राष्ट्रीय आय से सम्बन्धित मूल अवधारणाएँ |Basic Concepts Related to National Income in Hindi
राष्ट्रीय आय से सम्बन्धित मूल अवधारणाएँ
राष्ट्रीय आय से सम्बन्धित मूल अवधारणाएँ
- राष्ट्रीय आय का एक देश केवल सामान्य निवासियों की आय का कुल जोड़ है। आगे अध्ययन करने से पहले आपको समझना होगा कि सामान्य निवासी किसे कहते हैं।
सामान्य निवासी किसे कहते हैं
सामान्य निवासी की अवधारणा को समझ लेना चाहिए। एक सामान्य निवासी वह व्यक्ति अथवा संस्था होता है जो साधारणतया एक देश में निवास करता है और जिसकी आर्थिक रुचि उसी देश में केन्द्रित होती है।
सामान्य निवासी बनने के लिए निम्नलिखित बातें उल्लेखनीय है:
1. सामान्य निवासी के अन्तर्गत व्यक्ति तथा संस्था दोनों ही आते हैं।
2. व्यक्ति देश में एक वर्ष या इससे अधिक समय के लिए रहा हो।
3. व्यक्ति का आर्थिक रुचि का होना जरुरी है।
4. एक देश का सामान्य निवासी उस देश का नागरिक हो यह जरुरी नहीं है। उदाहरण के लिए यदि कोई भारतीय एक वर्ष से अधिक समय से न्यूजीलैण्ड में निवास कर रहा है और इसकी आर्थिक रुचि का केन्द्र भी वहीं देश है तो वह न्यूजीलैण्ड का सामान्य निवासी माना जायेगा, भले ही वह भारत का नागरिक बना हुआ है।
5. भारत में स्थित संगठनों जैसे डब्ल्यू.एच.ओ. तथा आई.एम.एफ. को भारत का सामान्य निवासी नहीं माना जायेगा। यदि इस अन्तर्राष्ट्रीय संस्था में कोई भारतीय काम करता है तो उसे भारत का सामान्य निवासी माना जायेगा।
6. मनोरंजन, अवकाश बिताने, चिकित्सा, अध्ययन, कांफ्रेंस, खेलकूद आदि के लिए देश में आये व्यक्ति या विदेशी सैलानी साधारणतया ये किसी देश की घरेलू सीमा के अन्दर एक वर्ष से कम की अवधि के लिए ठहरते हैं तथा इनकी रूचि आर्थिक नहीं होती है। इसलिए ये सामान्य निवासी नहीं हैं।
भारत के सामान्य निवासी तथा भारत के गैर निवासी में अंतर
भारत के सामान्य निवासी तथा भारत के गैर निवासी को करना जरुरी है। इन दोनों के बीच अन्तर निम्नलिखित है तरह से समझने के लिए इनके बीच के अन्तर को स्पष्ट
भारत के सामान्य निवासी (Normal Residents of India)
1. अमेरिका में भारत का राजदूत
2. भारत में स्थित अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं/संगठनों में काम करने वाले भारतीय
3. भारत में एक वर्ष से अधिक की अवधि के लिए रह रहे विदेशी नागरिक (अध्ययन तथा चिकित्सा के लिए रहे आए व्यक्तियों के अतिरिक्त)
4. भारत में स्थित विदेशी दूतावासों में काम करने वाले भारतीय
भारत के गैर निवासी (Non Residents of India)
1. भारत में अमेरिका का राजदूत
2. भारत में स्थित अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों (W.H.O., I.M.F) में काम करने वाले विदेशी
3. एक वर्ष से कम अवधि के लिए भारत में काम कर विदेशी तकनीकी विशेषज्ञ.
4. अमेरिका में स्थित भारतीय दूतावास में काम करने वाले विदेशी।
आपने राष्ट्रीय आय की अवधारणा को समझने के लिए सामान्य निवासी की अवधारणा को समझा परन्तु आपको जानना जरूरी है कि राष्ट्रीय आय तब प्राप्त होती है जब घरेलू आय में विदेशी से प्राप्त शुद्ध आय को जोड़ दिया जाता है।
घरेलू आय क्या होती है
- एक लेखा वर्ष में एक देश की घरेलू सीमा के अन्दर सृजित कारक का साधन आय को घरेलू आय अथवा घरेलू उत्पाद कहा जाता है। अतः अब हमें घरेलू सीमा की अवधारणा को समझ लेना चाहिए।
घरेलू सीमा की अवधारणा:
आम बोलचाल की भाषा में एक राष्ट्र की घरेलू सीमा का अर्थ देश की राजनीतिक सीमाओं के अन्दर के भू-भाग से लिया जाता है परन्तु राष्ट्रीय लेखांकन के संदर्भ में घरेलू सीमा का अर्थ एक राष्ट्र के राजनीतिक सीमाओं के बाहर के क्षेत्र का स्वामित्व नहीं है। इसका अर्थ केवल घरेलू आय को सृजित करने वाला परिचालन क्षेत्र है। उदाहरणार्थ :
1. अमेरिका में भारतीय दूतावास, भारत की घरेलू सीमा का अंग है तथा भारत में अमेरिका का दूतावास अमेरिका की घरेलू सीमा का अंग है।
2. राजनीतिक सीमाओं का भू-भाग जिसमें देश की सामुद्रिक सीमा भी सम्मिलित है। उदाहरण के लिए भारतीय मछुआरों द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय जल सीमा में मछली पकड़ना आदि।
3. देश के निवासियों द्वारा विश्व के विभिन्न भागों में चलाये जाने वाले वायुयान तथा जलयान । उदाहरण के लिए जापान तथा कोरिया के बीच नियमित रूप से चलाये जाने वाले भारतीय जलयान अथवा अमेरिका व इंग्लैण्ड के बीच एयर इण्डिया द्वारा चलाये जाने वाले यात्री हवाई जहाज भी भारत के घरेलू सीमा के ही अंग है।
इस प्रकार से हम कह सकते हैं कि राष्ट्रीय आय के अन्तर्गत तीन बातों पर ध्यान दिया जाता है :
1. एक लेखांकन वर्ष होना चाहिए
2. एक सामान्य निवासी, और
3. घरेलू सीमा
सर्वप्रथम हम घरेलू आय का अनुमान लगाते हैं, तत्पश्चात् इसमें विदेशों से प्राप्त शुद्ध कारक आय जोड़ देते हैं,
संक्षेप में
राष्ट्रीय आय = घरेलू आय+विदेशों से प्राप्त शुद्ध कारक आया।
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