पुर्तगालियों की असफलता के कारण |Reasons for the failure of the Portuguese
पुर्तगालियों की असफलता के कारण | Reasons for the failure of the Portuguese
- पूर्व की ओर आने वालों में पुर्तगाली प्रथम थे फिर भी भारत में गोवा, दमन और दियू को छोड़कर कोई उपनिवेश स्थापित करने में उन्हें सफलता प्राप्त नहीं हुई.
- पुर्तगालियों के पतन के कई कारण थे. 1580 में पुर्तगाल पर स्पेन का कब्जा हो जाने के कारण पुर्तगाल अपनी स्वतन्त्रता खो बैठा.
- रॉलिन्सन ने पुर्तगाली असफलता के कारण को बताते हुए कहा “निश्चित रूप से पुर्तगाली असफलता का मुख्य कारण समुद्र पर उनका नियंत्रण कमजोर होना था लेकिन इसके साथ कुछ और कारण भी थे जिन्होंने मिलकर पुर्तगाली पतन को अवस्यंभावी बना दिया.
- वास्कोडिगामा तथा अलबुकर्क के जैसे दुर्दशी एवं कूटनीतिज्ञ व्यक्तित्व का अभाव रहा उनके उतराधिकारियों में साफ दिखाई दे रहा था |
- पुर्तगाली बाद के समय में व्यापार तथा शासन के प्रति उदासीन हो गए थे| धन बटोरने के लालच ने पुर्तगाली व्यापारियों और प्रशासकों को प्रशासन तथा न्याय के प्रति उदासीन बना दिया था।
- सन 1552 में गोवा के नगर अधिकारियों ने अपने राजा को सूचित किया था, “ भारत में आपके वायसराय तथा अन्य अधिकारियों में न्याय की भावना नहीं है | इनका एकमात्र उद्देश्य धन बटोरना ही है।”
- रॉलिन्सन के अनुसार “पुर्तगाली भारत में एक व्यापारी के रूप में नहीं बल्कि एक आक्रमणकर्ता के रूप में आएँ प्रताड़ना उनकी प्रशासन की मुख्य नीति बन गई.
- अरब मुस्लिम व्यापारियों को प्रताड़ित कर उनके मुंह में सुअर का माँस डालना तथा ब्राहमण जासूसों का कान काटकर उसके स्थान पर कुत्तों का कान जोड़ना यह आम बात बन गई थी | प्रताड़ना एवं नरसंहार उनके शासन का अपवाद नहीं बल्कि एक नीति बन गयी थी |
- उनकी कट्टर धार्मिक नीति ने इसे बढ़ावा दिया | मंदिरों को नष्ट करना उनके धार्मिक कार्यों में शामिल था| कुछ के पवित्र दाँत की, जिसकी पूजा, सीलोन, बर्मा आदि देशों में की जाती थी उसे समुद्र में फेंक दिया गया|
- पुर्तगालियों की लूटमार एवं क्रूरता की नीति से भारतीय जनता घृणा करती थी। उनकी इस प्रवृति के बारे में बर्नियर ने लिखा है कि, “नदियों के मुहाने से .40 या 50 मील तक देश में प्रवेश कर वह हाट के दिनों में जब लोग विवाह उत्सव मना रहे होते थे अथवा किसी उत्सव को मनाने के लिए एकत्रित होते थे, गाँव कि समस्त आबादी को बांध कर अपने साथ ले जाते थे। वे वृद्ध लोंगों को अपने आवास स्थान पर बिक्री के लिए रखते थे तथा युवकों को छोड़ने के लिए उनके माता पिता से अत्यधिक धन वसूल करते थे| यह दृश्य वास्तव में बड़ा दर्दनाक होता था” भारतीयों को पुर्तगालियों के प्रति घृणा भी उनके पतन का एक कारण सिद्ध हुई|
- अधिक धन का लालच, क्रूरता की नीति तथा प्रशासन के प्रति उदासीनता ने उनकी शक्ति को सीमित कर दिया एक पुर्तगाली लेखक एल्फोंजा-डी- सूजा के अनुसार" पुर्तगालियों एक हाथ में तलवार तथा दूसरे हाथ में क्रास लेकर भारत में प्रवेश किया, किन्तु ने जब उन्हें यहाँ अत्यधिक सोना नजर आया, तब उन्होने क्रॉस को अलग रखकर अपने जेबें भरनी शुरू कर दी, और जब उनकी जेबें इतनी भारी हो गई कि वे उन्हें एक हाथ से नहीं संभाल सके, तो उन्होंने तलवार भी फेंक दी। इस हालत में जो लोग उनके बाद आएं वे आसानी से उनपर हावी हो सके |
पुर्तगाली शासन का प्रभाव Influence of Portuguese rule
- यद्धपि, पुर्तगाली भारत में अपना साम्राज्य स्थापित करने में असफल रहे फिर भी उनके शासन ने आधुनिक भारतीय इतिहास में अपनी गहरी छाप छोड़ी है। पुर्तगालियों ने ही अन्य यूरोपीय शक्तियों को भारत में प्रवेश करने का मार्ग दिखाया।
- पुर्तगाली भारत में युद्ध की एक नयी तकनीक ले कर आए थे ,उनके द्वारा बंदूकों के इस्तेमाल ने भारतीय शासकों को भी इस दिशा में पहल करने के लिए उत्साहित किया|
- नये व्यापारिक मार्ग खुलने से भारतीय उत्पाद अब अफ्रीका तथा ब्राज़ील तक पहुँचने लगा था व्यापारिक मार्ग को समुद्री लुटेरों से सुरक्षित रखने में भी पुर्तगालियों का महत्वपूर्ण योगदान है।
- नई भौगोलिक खोजों में दिलचस्पी रखने के कारण पुर्तगालियों ने मानव ज्ञान को बढ़ावा दिया कुछ सामाजिक कुरीतियों को भी समाप्त करने के लिए पुर्तगालियों ने पहल की ।
- पुर्तगालियों द्वारा बड़े पैमाने पर भारतीय महिलायों से वैवाहिक संबंध स्थापित करने से सती जैसी सामाजिक बुराई को कम करने में थोड़ा मदद मिली |
- ऐतिहासिक एवं भौगोलिक साहित्यों की रचना पुर्तगालियों का एक महान योगदान था |
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