गिरगिट अपना रंग क्यों और कैसे बदलता है? |Scientific Reason For Chameleons Change Colors in Hindi |विज्ञान ऐसा क्यों होता है

विज्ञान ऐसा क्यों होता है ?

गिरगिट अपना रंग क्यों और कैसे बदलता है?

गिरगिट अपना रंग क्यों और कैसे बदलता है?
 

गिरगिट के रंग बदलने का कारण 

  • गिरगिट की त्वचा में फोटोनिक क्रिस्टल नामक अतिसूक्ष्म क्रिस्टलों की एक परत होती है, ये नैनो साइज के क्रिस्टल होते हैं, क्रिस्टलों की ये परत पिगमेंट कोशिकाओं के नीचे होती हैं, ये परत प्रकाश के परावर्तन को प्रभावित करती हैं जिससे गिरगिट का बदला हुआ रंग दिखाई पड़ता है.
  • इसके पूर्व यह माना जाता था कि मेलानोफोरस नामक कोशिका में पाए जाने वाला मेलनिन नमक वर्णक (पिगमेंट) के कारण गिरगिट अपना रंग बदलता है।


गिरगिट द्वारा अपनी त्वचा का रंग बदलना दो आधारों पर समझा जा सकता है


गिरगिट के रंग बदलने का कारण  का प्राकृतिक कारण

  • ऐसा माना जाता है कि सुरक्षा के हिसाब से गिरगिट अपना रंग बदलते हैं. कई बार गिरगिट शिकारियों से बचने के लिए भी अपने आप को उसी रंग में ढाल लेता है जहां वो बैठा होता है. कई बार गिरगिट शिकार करने के दौरान भी अपने रंग को बदल लेते हैं, जिससे उनके शिकार को इस बात का आभास नहीं होता है और वो उनसे दूर नहीं भागते हैं. गिरगिट अपनी सुरक्षा और शिकार दोनों ही प्रकिया में अपने इस हुनर का इस्तेमाल करते हैं.


गिरगिट के रंग बदलने का वैज्ञानिक कारण कारण



  • पहले यह माना जाता था कि गिरगिट वर्णक के सहारे रंग बदलता है लेकिन असली मामला पूरी तरह अलग है और इसके पीछे शारीरिक प्रक्रिया है।
  • वयस्क पैंथर गिरगिट माहौल के हिसाब से पहले हरे से पीला या नारंगी और नीले से सफेद होता है. इसके बाद वो काला पड़ने लगता है.

गिरगिट अपना रंग क्यों और कैसे बदलता है? | How and why Do Chameleons Change Colors गिरगिट के रंग बदलने का कारण


फोटोनिक क्रिस्टल द्वारा प्रकाश के परावर्तन से बदलता है गिरगिट अपना रंग

  • गिरगिट की त्वचा में फोटोनिक क्रिस्टल नामक अतिसूक्ष्म क्रिस्टलों की एक परत होती है. ये नैनो साइज के क्रिस्टल होते हैं. क्रिस्टलों की ये परत पिगमेंट कोशिकाओं के नीचे होती है. यही परत प्रकाश के परावर्तन को प्रभावित करती है और गिरगिट का बदला हुआ रंग दिखाई पड़ता है.


  • जब गिरगिट शांत होता है तो क्रिस्टल एक सघन नेटवर्क की तरह जमा हो जाते हैं और प्रकाश में मौजूद नीले तरंगदैर्घ्य को परावर्तित करते हैं. लेकिन जब गिरगिट उत्साह या उत्तेजना की स्थिति में होता है तो नैनो क्रिस्टलों की परत ढीली पड़ जाती है, इससे पीला और लाल रंग परावर्तित होता है."




  • गिरगिट में नैनो क्रिस्टलों की एक और परत भी होती है. इसके क्रिस्टल पहली परत के मुकाबले ज्यादा बड़े होते हैं. जयप्रकाश बहुत तेज होता है तब यहां पर गिरगिट को गर्मी से बचाती है।


  • गिरगिट के अलावा मेंढकों, छिपकलियों और मकड़ियों की भी कुछ प्रजातियां भी रंग बदलती हैं।


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