भुगतान संतुलन (शेष) से क्या अभिप्राय है ? |भुगतान संतुलन के घटक | Components of Balance of payments in Hindi
भुगतान संतुलन (शेष) से क्या अभिप्राय हैभुगतान संतुलन के घटक
भुगतान संतुलन (शेष) से अभिप्राय
- भुगतान संतुलन (शेष) से अभिप्राय किसी दी हुई अवधि में (सामान्यतया एक वर्ष बाहर के देशों से किए गये अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवहारों के व्यवस्थित लेखा-जोखा से है। इसमें वस्तुओं के आयात एवं निर्यात के अतिरिक्त पूँजी का आदान-प्रदान, ब्याज का भुगतान या प्राप्ति, जहाजरानी सेवाएँ, पर्यटक सेवाएं तथा विशेषज्ञों का आवागमन आदि सम्मिलित की जाती है ।
- भुगतान संतुलन में केवल आर्थिक सौदे और एक तरफा हस्तान्तरण को शामिल किया जाता है ।
- यह सब विस्तार से समझने के लिए हमें भुगतान संतुलन लेखाविधि का ज्ञान होना चाहिए, जिसके अन्तर्गत प्रत्येक व्यवहार या लेन-देन को दो स्थानों (जमा और देय) पर दिखाया जाता है, इसलिए भुगतान संतुलन आवश्यक रूप से संतुलित या बराबर होता है अर्थात जमा योग (Credit) देय योग (Debit) योग के बराबर होता है।
- किसी भी देश का भुगतान संतुलन इस बात पर प्रकाश डालता है कि इस देश की विदेशी विनिमय की क्या स्थिति है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि किसी भी देश का विदेशी विनिमय क्यों कम या अधिक हो रहा है।
- भुगतान संतुलन से देश के आयात एवं निर्यात की स्थिति का ज्ञान हो जाता है।
भुगतान संतुलन के घटक
भुगतान संतुलन के मुख्य रूप से चार घटक होते है । वे है चालू खाता (Current Account), पूँजी खाता (Capital Account), सरकारी भुगतान खाता अथवा सरकारी रिजर्व परिसम्पत्ति खाता (Official Settlement Account) तथा अशुद्धियां एवं भूल-चूक (Error & Ommission) |
A चालू खाता:
- वास्तविक या आय सृजित करने वाले व्यवहारों को भुगतान संतुलन के चालू खाते में दिखाया जाता है । चालू खाता अल्पकालीन वास्तविक लेन-देन का लेखांकन होता है । चालू खाते के लेन-देन को वास्तविक लेन-देन का खाता कहा जाता है क्योंकि इसमें सम्मिलित की जाने वाली समस्त मदों का वास्तविक रूप में लेन-देन किया जाता है। इन मदों का अर्थव्यवस्था के आय, उत्पादन व रोजगार पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
मुख्य रूप से चालू खातों में प्रविष्ट मदें तीन प्रकार की होती है:
- वस्तुओं का आयात एवं निर्यातः इसमें दृश्यों मदों को सम्मिलित किया जाता है ।
- सेवाएँ: इसके अन्तर्गत अदृश्य मदें आती है।
- उपहार या भेंट: इसे हस्तान्तरण भुगतान भी कहते हैं ।
चालू खाता को हम दो खातों में विभक्त कर सकते है -
1 व्यापार खाता या वस्तु खाता: इस खाते में दृश्य मदों के आयात और निर्यात को सम्मिलित किया जाता है ।
2 अदृश्य खाता: इस खाते को दो भागों में विभक्त कर सकते हैं (अ) सेवा खाता तथा (ब) एक पक्षीय हस्तान्तरण खाता (Unilateral transfer payment) |
B. पूँजी खाता:
- पूँजी खाते में वित्तीय व्यवहारों को दिखाया जाता है। इस प्रकार यह ऋणों और दायित्वों के भुगतान को प्रदर्शित करता है |
- इसमे वे सभी मदें दिखायी जाती है जो आयात तथा निर्यात की वित्तीय व्यवस्था से सम्बन्धित होती है । पूँजी लेखा या खाता ऋणों और निवेशों के अन्तर्राष्ट्रीय प्रवाह को दर्शाता है और देश की परिसम्पत्तियों ( assets) और देयताओं (liabilities) मे हुए परिवर्तन को व्यक्त करता है।
- पूँजी खाते मे सभी लेन-देन मात्र वित्तीय अन्तरणों (Financial Transfer) से सम्बन्धित होते है। इसलिए देश के उत्पादन, आय व रोजगार पर कोई प्रभाव नही पड़ता। पूँजी खाते के अन्तर्गत विदेशों में विनियोजित तथा विदेशों की स्वयं के देश में विनियोजित पूँजी खाते के दीर्घकालीन व अल्पकालीन विनियोग को अलग-अलग दिखाया जाता है।
पूँजी खातों में चार प्रकार की प्रविष्टियाँ की जाती है। -
I. निजी खातों का शेष भुगतान
II. अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से सम्बद्ध भुगतान एवं प्राप्तियां स्वर्ण का हस्तान्तरण, एवं
IV. सरकारी खातों का शेष भुगतान
पूँजी खाते का प्रमुख घटक निम्नलिखित है
(1) विदेशी विनियोग:
- इसमें विदेशी प्रत्यक्ष विनियोग (Foreign Direct Investment) तथा पोर्टफोलियो विनियोग को सम्मिलित किया जाता है
(2) ऋण:
- ऋण के अन्तर्गत वाणिज्यिक ऋण, वाह्य सहयोग के रूप में ऋण (borrowing as external assistance), तथा बैंकिंग पूँजी व्यवहार (Banking capital transactions) इत्यादि सम्मिलित किए जाते है।
3. सरकारी व्यवस्थापन लेखा (Official Settlement Account):
- यह लेखा सामान्यतः वर्ष के दौरान देश की विदेशी सरकारी धारकों के पास तरल तथा अतरल देयताओं में परिवर्तन को और राष्ट्र की सरकारी विदेशी विनिमय परिसम्पत्तियों में परिवर्तन को मापता है। सरकारी व्यवस्थापन लेखा का प्रयोग भुगतान संतुलन के घाटा एवं अधिक्य को मापने के प्रयोग में लाया जाता है ।
- भुगतान संतुलन के सरकारी व्यवस्थापन लेखा में स्वर्ण निर्यात एवं आयात, परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा का भुगतान एवं प्राप्तियाँ, एस.डी.आर. (विशेष आहरण अधिकार) का भुगतान एवं धारण और अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में उसकी निवल स्थिति शामिल है।
4. अशुद्धियाँ और भूल-चूक (Error & Ommission):
- अशुद्धियां और भूलचूक संतुलन मद (Balancing item) है। यह रिजर्व और सम्बन्धित मदों के अन्तर के बराबर होती है तथा चालू खाता, पूँजी खाता और वित्तीय लेखा का योग है।
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