मनोवृत्ति की विशेषताएँ | Attitude Characteristics in Hindi
मनोवृत्ति की विशेषताएँ | Attitude Characteristics in Hindi
मनोवृत्ति की विशेषताएँ
- मनोवृत्ति में मनोभाव
- मनोवृत्ति अर्जित
- मनोवृत्ति आशावादी निराशावादी
- मनोवृत्ति सकारात्मक नकारात्मक
- विशेष परिस्थितियों में विशेष क्रिया
- स्थायी, अस्थायी मनोवृत्ति- तटस्थता का अभाव
- मानसिक प्रक्रिया
- मनोवृत्ति पसंदगी नापसंदगी
- मनोवृत्ति चेतन अचेतन
- प्रत्येक व्यक्ति में अलग-अलग व्यवहार
- निश्चित दिशा निर्देशन
- प्रतिकूल,अनुकूल मनोवृत्ति
मनोवृत्ति की विशेषताओं का वर्णन
1. मनोवृत्ति के अर्जित होने के कारण ज्ञान पर अच्छे और बुरे वातावरण का बुरा या अच्छा प्रभाव पड़ता है।
2. मनोवृत्ति जन्मजात न होकर अर्जित होती है। यह वातावरण के साथ हमारी अन्तःक्रिया के फलस्वरूप अर्जित होती है। उम्र, अनुभव, संगति, घटना एवं परिस्थितियों के साथ-साथ धीरे-धीरे मनोवृत्तियों का विकास होता है। जन्म की समय किसी विषय के बारे में कोई विशेष मनोवृत्ति विद्यमान नहीं होती है।
3. मनोवृत्ति एक ऐसा मनोभाव है जिनका संबंध किसी घटना, विचार या विषय से होता है। तात्पर्य यह है कि मनोवृत्ति होने के लिए कोई न कोई घटना, विचार या विषय का होना अनिवार्य है। यदि विषय, विचार या घटना विवादग्रस्त होते हैं तो व्यक्ति बहुत जल्द ही अनुकूल या प्रतिकूल मनोवृत्ति विकसित कर लेता है। जैसे- व्यक्ति बाल विवाह समलैंगिक- अंतर्जातीय विवाह, भारत एवं विदेशों से संबंध के बारे में अनुकूल या प्रतिकूल मनोवृत्ति विकसित कर सकता है।
4. व्यक्ति अपनी मनोवृत्ति से प्रेरित होकर कुछ विशेष प्रकार का व्यवहार अधिक तत्परता के साथ करता है। जैसे- माता-पिता, शिक्षक, मित्र, भाई आदि के प्रति अनुकूल मनोवृत्ति होने के कारण हम अधिक सौहार्दपूर्ण व्यवहार करते हैं वहीं चोर, डकैत, बलात्कारी, आतंकवादी, भ्रष्टाचारी आदि के प्रति प्रतिकूल मनोवृत्ति होने के कारण हमारा व्यवहार तीखा होता है।
5. मनोवृत्ति पसंद, नापसंद, स्वीकृति, विरोध आदि के रूप में अभिव्यक्त होती है।
6. जब एक व्यक्ति की मनोवृत्ति दूसरे व्यक्ति के प्रति प्रतिकूल होती है तो संभव है कि प्रतिकूल मनोवृत्ति रखनेवाला व्यक्ति उस दूसरे व्यक्ति के साथ खाना-पीना, उठना-बैठना, बोल-चाल, देखना बंद कर दे। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि प्रतिकूल मनोवृत्ति रखने वाला व्यक्ति उस व्यक्ति के साथ उठना-बैठना, बोलना, देखना कायम रखे परन्तु खाना-पीना बंद कर दे। यहाँ प्रथम व्यक्ति की प्रतिकूल मनोवृत्ति है जबकि दूसरे व्यक्ति की प्रतिकूल मनोवृत्ति की अपेक्षा अधिक तीव्र है।
7. सामान्यतः किसी व्यक्ति की किसी वस्तु के प्रति सकारात्मक मनोवृत्ति है तो वह उसे पसंद करेगा, उसके प्रति आकर्षित होगा उसे पाने का प्रयास करेगा चाहे वह कितनी भी कठिनाइयों से क्यों ना प्राप्त हो रही हो। इसके विपरीत नकारात्मक मनोवृत्ति है तो वह उसे नापसंद करेगा, उससे हटने का प्रयास करेगा। जैसे किसी व्यक्ति की लोकतंत्र के प्रति सकारात्मक मनोवृत्ति है जो वह लोकतांत्रिक संस्थाओं एवं परंपराओं के प्रति अनुकूल दृष्टिकोण रखेगा एवं उन्हें पसंद करेगा तथा तानाशाही प्रक्रियाओं के प्रति प्रतिकूल रवैया अपनाएगा।
8. एक बार मनोवृत्ति विकसित हो जाने पर सामान्यतः वह स्थायी हो जाती है। हालाँकि परिस्थिति में परिवर्तन से मनोवृत्ति में भी परिवर्तन होता है। उदाहरण के लिए। पहले अन्तर्जातीय विवाह पर पूर्णतः प्रतिबन्ध होता था, परन्तु आज परिस्थितयों में परिवर्तन होने से अर्न्तजातीय विवाह भी धीरे-धीरे लगे हैं।
9. मनोवृत्ति व्यक्ति के व्यवहारों को एक निश्चित दिशा में निर्देशित करती है। जब व्यक्ति की मनोवृत्ति किसी विषय, घटना या विचार के प्रति अनुकूल होती है तो वह खास ढंग से व्यवहार करता है, वहीं जब प्रतिकूल होती है तो वह इसी ढंग से व्यवहार करता है।
जैसे- यदि किसी व्यक्ति की मनोवृत्ति प्रेम विवाह के अनुकूल होती है तो वह ऐसे विवाहों के आयोजन को संपन्न कराने में सक्रिय रूप से भाग लेगा। वहीं जब व्यक्ति की मनोवृत्ति प्रेम विवाह के प्रतिकूल होगी तो वह न केवल इसके खिलाफ तर्क देगा बल्कि ऐसे जोड़ों से घृणा भी करेगा जो इस प्रकार के विवाह करते हैं।
10. कभी-कभी मनोवृत्तियों में द्वैध क्रान्ति भी पायी जाती है। ऐसी परिस्थितियों में व्यक्ति किसी वस्तु के प्रति अनुकूल और प्रतिकूल दोनों प्रकार की भावनाओं को प्रदर्शित करता है। जैसे- वर्षा का होना अच्छा है परंतु हमे भीगना भी नहीं है।
11. मनोवृत्तियाँ व्यक्ति को किसी विशेष व्यक्ति, परिस्थितियों एवं घटना के संबंध में एक विशेष प्रकार की क्रिया करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। एक प्रशासक अपनी मनोवृत्ति से प्रेरित होकर कुछ खास प्रकार का व्यवहार अधिक तत्परता से करता है। जैसे- संवैधानिक मूल्यों, कर्त्तव्य बोध एवं सेवा भाव होने पर अधिकारी अपने कार्यों को अधिक प्रभावी एवं सौहार्दपूर्ण ढंग से संपादित करता है तथा उनका उल्लंघन करने वालों के प्रति तदनुरूप सख्त कार्यवाही भी कर सकता है।
12. मनोवृत्ति की वैयक्तिक विभिन्नताओं के कारण विकास सभी के लिए अलग अलग होते हैं, व्यक्ति की शारीरिक स्थिति, बौद्धिक स्थिति, संवेगात्मक परिपक्वता, सामाजिक वातावरण, परिस्थिति, लक्ष्य आदि मनोवृत्ति, निर्माण उसके विकास एवं उनके नवीन परिवर्तन को प्रभावित करते हैं।
13. मनोवृत्ति आशावादी और निराशावादी प्रवृत्ति को जन्म देती है। यानी जीने का नजरिया और जीवन के प्रति उदासीनता को निश्चित करती है। जीवन सुंदर है या पीड़ा सोच विकसित करती है एवं कार्य के प्रति सकारात्मक एवं नकारात्मक सोच पैदा करती हैं।
14. मनोवृत्ति एक मानसिक प्रक्रिया है जिसको प्रत्यक्ष रूप से मापा नहीं जा सकता है।
15. मनोवृत्ति संदर्भात्मक है। 1
6. मनोवृत्ति में तटस्थता का अभाव होता है।
17. मनोवृत्ति का विकास केवल चेतना से ही नहीं होता है, बल्कि अचेतन से भी हो जाता है। जो हमारे मस्तिष्क में छिपी हुई है जिसके बारे में हम जानते नहीं है वह अर्द्धचेतन है। मनोवृत्तियाँ अचेतन में होती हैं जो बचपन से ही हमारे मन में संचालित होती हैं।
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