व्यापार संतुलन और भुगतान संतुलन में अन्तर |Difference Between Balance of Trade and balance of payments
व्यापार संतुलन और भुगतान संतुलन में अन्तर
व्यापार संतुलन (शेष)
व्यापार संतुलन का अर्थ
- व्यापार संतुलन से अभिप्राय किसी एक निश्चित समयावधि में, अन्य देशों को किये गये निर्यातों तथा अन्य देशों से किए गये आयातों के व्यवस्थित विवरण से है ।
व्यापार संतुलन का विस्तार
- व्यापार शेष, भुगतान शेष का ही एक अंग होता है, व्यापार शेष में हम एक देश के अन्य देशों के साथ मात्र वस्तुओं के आयात एवं निर्यात को सम्मिलित करते है ।
मदें
- व्यापार शेष प्रत्यक्ष व्यापार से सम्बन्धित है, इसलिए इसमे केवल दृश्य मदें ही शामिल की जाती है ।
संतुलन
- व्यापार संतुलन का सदैव संतुलित होना आवश्यक नही है ।
अनुकूल या प्रतिकूल
- जब हम अनुकूल या प्रतिकूल भुगतान संतुलन की बात करते हैं तो हमारा आशय व्यापार संतुलन से होता है ।
विश्लेषण
- यह केवल भुगतान स्थिति का आर्थिक विश्लेषण है।
उपयोग
- आर्थिक विश्लेषणों एवं निर्णय में इसका उपयोग कम होता है।
अर्थव्यवस्था की स्थिति
- अनुकूल व्यापार संतुलन सुदृढ़ अर्थव्यवस्था का परिचायक है। यह जरूरी नहीं है।
विनिमय दर निर्धारण
यह विनिमय दर को प्रभावित कर सकता है परन्तु विनिमय दर का निर्धारण नहीं करता
- है। ।
भुगतान संतुलन (शेष)
अर्थ
- किसी देश का भुगतान संतुलन उसके किसी एक वर्ष में किए गए सभी अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक सौदों के लेखे जोखे के व्यवस्थित विवरण से है ।
विस्तार
- भुगतान संतुलन, व्यापार संतुलन की तुलना में अधिक विस्तृत स्वभाव का होता है ।
मदें
- भुगतान संतुलन में परोक्ष व्यापार या इसमें दृश्य एवं अदृश्य मदें, दोनों शामिल होती है।
अनुकूल/ प्रतिकूल
- चूँकि भुगतान संतुलन में दृश्य एवं अदृश्य मदों को सम्मिलित किया जाता है, इसलिए यह सदैव संतुलित होता है ।
- भुगतान संतुलन अनुकूल या प्रतिकूल नहीं होता है । यह हमेशा संतुलित रहता है । क्योंकि यह लेखांकन की दोहरी प्रविष्ट प्रणाली पर आधारित होता है
विश्लेषण
- यह किसी देश की भुगतान स्थिति का एक सम्पूर्ण विश्लेषण है। इसमें विदेशी विनिमय की सम्पूर्ण माँग व पूर्ति का विश्लेषण किया जाता है ।
- इसका उपयोग अर्थिक विश्लेषण व निर्णय के लिए किया जाता है ।
अर्थव्यवस्था की स्थिति
- अनुकूल भुगतान संतुलन सुदृढ़ अर्थव्यवस्था का परिचायक है।
विनिमय दर का निर्धारण
- यह विनिमय दर का निर्धारण करता है क्योंकि यह विदेशी मांग एवं पूर्ति का सम्पूर्ण ब्यौरा है।
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