राम मनोहर लोहिया जीवनी |डॉ. राममनोहर लोहिया के बारे में जानकारी | Dr. Ram Manohar Lohiya Kaun The
राम मनोहर लोहिया जीवनीडॉ. राममनोहर लोहिया के बारे में जानकारी
डॉ. राममनोहर लोहिया कौन थे ?
- डॉ. राममनोहर लोहिया आधुनिक भारत के ऐसे प्रतिभाशाली राजनीतिक विचारक थे, जिन्होंने भारत के स्वाधीनता संग्राम और समाजवादी आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने समाजवाद की नवीन व्याख्या भारत और एशिया की सामाजिक एवं राजनीतिक परिस्थितियों के मद्देनजर की।
- लोहिया ने भारतीय समाज एवं राजनीति में सुधार की व्यापक योजना प्रस्तुत कर समाज को गतिशील बनाने का कार्य किया। उन्होंने भारतीय समाज के पतन के लिए सबसे जिम्मेदार जातिवाद एवं वर्णव्यवस्था को माना। उनका कहना था कि इन्होंने सम्पूर्ण समाज को खोखला कर दिया है।
- आर्थिक असमानता की खाई ओर गहरी एवं चौड़ी होती जा रही है, जिसके लिए कथित उच्च वर्ग एवं जाति के लिए जिम्मेदार है। जिन्होंने समाज के अधिकांश लोगों को अपना दास बना रखा है।
- डॉ. लोहिया का कहना था कि जाति का आधार कार्य न होकर कर्म होना चाहिए। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन दलितों के उत्थान में बिताया और मरते दम तक दलितों के न्याय एवं अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहे ।
- डॉ. लोहिया को समाजवादी चिन्तक के रूप में जाना जाता है। उनका समाजवादी चिन्तन देश प्रेम तथा
- जन-कल्याण की भावना से ओत-प्रोत है। वे न तो मार्क्स से सहमत थे और न ही गांधी से उनके दर्शन में मौलिकता थी। उन्होंने भारत की पद्दलित एवं पिछड़ी जातियों को देखा। उनकी पीड़ाओं को महसूस किया। वह उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हो गये। इस तरह लोहिया ने समाजवादी समानता एवं सम्पन्नता के साथ जोड़कर व्यावहारिक रूप दिया। इस तरह डॉ. लोहिया भारतीय समाज के अनुरूप समाजवाद की स्थापना करना चाहते थे।
राम मनोहर लोहिया जीवन परिचय
- राम मनोहर लोहिया का जन्म 10 अक्टूबर, 1910 को अकबरपुर (उत्तर प्रदेश के एक राष्ट्रवादी परिवार हुआ था। उनके पिता का नाम हीरालाल एवं माता का नाम चंदा था। लोहिया की प्रारम्भिक शिक्षा अकरबरपुर में सम्पन्न हुई। उसके पश्चात् की शिक्षा बम्बई, कलकता, वाराणसी और बर्लिन के हुम्बर्ट विश्वविद्यालय में नमक और सत्याग्रह नामक शोध प्रबन्ध पर पी.एच.डी. की उपाधि प्रदान की।
- लोहिया के विद्यार्थी जीवन में अनेक संगठनों के साथ जुड़कर राष्ट्रवाद एवं स्वतंत्रता प्रेरित गतिविधियों का संचालन किया । 1924 के गया कांग्रेस अधिवेशन में पहली बार भाग लिया। 1928 के साइमन कमीशन के विरुद्ध चले आन्दोलन का भी नेतृत्व किया।
- 1934 में पं. नेहरू के साथ मिल कर कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का निर्माण किया । कांग्रेस पार्टी के अन्तर्गत एक पर राष्ट्र विभाग खोला गया, जिसका मंत्री डॉ. लोहिया को बनाया गया लेकिन 1939 में उन्होंने इस को त्याग दिया।
- द्वितीय महायुद्ध के शुरू होने के समय डॉ. लोहिया के स्वतन्त्रता संग्राम को नवीन मोड़ किया। ब्रिटिश सरकार ने उन राष्ट्र विरोधी गतिविधियां संचालित करने का आरोप लगा कर जेल भेज दिया।
- देश की आजादी के पश्चात् डॉ. लोहिया के मतभेद कांग्रेस के नेताओं से और अधिक बढ़ने लगे। संविधान सभा, देश विभाजन भावी नीतियों को लेकर उनमें गम्भीर मतभेद पैदा हो गये थे। डॉ. लोहिया ने कई बार पं. नेहरू के विरुद्ध चुनाव लड़ा पर सफलता नहीं मिली। उन्होंने संसद के बाहर रहकर "अंग्रेजी हटाओ", दाम बंधो", "जाति तोड़ो, हिमालय बचाओ आदि आन्दोलन का संचालन किया।
- 1963 में पहली बार अमरोहा निर्वाचन क्षेत्र में हुए उपचुनाव में विजय होकर लोकसभा में प्रविष्ट हुए। एक सांसद के रूप में उन्होंने गम्भीर एवं संवेदनशील मुद्दों को उठाया। उनका मूल उद्देश्य समता पर आधारित समाज की स्थापना करना और समाज को नवीन दिशा प्रदान करना था। लेकिन इस महान पुरूष का दिल्ली में 12 अक्टूबर, 1967 को देहावसान हो गया।
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