पूर्वाग्रह के कारण : ऐतिहासिक उपागम (Historical approach)
ऐतिहासिक उपागम (Historical approach)
ऐतिहासिक उपागम में पूर्वाग्रह का कारण बहुत पहले से चली आ रही विशेष प्रकार की मनोवृत्तियाँ होती हैं। इस तरह की मनोवृत्तियों का कारण मनुष्यों का आपस में बिगड़ते सम्बन्ध, आर्थिक संघर्ष तथा अन्याय एवं अत्याचार की अति आदि अनुभूतियाँ होती हैं। इस तरह की ऐतिहासिक घटनाओं के कारण व्यक्तियों में एक खास मनोवृत्ति विकसित हो जाती है, जो पूर्वाग्रह का रूप धीरे-धीरे ले लेती है। हमारे समाज में व्याप्त यौन पूर्वाग्रह (Sex prejudice) जिसमें औरतों को कमजोर, दूसरे पर निर्भर रहने वाली एवं एक घरेलू कठपुतली समझा जाता है।
उसी तरह से अनेक ऐसे पेशे हैं जिन्हें ऐतिहासिक रूप से पुरुषों के लिए अच्छा तथा महिलाओं के खराब समझा जाता है जैसे- ट्रक ड्राइवर का पेशा महिलाओं के लिए ठीक नहीं समझा जाता है और ऐसी महिलाओं के प्रति समाज के लोग पूर्वाग्रहित होते हैं। इस तरह के पूर्वाग्रह का कारण ऐतिहासिक मनोवृत्ति है जिसके अनुसार हम लोग यह सोचते हैं कि ट्रक चलाने में अधिक शारीरिक ऊर्जा की जरूरत होती है जो महिलाओं में नहीं होती है।
भारत में दलितों के प्रति उच्च जाति के लोगों की नकारात्मक मनोवृत्ति ऐसी ही ऐतिहासिक घटनाओं पर बहुत कुछ आधारित है। प्रारम्भ से ही ऐसे लोग गरीब एवं निःसहाय है तथा उच्च जाति की रोटियों पर पलते आये हैं। जब उनकी दशा में धीरे धीरे सुधार होने और सरकारी सहायता मिलने लगी है, तो यहाँ स्वाभाविक ही है कि उच्च जाति के लोगों की मनोवृत्ति इनके प्रति नकारात्मक हो।
उसी तरह समाज में धनी लोगों का पूर्वाग्रह गरीब लोगों के प्रति नकारात्मक होता है और उसके पीछे ऐतिहासिक पृष्ठभूमि कुछ वैसी ही है। वे लोग जिनमें सामाजिक अनन्यता की पृथक भावना होती है एवं अपने समूह के प्रति एक बहुत ही सकारात्मक अभिवृत्ति होती है वे अपनी अभिवृत्ति को और प्रबल बनाने के लिए बाह्य समूहों के प्रति-नकारात्मक अभिवृत्ति रखते हैं। इसका प्रदर्शन पूर्वाग्रह के रूप में होता है।
कभी-कभी लोग रूढ़ धारणा बनाये रखते हैं क्योंकि वे सोचते हैं कि जो सभी लोग इसके समूह के बारे में कहते है उसमें कोई न कोई सत्य का आधार तत्व तो अवश्य होना चाहिए।
स्वत: साधक भविष्योक्ति में कुछ स्थितियों में वह समूह जो पूर्वाग्रह का लक्ष्य होता हूँ, स्वयं ही पूर्वाग्रह को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है, लक्ष्य समूह इस तरह से व्यवहार करता है कि वह पूर्वाग्रह को प्रमाणित करता है। ठीक अन्य अभिवृत्तियों की तरह पूर्वाग्रह भी साहचर्य एवं दूसरों के प्रेक्षण, समूह, संस्कृति के मानक, सूचनाओं की उपलब्धता से पूर्वाग्रह को बढ़ाते हैं।
संदर्भ समूह, परिवार, व्यक्तिगत अनुभव, संचार साधन, पूर्वाग्रह के अधिगम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। जो लोग पूर्वाग्रह ग्रस्त अभिवृत्तियों को सीखते हैं वे पूर्वाग्रहस्त व्यक्तित्व विकसित कर लेते हैं।
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