पूर्वाग्रह के प्रकार |Types of Prejudice in Hindi
पूर्वाग्रह के प्रकार (Types of Prejudice)
समाज मनोवैज्ञानिकों ने पूर्वाग्रह के कई प्रकार बतलाए हैं पश्चिमी समाज मनोवैज्ञानिकों के अनुसार प्रजातीय पूर्वाग्रह, यौन पूर्वाग्रह, उम्र पूर्वाग्रह अधिक प्रमुख हैं। भारतीय मनोवैज्ञानिकों के अनुसार इन पूर्वाग्रहों के अलावा कुछ अन्य तरह की विशिष्ट पूर्वाग्रह (Specific prejudice) भी पायी जाती है जिसमें जाति पूर्वाग्रह (caste prejudice) भाषा पूर्वाग्रह (language lice) साम्प्रदायिक पूर्वाग्रह (Communal prejudice) धर्म से संबंधित पूर्वाग्रह तथा क्षेत्रीय पूर्वाग्रह अधिक महत्वपूर्ण हैं। इन सभी तरह के पूर्वाग्रहों का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है
राजनीति से सम्बन्धित पूर्वाग्रह
- अपने देश में राजनीति से सम्बन्धित पूर्वाग्रह का चमत्कार काफी देखने को मिलता है। एक राजनैतिक दल के सदस्य अपने दल के सिद्धांतों, नियमों एवं आदर्शों को श्रेष्ठ समझकर आपस में एकता दिखलाते हैं और एक-दूसरे के प्रति स्वीकारात्मक मनोवृत्ति बना लेते हैं। परन्तु अन्य दलों के लोगों को भ्रष्टाचारी और गिरा हुआ समझकर उसके प्रति बैर-भाव रखते हैं। इस प्रकार के पूर्वाग्रह का विकास स्पष्टतः राजनैतिक स्वार्थ के कारण होता है।
जाति पूर्वाग्रह
- भारत एक ऐसा देश है जिसमें बहुत जाति के लोग रहते हैं। प्राय: देखा गया है कि एक जाति के लोग दूसरी जाति के लोगों को अपने से तुच्छ एवं गिरा। हुआ हैं तथा उनके प्रति भेदभाव दिखलाते हैं। इसे ही जाति पूर्वाग्रह की संज्ञा दी जाती है। जाति पूर्वाग्रह का एक लाभ यह होता है कि एक जाति के लोग आपस में एक-दूसरे को एक समाज का सदस्य मानते है चाहे वे किसी क्षेत्र, व्यवसाय या वर्ग के हो।
- पूर्वाग्रह अपनी जाति के लोगों के प्रति स्वीकारात्मक (positive) होता है। परन्तु उनका पूर्वाग्रह अन्य जाति के लोगों के प्रति नकारात्मक (Negative) होता है और उनके प्रति शत्रुता (enmity) एवं विद्वेष बढ़ जाता है।
साम्प्रदायिक पूर्वाग्रह
- साम्प्रदायिक पूर्वाग्रह से तात्पर्य किसी विशेष सम्प्रदाय या समुदाय के प्रति दूसरे समुदाय या सम्प्रदाय के लोगों की मनोवृत्ति (attitude) से होता है। इनमें से एक समुदाय के लोग दूसरे समुदाय के लोगों के प्रति अधिक पूर्वाग्रहित (prejudiced) होते हैं।
शहर गाँव में रहने वाले व्यक्ति से संबन्धित पूर्वाग्रह
- शहर में रहने वाले व्यक्ति अपने को अधिक बुद्धिमान, चतुर एवं आधुनिक समझते हैं तथा देहात या गाँव में रहने वाले व्यक्ति को मंदबुद्धि एवं नासमझ तथा बेवकूफ समझते हैं। इतना ही नहीं, शहरी क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्तियों का भी पूर्वाग्रह आपस में कुछ अलग-अलग होता है। दिल्ली और मुम्बई जैसे महानगरों में रहने वाले व्यक्तियों को छोटे शहर में रहने वाले व्यक्ति प्राय: अधिक धूर्त एवं खुदगर्ज समझते हैं।
प्रजातीय पूर्वाग्रह
- प्रजातीय पूर्वाग्रह में व्यक्ति दूसरी प्रजाति के लोगों के प्रति पूर्वाग्रहित होता है। अमेरिका में गोरे लोग भी नीग्रो को कम बुद्धि का एवं असभ्य समझते हैं।
भाषा पूर्वाग्रह (prejudice)
- भारत में बहुत जाति के लोग रहते ही हैं, साथ ही साथ उनकी भाषा भी अलग अलग है। जिससे भाषा पूर्वाग्रह (prejudice) का जन्म होता है। इस तरह के पूर्वाग्रह में एक भाषा बोलने वाले सभी व्यक्ति अपने को एक ही समूह का सदस्य मानकर आपस में कुछ एकता दिखलाते हैं तथा दूसरी भाषा बोलने वाले लोगों को अपने से तुच्छ समझकर उनके प्रति कुछ विद्वेष भाव भी दिखलाते हैं।
- अभी भी दक्षिण भारत के लोग हिन्दी भाषा के प्रति एक नकारात्मक मनोवृत्तिः बनाये हुए हैं।
यौन पूर्वाग्रह
- यौन पूर्वाग्रह से तात्पर्य है किसी लिंग के व्यक्तियों के प्रति एक खास तरह का पूर्वाग्रह होता है।
यौन पूर्वाग्रह के उदाहरण
- 30 वर्ष पहले अमेरिका में यौन पूर्वाग्रह काफी तीव्र था जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं को कमजोर, दूसरों पर निर्भर, भद्र, सहानुभूति दिखलाने वाली एवं नेतृत्व गुण रहित समझा जाता था।
- पुरुषों को मेहनती, नेतृत्व गुणों से ओत-प्रोत, प्रभुत्वशाली तथा स्वतंत्र समझा जाता था। यहाँ तक कि स्वयं महिलाएँ भी महिलाओं को उपयुक्त गुणों से पूर्वाग्रहित समझती थी।
- परन्तु अब अमेरिका में महिलाओं और पुरुषों को करीब करीब समान नजर से देखा जाने लगा है, प्रजातीय पूर्वाग्रह के समान ही यौन पूर्वाग्रह भी करीब-करीब समाप्त ही हो गया है।
- अमेरिका जैसे देश में भले ही यौन पूर्वाग्रह खत्म होने पर हो परन्तु भारत में तो आज भी व्यापक रूप से मौजूद है। लोग यहां महिलाओं को कमजोर, दूसरों पर निर्भर रहने वाली, कम बुद्धि की विनम्र (submission) घर में रहने वाली कठपुतली आदि समझते हैं और उसी के अनुसार व्यवहार करते हैं। परन्तु खुशी की बात यह है कि अब धीरे-धीरे महिलाओं के प्रति इस तरह के पूर्वाग्रहों में भी कमी आ रही है।
धर्म से सम्बन्धित पूर्वाग्रह
- धर्म से सम्बन्धित पूर्वाग्रह में व्यक्ति अपने धर्म के व्यक्तियों के प्रति स्वीकारात्मक (positive) मनोवृत्ति तथा दूसरे धर्म के व्यक्तियों के प्रति नकारात्मक मनोवृत्ति रखता है फलस्वरूप दूसरे धर्म के लोगों के प्रति व्यक्ति में बैर-भाव विकसित हो जाता है।
उम्र पूर्वाग्रह
- उम्र पूर्वाग्रह का आधार उम्र होता है रोडिन एवं लैंगर के अध्ययन के अनुसार हम लोग प्राय: बूढ़े लोगों को निष्क्रिय, असामाजिक तथा जराजीर्ण समझते हैं और उसी के अनुसार उनके प्रति नकारात्मक मनोवृत्ति दिखलाते हैं। भारत में भी उम्र पूर्वाग्रह कुछ ऐसा ही है ।
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