवेल्थ के इतिहास में ब्रिटिश साम्राज्य और उसके उपनिवेशों की स्वतंत्रता के बाद का इतिहास समाहित होता हैं। ब्रिटेन और उसके स्वतंत्र उपनिवेशिक देशों के बीच राजनीतिक रूप से सौहार्द्रपूर्ण संबंधों को बनाये रखने के लिए 'कॉमनवेल्थ' की स्थापना की गयी थी।
सैन्य इतिहास का अर्थ
- सैन्य इतिहास के अंतर्गत विभिन्न सेनाओं की स्थापना एवं विकास, हथियारों के निर्माण एवं विकास, हथियारों के प्रयोग की तकनीक, युद्ध क्षेत्र में रणनीतिक व्यू - रचना आदि का समग्र अध्ययन किया जाता है। साम्राज्यों के उत्थान एवं पतन में सैन्य तत्वों की महत्वपूर्ण भूमिका रही हैं।
- सिकन्दर, चन्द्रगुप्त मौर्य, समुद्रगुप्त, नेपोलियन, हिटलर, मुसोलनी, चंगेज खाँ के साम्राज्यों की स्थापना में सैन्य पृष्ठभूमि ने आधारभूत भूमिका निभायी थी।
क्षेत्रीय इतिहास
- क्षेत्रीय इतिहास में एक क्षेत्र विशेष की भौगोलिक सीमाओं में निहित इतिहास का अध्ययन किया जाता है। जैसे उत्तरी मध्य प्रदेश का इतिहास, उत्तराखण्ड के मैदानी क्षेत्रों का इतिहास, कुमाऊँ गढ़वाल का इतिहास, विदर्भ का इतिहास आदि की विशेष क्षेत्रीय राजनीतिक एवं साँस्कृतिक परिवेश का अध्ययन समाहित होता हैं।
सार्क देशों का इतिहास
- सार्क देशों का संगठन भारत सहित भारत के सात पड़ोसियों का संगठन है, जिसका सचिवालय काठमाण्डू (नेपाल) में स्थित हैं। सार्क देशों की अपनी विशिष्ठ संस्कृति एवं इतिहास हैं, जिसमें बहुत कुछ मूलभूत समानताएँ हैं, आने वाले समय में सार्क देशों का पृथक से इतिहास लिखा जायेगा। सार्क देशों के इतिहास लेखन संबंधी विचार सर्वप्रथम डॉ. आनन्द कुमार शर्मा (ग्वालियर) ने दिया हैं।
क्या इतिहास दर्शन है
- इतिहास दर्शन में इतिहास का आलोचनात्मक एवं वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है। इतिहास दर्शन का जनक वाल्टेयर को माना जाता हैं। दर्शन ज्ञान के प्रति लगाव का परिचायक है। इसका अध्ययन क्रमबद्ध तरीके से किया जाता हैं।
विश्व इतिहास
- विश्व इतिहास के अंतर्गत सारे संसार का कालक्रमानुसार अध्ययन किया जाता हैं। इसका उद्देश सारे संसार में भाईचारे की भावना को बढ़ाना है। विश्व भ्रातृत्व का विश्व में सर्वप्रथम संदेश भारत ने ही 'वसुधैव कुटुम्बकम' का संदेश देकर की थी। वैसे सर्वप्रथम विश्व इतिहास लेखन सर वाल्टर रेले' ने किया। उसके बाद एच० जी० वेल्स एवं टायन्बी ने भी विश्व इतिहास की रचना में अपना उपयोगी योगदान दिया।
- इस प्रकार इतिहास क्षेत्र विस्तार की सीमाओं में आबद्ध करने की कोई अंतिम रेखा खींचना संभव नहीं है। उक्त क्षेत्र विस्तार इतिहास क्षेत्र के विभिन्न अंगों में से हैं।
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