हिन्दी व्याकरण के महत्वपूर्ण विराम चिन्ह |Important Punctuation Marks of Hindi Grammar

हिन्दी व्याकरण के महत्वपूर्ण विराम चिन्ह 

हिन्दी व्याकरण के महत्वपूर्ण विराम चिन्ह |Important Punctuation Marks of Hindi Grammar


 

 प्रश्नवाचक चिह्न (?)

 

प्रश्नवाचक चिह्न का प्रयोग के नियम 

1. जहाँ प्रश्न करने या पूछे जाने का बोध हो। 

जैसे 3. व्यंग्योक्तियों में। जैसे क्या आप गया से आ रहे हैं


2. जहाँ स्थिति निश्चित न हो। 

जैसे आप शायद दिल्ली के रहने वाले हैं? 

भ्रष्टाचार इस युग का सबसे बड़ा शिष्टाचार हैहै न 


विस्मयादिबोधक चिह्न (!)

 

इसका प्रयोग हर्षविषादविस्मयघृणाआश्चर्यकरुणाभय इत्यादि भाव व्यक्त करने के लिए निम्नलिखित स्थितियों में होता है

 

1. आह्लादसूचक शब्दोंपदों और वाक्यों के अन्त में इसका प्रयोग होता है। जैसे- वाह ! तुम्हारे क्या कहने। 

2. अपने से बड़े को सादर सम्बोधित करने में इस चिह्न का प्रयोग होता है। 

जैसे- हे राम! तुम मेरा दुःख दूर करो हे ईश्वर ! सबका कल्याण हो। 


3. जहाँ अपने से छोटों के प्रति शुभकामनाएँ और सद्भावनाएँ प्रकट की जायें। जैसे भगवान् तुम्हारा भला करें! यशस्वी होओ! उसका पुत्र चिरंजीवी हो !

 

4. जहाँ मन की हँसी-खुशी व्यक्त की जाये। जैसे कैसा निखरा रूप है! तुम्हारी जीत होकर रहीशाबाश! वाह! कितना अच्छा गीत गया तुमने ।

 

उद्धरण चिह्न ( " " )

 

उद्धरणचिह्न के दो रूप हैं- इकहरा ( ' ' ) और दुहरा ("")

 इकहरा उद्धरणचिह्न का प्रयोग कहाँ किया जाता है ?

1. जहाँ किसी पुस्तक से कोई वाक्य या अवतरण ज्यों का-त्यों उद्धृत किया जायेवहाँ दुहरे उद्धरणचिह्न का प्रयोग होता है और जहाँ कोई विशेष शब्दपदवाक्य खण्ड उद्धृत किये जायें वहाँ इकहरे उद्धरण लगते हैं। जैसे 'कामायनीकी कथा संक्षेप में लिखिए।

 

2. पुस्तकसमाचारपत्रलेखक का उपनामलेख का शीर्षक इत्यादि उद्धृत करते समय इकहरे उद्धरणचिह्न का प्रयोग होता है। जैसे 'निरालापागल नहीं थे। 

'किशोर-भारतीका प्रकाशन हर महीने होता है। 'जुही की कलीका सारांश अपनी भाषा में लिखो। 'प्रदीपएक हिन्दी दैनिक पत्र है।

 

दुहरा ("") उद्धरणचिह्न प्रयोग कहाँ किया जाता है 

3. महत्त्वपूर्ण कथनकहावतसन्धि आदि को उद्धृत करने के लिए दुहरा ("") उद्धरणचिह्न प्रयोग किया जाता है 

जैसे भारतेन्दु हरिशचन्द्र ने कहा था- देश को राष्ट्रीय साहित्य चाहिए।

 

अर्ध विराम (;) क्या होते हैं 

 

जब पूर्ण विराम की तुलना में थोड़ी देर के लिए रुका जाता है, वहाँ अर्द्ध विराम चिन्ह का प्रयोग करते हैं। 


अर्ध विराम का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में करते हैं

 

  • संयुक्त वाक्य के समानाधिकृत उपवाक्यों के बीच, जैसे: मोहन स्कूल से सीधे घर पहुँचा, हाथ-मुँह धोकर उसने नाश्ता किया; अपनी सायकल उठाई और चल पड़ा खेल के मैदान की ओर।

 

  • मिश्र तथा संयुक्त वाक्यों में विपरीत अर्थ प्रकट करने वाले उपवाक्यों के बीच; जैसे: उदा. वह हाथ जोड़ता रहा; वे लोग उसे पीटते रहे।

 

उदाहरण -  विभिन्न उपवाक्यों में अधिक बल देने के लिए; जैसे: उदा. सदैव आगे बढ़ते रहो; रूकना मृत्यु का नाम है। किसी वाक्य में उदाहरण सूचक 'जैसे' के पहले:

उदा. व्यक्तिवाचक संज्ञा; जैसे राम, मोहन आदि ।

 

उप विराम (:) क्या होता है 

 

इसे अपूर्ण विराम भी कहा जाता है। इसका प्रयोग निर्देश ! देने, संवाद लेखन, तथा शीर्षकों आदि में किया जाता है

जैसे: शीर्षक माँ: ममता की प्रतिमूर्ति । 

संवाद- राम:: आओ, शतरंज खेलते हैं। 

श्यामः अभी मेरा मूड़ नहीं है।

 

विवरण चिन्ह ( :-) क्या होते हैं 

 इसका प्रयोग वाक्यांशों के विषय में कुछ सूचना, निर्देश आदि देने के लिए किया जाता है; 

जैसेः छंद के दो प्रमुख रूप हैं :-

(1) मात्रिक छंद 

(2) वार्णिक छंद

 

हंसपद या त्रुटिपूरक Û ^

 

लिखते समय जब कोई शब्द या अंश छूट जाता है तो इस चिन्ह को लगाकर उस शब्द को ऊपर लिख दिया जाता है

जैसे-

आप, वह और मैं^ कल भोपाल चलेंगे। 

राम ने खाना खाया और ^चला गया।

 

लाघव चिन्ह (0) 

किसी बड़े अंश का संक्षिप्त रूप लिखने के लिए लाघव चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। इसे संक्षेप सूचक भी कहते हैं, जैसे -

कृप्या पृष्ठ पलटें - कृ. पृ. प.  


कोष्ठक [{()}] क्या होते हैं 

हिन्दी में कोष्ठकों का प्रयोग निम्न स्थितियों में किया जाता किसी कठिन शब्द को स्पष्ट करने के लिएजैसे: लौकिक (सांसारिक) और पारलौकिक (ईश्वरीय) शक्तियाँ 'दिल्ली चलोका नारा नेताजी (सुभाषचन्द्र बोस) ने दिया । 

 

क्रमसूचक अंकों/ अक्षरों के साथ: (क), (ख), (18), (11) 


 पुनरूक्ति सूचक चिन्ह (-"- )

 

जब एक ही शब्द या वाक्य आदि की पुनरावृत्ति किसी सारणी के कॉलम के रूप में होती है तो पुनरूक्ति चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।

जैसे 

क्र.  छात्र का नाम    कक्षा

1-   दिनेश        9वी

2-   राहुल        9वी

3-   राम          "

4-   प्रवीण        " 

5-   श्याम        "

  

 टीका सूचक या तारक चिन्ह (*, #, +. †)

 

ये चिन्ह फुट नोट अथवा पाद टिप्पणी देने के लिए लगाए जाते हैं। इन चिन्हों से संबंधित स्पष्टिकरण पृष्ठ के सबसे नीचे 'लिखा जाता है। 

जैसे उदा. शब्द٭ की शक्ति उसने अन्तर्निहित अर्थ को व्यक्त करने का व्यापार है' 

*डॉ. धीरेन्द्र वर्मा : हिन्दी साहित्य कोशपृष्ठ 759 ।

 

लोप चिन्ह / वर्जन चिन्ह ( xxx ..... ) 


जब किसी अवतरण में स्थान या समयाभाव के कारण कुछ शब्द या वाक्य छोड़ दिए जाते है या संविधान/कानून आदि में संशोधन कर कुछ शब्द हटा दिए जाते है तो उनके स्थान पर लोप चिन्हों का प्रयोग किया जाता है। 

उदा. 

आजादी पाने के लिए हमने अपना खून बहाया था।

 x x x x x  x x x x x x

लाल किले पर वीर जवाहर ने 'तिरंगाफहराया था।


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