विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक 2021 |World Competitiveness Yearbook (WCY)

 

विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक 2021 |World Competitiveness Yearbook (WCY)

 विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक 2021 |World Competitiveness Yearbook (WCY)

 

17 जून 2021 को इंस्टीट्यूट फॉर मेनेजमेंट डेवलपमेंट (Institute for Management Development- IMD) द्वारा विश्व की 64 अर्थव्यवस्थाओं को रैंक प्रदान कर वार्षिक विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक (World Competitiveness Index) जारी किया गया है ।

विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक 2021 में भारत की स्थिति 

  • वर्ल्ड कॉम्पिटिटिवनेस ईयरबुक (World Competitiveness Yearbook- WCY) के अनुसार भारत ने वार्षिक विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक (World Competitiveness Index) में 43वाँ स्थान बनाए रखा है।

 

विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक क्या है ?

  • विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक एक व्यापक वार्षिक रिपोर्ट और देशों की प्रतिस्पर्द्धात्मकता को लेकर विश्वव्यापी संदर्भ बिंदु है।

 

 विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक पहली बार कब जारी किया गया था ?

  • WCY को पहली बार वर्ष 1989 में प्रकाशित किया गया था 


 विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक किसके द्वारा जारी किया जाता है ?

  • इंस्टीट्यूट फॉर मनेजमेंट डेवलपमेंट (Institute for Management Development- IMD) द्वारा किया गया है।

 

विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक 2021 महत्वपूर्ण बिन्दु 

  • वर्ष 2021 में IMD ने विश्व की अर्थव्यवस्थाओं पर कोविड -19 के प्रभाव की जाँच की।
  • यह सूचकांक 64 अर्थव्यवस्थाओं को रैंक प्रदान करता है


 विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक के कारक: 

यह चार कारकों (334 प्रतिस्पर्द्धात्मकता मानदंड) की जाँच करके देशों की समृद्धि और प्रतिस्पर्द्धात्मकता को मापता है:

  1. आर्थिक प्रदर्शन
  2. सरकारी दक्षता
  3. व्यापार दक्षता
  4. आधारभूत संरचना


विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक टॉप देश 

यूरोप:

  • यूरोपीय देश स्विटज़रलैंड (प्रथम), स्वीडन (द्वितीय), डेनमार्क (तीसरे), नीदरलैंड (चौथे) के साथ विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मक रैंकिंग में क्षेत्रीय ताकत प्रदर्शित करते हैं।

एशिया:

  • शीर्ष प्रदर्शन करने वाली एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में, सिंगापुर 5वें, हॉन्गकॉन्ग 7वें, ताइवान 8वें और चीन 16वें स्थान पर है।

 

  • विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक, 2021 में स्विटज़रलैंड  प्रथम स्थान पर है।
  • विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक, 2021 में भारत 43 वे स्थान पर है।
  • विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक, 2020 में सिंगापुर प्रथम स्थान पर था।


  • संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका पिछले वर्ष (क्रमशः 9वें और 10वें) की तरह ही अपने स्थान पर बने हुए हैं।



विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक 2021 में भारत का प्रदर्शन

 

ब्रिक्स राष्ट्रों की तुलना में: ब्रिक्स देशों में भारत, चीन (16वें) के बाद दूसरे (43वें) स्थान पर है, इसके बाद रूस (45वें), ब्राज़ील (57वें) और दक्षिण अफ्रीका (62वें) का स्थान है।

चार कारकों में प्रदर्शन: 

  • प्रयोग में लाए गए चार सूचकांकों में सरकारी दक्षता में भारत की रैंकिंग पिछले वर्ष 50 से बढ़कर 46 हो गई, जबकि अन्य मापदंडों जैसे- आर्थिक प्रदर्शन (37वाँ), व्यावसायिक दक्षता (32वाँ) और बुनियादी ढाँचे (49वाँ) में इसकी रैंकिंग पूर्व की भाँती ही बनी रही।


सरकारी दक्षता में सुधार: 

  • अधिकांशतः अपेक्षाकृत स्थिर सार्वजनिक वित्त के कारण महामारी के बावजूद वर्ष  2020 में सरकारी घाटा 7% रहा। सरकार ने निजी कंपनियों को सहायता और सब्सिडी भी प्रदान की।


भारत का अच्छा प्रदर्शन:

  • भारत की शक्ति दूरसंचार (प्रथम), मोबाइल टेलीफोन लागत (प्रथम), आईसीटी सेवाओं के निर्यात (तीसरे), सेवा व्यवसायों में पारिश्रमिक (चौथा) और व्यापार सूचकाँक (पाँचवें) में निवेश में निहित है।


भारत की कमज़ोरी:

  • भारत का प्रदर्शन सब-इंडेक्स जैसे- ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर (64वाँ), पार्टिकुलेट पॉल्यूशन (64वाँ), मानव विकास सूचकांक (64वाँ), प्रति व्यक्ति जीडीपी (63वाँ) और प्रति व्यक्ति विदेशी मुद्रा भंडार (62वाँ) आदि में सबसे खराब रहा है।


विश्लेषण: 

देशों के शीर्ष प्रदर्शन के कारक:

  •  नवाचार में निवेश, डिजिटलीकरण, कल्याणकारी लाभ, विविध आर्थिक गतिविधियों, सहायक सार्वजनिक नीति और नेतृत्व जैसे गुण, जिसके परिणामस्वरूप सामाजिक सामंजस्य ने देशों को संकट का बेहतर प्रबंधन करने में मदद की है तथा इस प्रकार इन देशों को प्रतिस्पर्द्धा में उच्च रैंकिंग प्राप्त हुई है।


बेरोजगारी को संबोधित करना:

  • प्रतिस्पर्द्धी अर्थव्यवस्थाएँ दूरस्थ शिक्षा की अनुमति देते हुए एक दूरस्थ कार्य दिनचर्या में परिवर्तन करने में सफल रहीं।


सार्वजनिक खर्च: 

  • प्रमुख सार्वजनिक खर्च की प्रभावशीलता जैसे- सार्वजनिक वित्त, कर नीति और व्यापार कानून की प्रभावशीलता को कोविड -19 द्वारा प्रभावित अर्थव्यवस्थाओं पर दबाव को दूर करने के लिये देखा जाता है।


प्रतिस्पर्द्धात्मकता बढ़ाने के लिये भारत द्वारा हाल ही में उठाए गए कदम: 

  • सरकार ने भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाने के लिये विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना शुरू की है।
  • आत्मनिर्भर भारत अभियान (या आत्मनिर्भर भारत मिशन) के पाँच स्तंभ हैं- अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढाँचा, प्रणाली, जीवंत जनसांख्यिकी और मांग।


FAQ


2021  में जारी आईएमडी विश्व प्रतिस्पर्धा सूचकांक, 2021 में भारत को कौन-सा स्थान प्राप्त हुआ?

  • विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक, 2021 में भारत 43 वे स्थान पर है।

Also Read.....




No comments:

Post a Comment

Powered by Blogger.