बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला दुनिया का पहला ? | बिटकॉइन क्या होती है | Bit Coin GK in Hindi
बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला दुनिया का पहला कौन सा है ?
- अल सल्वाडोर बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।
बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी कब लांच की गयी थी ?
- बिटकॉइन एक प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी है, जिसे वर्ष 2009 में प्रस्तुत किया था
हाल ही में मध्य अमेरिका का एक छोटा सा तटीय देश अल सल्वाडोर बिटकॉइन को कानूनी निविदा के रूप में अपनाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। कानूनी निविदा का आशय किसी विशिष्ट राजनीतिक अधिकार क्षेत्र के भीतर कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त धन से होता है।
बिटकॉइन क्या होती है
- बिटकॉइन एक प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी है, जिसे वर्ष 2009 में प्रस्तुत किया गया था और जो किसी को भी तुरंत भुगतान करने में सक्षम बनाती है।
- क्रिप्टोकरेंसी एक विशिष्ट प्रकार की आभासी मुद्रा है, जो क्रिप्टोग्राफिक एन्क्रिप्शन तकनीकों द्वारा विकेंद्रीकृत और संरक्षित होती है।
- बिटकॉइन, एथेरियम और रिपल आदि क्रिप्टोकरेंसी के उल्लेखनीय उदाहरण हैं।
- बिटकॉइन एक ओपन-सोर्स प्रोटोकॉल पर आधारित है और किसी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा जारी नहीं किया जाता है।
- मूलतः बिटकॉइन का उद्देश्य फिएट मनी का विकल्प प्रदान करना और दो शामिल पक्षों के बीच प्रत्यक्ष विनिमय का एक सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत माध्यम बनना था।
- फिएट मनी सरकार द्वारा जारी मुद्रा होती है जो सोने जैसी कमोडिटी द्वारा समर्थित नहीं होती है।
इस निर्णय के कारण
- अल सल्वाडोर विदेशों से श्रमिकों द्वारा भेजे गए धन पर बहुत अधिक निर्भर करता है।
- बिटकॉइन को अपनाने से यह प्रेषण की प्रकिया तीव्र और सुगम हो सकती है।
- वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना
- इससे देश में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद है, क्योंकि अधिकांश आबादी की औपचारिक बैंकिंग चैनलों तक पहुँच नहीं है।
मौद्रिक नीति का अभाव
- अल सल्वाडोर की अपनी कोई मौद्रिक नीति नहीं है, इसलिये रक्षा हेतु कोई स्थानीय मुद्रा भी नहीं है। यह अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की मौद्रिक नीति का अनुसरण करता है।
- इसलिये फेडरल रिज़र्व की नीतियों में कोई भी बदलाव निश्चित रूप से देश को प्रभावित करेगा। अतः वह ऐसे क्रिप्टोकरेंसी जैसे विकल्पों पर विचार कर रहा है।
- चूँकि, भारत के पास अपनी मुद्रा और एक केंद्रीय बैंक है, इसलिये बिटकॉइन और रुपए का साथ-साथ सह-अस्तित्व मुश्किल हो सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारत की मौजूदा स्थिति
- वर्ष 2018 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक सर्कुलर जारी किया जिसमें सभी बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन न करने का निर्देश दिया गया था। इस सर्कुलर को सर्वोच्च न्यायालय ने मई 2020 में असंवैधानिक घोषित कर दिया था।
- हाल ही में सरकार ने एक विधेयक पेश करने की घोषणा की है। क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा का विनियमन विधेयक, 2021 नामक इस विधेयक का उद्देश्य एक संप्रभु डिजिटल मुद्रा बनाना और साथ ही सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना है।
- भारत में भारतीय ब्लॉकचेन स्टार्ट-अप्स में जाने वाली धनराशि वैश्विक स्तर पर ब्लॉकचैन क्षेत्र द्वारा जुटाई गई राशि के 0.2 प्रतिशत से भी कम है।
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