पारिस्थितिकीय उपागम: फ्रेड डब्ल्यू रिग्स | Fraid W Rigas Loks Prashasan Theory
पारिस्थितिकीय उपागम: फ्रेड डब्ल्यू रिग्स
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद प्रशासन और संगठन के अध्ययन हेतु पारिस्थितिकीय उपागम का प्रचलन हुआ। इस उपागम को संगठन के अध्ययन के तुलनातमक उपागम के नाम से भी जाना जाता है। इस उपागम के प्रचलन के पीछे यह धारणा है कि पश्चिमी संगठन सिद्धात तृतीय विश्व के देशों में प्रशासन की समस्याओं के अध्ययन के लिए अपर्याप्त हैं।
- लोक प्रशासन अपने परिवेश में अलग रहकर कार्य नहीं करता। परिवेश और वातावरण प्रशासन को प्रभावित करता है। पारिस्थितिकीय शब्द जीव विज्ञान से लिया गया है। यह प्राणियों तथा उनके भौतिक एवं सामाजिक पर्यावरण की अन्तः क्रिया का अध्ययन है। जिस प्रकार एक पौधे के विकास के लिए विशेषकर प्रकार की जलवायु, मिट्टी, नमी तथा तापमान, आदि की आवश्यकता होती है उसी प्रकार प्रत्येक समाज का विकास उसके अपने इतिहास, आर्थिक संरचना, मूल्यों राजनीतिक व्यवस्था, आदि से जुड़ा होता है।
- जे. एम. गॉस, रॉबर्ड ए0 डहल तथा रॉबर्ट ए0 मर्टन ने फ्रेड डब्ल्यू. रिग्स से वर्षों पहले लोक प्रशासन के अध्ययन के पारिस्थितिकीय दृष्टिकोण की शुरूआत की थी। परन्तु रिग्स ने ही इस दृष्टिकोण के प्रति महत्वपूर्ण योगदान दिया। विकासशील देशों की प्रशासनिक व्यवस्थाओं के अपने अध्ययन में रिग्स ने एक विस्तृत परिप्रेक्ष्य में प्रशासनिक तथा आर्थिक, तकनीकी, राजनीति तथा संचार कारकों के बची सम्बन्ध का विश्लेषण किया है। थाइलैण्ड तथा फिलिपीन्स में अपने अध्ययनों के आधार पर उसने उदाहरण देकर यह बतलाया कि किस प्रकार पर्यावरण प्रशासनिक व्यवस्थाओं को प्रभावित करता है।
- समपार्श्वीय (प्रिज्मैटिक) समाज में सामाजिक संरचनाओं के महत्वपूर्ण तत्वों और इस समाज के प्रशासनिक उपतन्त्र जिसे रिग्स ने 'साला' कहा है, के साथ उनकी परस्पर क्रिया का अध्ययन ही रिग्स के विश्लेषण का केन्द्र बिन्दु है। बहुकार्यात्मक (फ्यूज्ड) तथा अल्पकायारत्मक (डिफेक्टेड) समाजों की केवल रूपरेखा ही प्रदान की है जो केवल उस सीमा तक प्रासंगिक है। जिस सीमा तक वह समपार्श्वीय समाजों के विश्लेषण में सहायक है। रिग्स की मुख्य रूचि समपार्श्वीय अथवा विकासमान प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर प्रकाश डालने में रही है ।
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लोक प्रशासन के सिद्धान्त
1. शास्त्रीय उपागमः हेरनी फेयोल, लूथर गुलिक एवं लिंडल उर्विक
2. वैज्ञानिक प्रबन्ध उपागम: फ्रेडरिक टेलर
4. मानवीय सम्बन्धात्मक उपागम: एल्टन मेयो
5. व्यवस्थावादी उपागम: चेस्टर बर्नार्ड
6. व्यवहारवादी उपागम: हर्बर्ट साइमन
7. सामाजिक मनोवैज्ञानिक उपागम: डगलस मैक्ग्रेगर एवं अब्राहम मैस्लों
8. पारिस्थितिकीय उपागम: फ्रेड डब्ल्यू. रिग्स
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