जहांगीर के काल में मुगल चित्रकला |मुगल चित्रकला का पतन Mughal Painting during Jahangir's period
जहांगीर के काल में मुगल चित्रकला का चरमोत्कर्ष
- जहांगीर स्वयं चित्रकला का पारखी था। ललित कलाओं में उसकी सबसे अधिक अभिरुचि चित्रकला में थी। जहांगीर अपना अधिकांश खाली समय चित्रकारों के सानिध्य में व्यतीत करता था।
- विदेशी यात्रियों, पादरियों तथा दू - विलियम हॉकिन्स, सर टॉमस रो, फ़ादर गिरीरो आदि ने जहांगीर के चित्रकला प्रेम और उसकी चित्रकला में मर्मज्ञता की प्रशंसा की है।
- अपनी आत्मकथा तुज़ुक-ए जहांगीरी में जहांगीर यह दावा करता है कि वो ऐसे चित्र में जिसको कि कई प्रतिष्ठित चित्रकारों ने मिलकर बनाया हो, यह बता सकता है कि चित्र के अमुक भाग को किस चित्रकार ने बनाया है।
- जहांगीर के काल में प्रसिद्ध चित्रों की ऐसी अनुकृतियां तैयार की गईं जो कि मूल चित्रों से इतना मेल खाती थीं कि उनमें आपस में अन्तर करना मुश्किल हो जाता था।
- सर टॉमस रो द्वारा उपहार में दी गई मदर मैरी के चित्र की उसने अपने दरबारी चित्रकारों से तुरन्त अनुकृति तैयार करवाई। जहांगीर ने तुरन्त मूल कृति तथा उसकी अनुकृति में अन्तर कर लिया जब कि टॉमस रो ऐसा नहीं कर सका।
जहांगीर कालीन चित्रकला की विशेषता
जहांगीर के काल के प्रसिद्ध चित्रकार
- जहांगीर के काल के प्रसिद्ध चित्रकारों में अबुल हसन, उस्ताद मन्सूर, उस्ताद मुराद, मनोहर , तुलसी, बिशनदास, गोवर्धन और सालिवाहन सम्मिलित थे।
- जहांगीर के काल में चित्रों में प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया गया। इस काल में मुगल चित्रकला का भारतीयकरण हुआ और वह ईरानी प्रभाव से मुक्त हो गई।
- इस काल में प्राकृतिक दृश्यों तथा पशु-पक्षियों का तथा आखेट का चित्रांकन बहुत सजीव हो गया। उस्ताद मन्सूर, मुराद और मनोहर इस क्षेत्र में सबसे विख्यात थे।
- जहांगीर के काल में प्रचुर मात्रा में व्यक्ति चित्रों का निर्माण किया गया।
- इस क्षेत्र में बिशनदास सबसे विख्यात था। बिशनदास द्वारा बनाया गया नवजात शहज़ादे शाह शुजा का चित्र अत्यन्त सजीव है।
- हरम में बेगमों, शहज़ादियों आदि के व्यक्तिचित्रों के निर्माण का दायित्व महिला चित्रकारों को दिया गया।
- जहांगीर के काल में चित्रों के विषयों में ईसाई विषयों पर आधारित चित्रों का भी निर्माण किया गया।
- वर्जिन मैरी, जीसस क्राइस्ट, मैडोना आदि के चित्रों का निर्माण किया गया।
- जर्मन चित्रकार अल्बर्ट ड्यूरर के चित्रों से प्रभावित होकर जहांगीर ने उसके चित्रों की अनुकृतियां तैयार करवाई थीं।
- मलिका नूरजहां भी चित्रकला की पोषक थी। उसने लाहौर स्थित जहांगीर के मकबरे में चित्रवीथिका निर्माण करवाया था।
- जहांगीर का शासनकाल चित्रकला की दृष्टि से मुगल काल का स्वर्ण युग कहा जा सकता है।
मुगल चित्रकला का पतन The Fall of Mughal Painting
- शाहजहां की अभिरुचि चित्रकला से अधिक स्थापत्य कला में थी। उसके शासनकाल में जहांगीर के शासनकाल की तुलना में चित्रकला को कम प्रोत्साहन दिया गया। इस काल में चित्रों में भावों की सजीवता के स्थान पर एक ठहराव आ गया।
- प्राकृतिक रंगों के स्थान पर चमकीले, भड़कीले रंगों के प्रयोग से चित्रों में स्वाभाविकता के स्थान पर कृत्रिमता आ गई। विषयों की विविधता भी कम हो गई तथा व्यक्ति चित्रों के निर्माण पर अधिक ध्यान दिया जाने लगा।
- शाहजहां के काल के प्रसिद्ध चित्रकार- फ़कीर उल्ला, मीर हाशिम, अनूप तथा चित्रमणि थे | शाहजहां का ज्येष्ठ पुत्र दाराशिकोह चित्रकला का संरक्षक था। उसके द्वारा तैयार कराया गया एलबम पटना के खुदाबख्श संग्रहालय में उपलब्ध है।
- औरंगज़ेब ने चित्रकला को राज्याश्रय नहीं दिया। उसने अकबर के मकबरे, बीजापुर व गोलकुण्डा राज्यों में पहले से बने चित्रों को नष्ट करवा दिया।
- परवर्ती मुगल बादशाहों के काल में चित्रकला को प्रोत्साहन देने की बादशाहों में क्षमता ही नहीं रही। अधिकांश चित्रकार मुगल दरबार छोड़कर अन्य राज्यों में चले गए फिर भी परम्परागत मुगल चित्रकला पूर्णतया लुप्त नहीं हुई और उसकी परम्परा को राजपूताना, कांगड़ा, पंजाब, गढ़वाल आदि राज्यों में जीवित रखा गया।
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