अनौपचारिक संगठन क्या है ? | अनौपचारिक संगठन |Informal organization in Hindi

अनौपचारिक संगठन क्या है ?
अनौपचारिक संगठन
अनौपचारिक संगठन क्या है ? | अनौपचारिक संगठन |Informal organization in Hindi


 

संगठन के अनौपचारिक विचार के मुख्य प्रवर्तक एल्टन मेयो हैजिन्होंने 'वेस्टर्न इलेक्ट्रानिक कम्पनीके हाथोर्न संयन्त्र के विषय में कुछ प्रयोगों के बाद पाया कि कुछ व्यक्तियों के अधिक समय तक एक साथ मिलकर कार्य करने के कारण उनमें औपचारिक सम्बन्ध से विपरीत सम्बन्ध विकसित हो गये हैं। जिसे उन्होंने अनौपचारिक संगठन कह कर सम्बोधित किया।

 

  • अनौपचारिक संगठन उस संगठन को कहते हैंजिनका निर्माण व्यवस्थित एवं नियोजित रूप में नहीं होता हैबल्कि इसका निर्माण स्वयं में हो जाता है। इन्हें सामाजिक मनोवैज्ञानिक संगठन भी कहा जाता है।


  • दूसरे शब्दों में यदि कर्मचारियों के पारस्परिक सम्बन्धों को स्पष्ट करने के लिय किसी प्रकार की औपचारिकता नहीं बरती जायेतो उसे अनौपचारिक संगठन कहा जायेगा। एक संगठन उस दशा में अनौपचारिक कहा जाता हैजबकि अन्तर व्यक्तिक सम्बन्धों की स्थापना संयुक्त उद्देश्यों के लिए अनजाने में ही विकसित हो जाती है। अतः अनौपचारिक संगठन ऐसी प्रक्रिया हैजिसमें व्यक्ति निरन्तर एक-दूसरे से अन्तः सम्पर्क करते हैं। 

  • अनौपचारिक संगठनों को अक्सर प्रतिरूप संगठन और औपचारिक संगठनों का 'छाया संगठनमाना जाता है। उनकी कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं है और ऐसा करना बहुत कठिन भी है। उसके कोई निश्चित संगठनात्मक लक्ष्य भी नहीं होते। सदस्यों के परस्पर सम्बन्ध भी निश्चित नहीं होते। स्वतः स्फूर्तगैर-सरकारी और आकारहीन सम्बन्धों से अनुकूल भावनाऐं उत्पन्न होती हैंजिनसें परस्पर सम्पर्क बढ़ता है और जान-पहचान के बंधन मजबूत होते हैं। लक्ष्यों के अभाव और आकारहीन सम्बन्धों के कारण अनौपचारिक संगठनों में औपचारिक व्यवस्था के कानून कायदों का आभाव पाया जाता है।

अनौपचारिक संगठन की परिभाषा 


विभिन्न विचारकों ने इस सम्बन्ध में अनेक मत प्रस्तुत किये हैं। जिनमें से महत्वपूर्ण विचार निम्नलिखित हैं-

 

अनौपचारिक संगठन  बर्नार्ड के मतानुसार

  • एक संगठनउस समय अनौपचारिक माना जाता हैजब अर्न्तवैयक्तिक सम्बन्धों का समूह संयुक्त उद्देश्य के लिए अनजाने में स्थापित हो जाता है।

 

अनौपचारिक संगठन प्रो० डेविस के मतानुसार

  • अनौपचारिक संगठन ऐसे व्यक्तिगत तथा सामाजिक सम्बन्धों का जाल हैजिसकी स्थापना औपचारिक संगठन द्वारा नहीं की जाती है। 


अनौपचारिक संगठनसाइमन के मतानुसार

  • अनौपचारिक संगठन का अर्थ संगठन में अर्न्तवैयक्तिक सम्बन्धों का होना हैजो उसके अन्दरूनी फैसलों को प्रभावित करते हैं।

 

 एल डी व्हाइट के मतानुसार अनौपचारिक संगठन


  • अनौपचारिक संगठन ऐसे कार्यात्मक सम्बन्ध हैजो लम्बे समय तक एक साथ कार्य करने वाले लोगों की आपसी अन्तः क्रियाओं के परिणामस्वरूप विकसित होते हैं।


अनौपचारिक संगठन की विशेषतायेँ 

उपरोक्त मतों के सुव्यवस्थित विश्लेषण के अनुसार हम अनौपचारिक संगठन की निम्नलिखित विशेषताओं का निरूपण कर क्रमबद्ध अध्ययन कर सकते हैं

 

  • अनौपचारिक संगठन का निर्माण स्वतः होता है। प्रायः इनका निर्माण निजी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु किया जाता है। 
  • अनौपचारिक संगठनऔपचारिक संगठन का पूरक होता है।
  • इसका विकास आपसी सम्बन्धोंरीति-रिवाजों और सामूहिक समूहों के द्वारा होता है। इसके नियम एवं पद्धतियां अलिखित होती हैं। 
  • अनौपचारिक संगठन को चार्ट या मैन्युअल के द्वारा प्रदर्शित नहीं किया जाता है। 
  • ये सामाजिक संगठन होते हैं। इसमें मनुष्य की इच्छाआकांक्षापसन्द और नापसन्द का पूर्व ध्यान रखा जाता हैक्योंकि यह मान्यता है कि संगठन निर्माण में मनुष्य की सशक्त भूमिका होती हैजिससे सामाजिक संतुष्टि मिलती है। 
  • यह सम्पूर्ण संगठन का एक आंतरिक भाग होता है। 
  • यह प्रबन्ध के सभी स्तरों पर पाया जाता है। 
  • यह पदों की क्रमता से पूर्ण रूप से मुक्त होता है।

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