सिन्धु सभ्यता का कालनिर्धारणPeriod of Indus Civilization
सिन्धु सभ्यता के कालनिर्धारण के सम्बंध में कुछ विद्वानों का मत है कि यह सभ्यता नागरीय तथा व्यापार प्रधान होने के कारण वैदिक सभ्यता का परिवर्द्धित स्वरूप है।
उपर्युक्त मत का विरोध करते हुए कुछ अन्य इतिहासकारों का कहना है कि यह सभ्यता वैदिक काल से बहुत प्राचीन है। ये विद्वान वैदिक काल को ईसा से दो हजार वर्ष पूर्व मानते हैं।
चूंकि वैदिक काल से कम से कम पन्द्रह सौ वर्ष पूर्व सिन्धु घाटी की सभ्यता को माना जाता है। इसलिए ये विद्वान सिन्धु घाटी की सभ्यता का काल लगभग 3250 ई० पू० से 2750 ई० पू० तक मानते हैं। प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ० आर० के० मुखर्जी का भी यही विचार है।
राजबली पाण्डेय के अनुसार सिन्धु घाटी की सभ्यता का काल ईसा के चार हजार वर्ष पूर्व है। वे बताते हैं, "इस स्थान की खुदाई में जल के धरातल तक प्राचीन नगरों के खण्ड के एक के ऊपर दूसरे सात स्तर मिले हैं। अनुमानतः यदि एक नगर के जन्म विकास एवं पतन के लिए पांच सौ वर्ष का समय दिया जाये तो सात नगरों की उत्पत्ति विकास और पतन में लगभग पैंतीस सौ वर्ष लगे होंगे। सबसे नीचे का स्तर भी एक विकसित नगर का अवशेष है। अतः यदि भूगर्भ का पानी बाधा नहीं डालता तो सातवें स्तर के नीचे भी खण्डहरों के स्तर मिल सकते थे।
इस प्रकार सिन्धु घाटी की सभ्यता कम से कम ईसा के पूर्व चार हजार वर्ष की है।" यदि यह विचार सच है तो यह सभ्यता मिस्र की नील नदी और मेसोपोटामिया की दजला-फुरात नदी की घाटियों की सभ्यताओं की समकालीन थी। कुछ अन्य विद्वानों ने प्राचीनता के दृष्टिकोण से सिन्धु सभ्यता को ही मानव सभ्यता का प्रथम केन्द्र माना है।
सिन्धु सभ्यता का कालानुक्रम रेडियोकार्बन के अनुसार
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सिन्धु सभ्यता का कालानुक्रम रेडियोकार्बन तिथियों पर आधारित है। रेडियोकार्बन एक रासायनिक प्रक्रिया को कहते हैं जिसके आधार पर खुदाई से प्राप्त पत्थरों एवं हड्डियों आदि का काल वैज्ञानिक ढंग से निर्धारित किया जा सकता है।
रेडियोकार्बन तिथियों से सिन्धु घाटी की सभ्यता का काल ईसा पूर्व 2300 से 1750 ईसा पूर्व तक संकेत मिलता है। लेकिन सही ऐतिहासिक तिथियां जानने के लिए रेडियोकार्बन तिथियों को संशोधित करना पड़ता है।
फलत: इसका काल ईसा पूर्व 2800/2900-2000 होता है। अनुमान किया जाता हैं कि सिन्धु घाटी की यह सभ्यता अपने परिधीय स्थलों पर कुछ बाद के काल में भी विद्यमान रही। मेसोपोटामिया एवं सिन्धु घाटी की सभ्यता का आपस में मेल-जोल होने के आधार पर भी इसका काल निर्धारण करने का प्रयास विद्वानों के द्वारा हुआ है।
सबसे प्राचीन प्रमाण ईसा पूर्व 2600 (सारगोनिक पूर्व युग) में मिलता है। इसका अर्थ यह हुआ कि यह सभ्यता ईसा पूर्व 2800 में ही अस्तित्व में आ गई थी।
अतः ईसा पूर्व 2800-2900-2000 की कालावधि को ही सिन्धु सभ्यता का आधुनिक तिथि निर्धारण मान सकते हैं।
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