कप्पा वेरिएंट क्या है ? | वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट, वेरिएंट ऑफ कंसर्न क्या है | Kappa Variant GK in Hindi

कप्पा वेरिएंट क्या है ? | वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट, वेरिएंट ऑफ कंसर्न  क्या है | Kappa Variant GK in Hindi


 कप्पा वेरिएंट क्या है ?

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization-WHO) के अनुसार, ‘कप्पाकोविड -19 के दो नवीनतम प्रकारों में से एक है, दूसरा वेरिएंट डेल्टाहै जिसकी उपस्थिति पहली बार भारत में दर्ज की गई थी।

  • इससे पहले पेरू से एक नए वेरिएंट लैम्ब्डा की सूचना मिली थी।

  • भारत द्वारा नोवेल कोरोनावायरस के B.1.617.1 म्यूटेंट को "भारतीय संस्करण" कहे जाने पर आपत्ति जताए जाने के बाद WHO ने ग्रीक वर्णमाला का उपयोग करते हुए कोरोनावायरस के इस संस्करण को 'कप्पा' और B.1.617.2 को 'डेल्टा' नाम दिया था।


  • डेल्टा और कप्पा संस्करण आपस में संबंधित हैं, जिसे पहले डबल म्यूटेंट या B.1.617 कहा जाता था।

  • कप्पा कोविड-19 का नया रूप नहीं है बल्कि WHO के अनुसार अक्तूबर 2020 में इस वेरिएंट की पहचान सबसे पहले भारत में हुई थी।

  • वर्तमान में यह WHO द्वारा 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के रूप में सूचीबद्ध है न कि 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' के रूप  में।


  • कप्पा वेरिएंट कोई नया खतरा नहीं है और यह पहले भी उत्तर प्रदेश से एकत्र किए गए नमूनों में पाया गया था। कोविड वायरस का नया वेरिएंट न होने के कारण यह राज्य के लिये चिंता का विषय नहीं हैं।


  • पहले भी इसे डेल्टा वेरिएंट की तुलना में कम खतरनाक माना जा चुका है।


वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के बारे में जानकारी 

 

  • इस श्रेणी में उन वेरिएंट्स को शामिल किया जाता है जिनमें शामिल आनुवंशिक परिवर्तन पूर्णतः अनुमानित होते हैं और उन्हें संचारण क्षमता, रोग की गंभीरता या प्रतिरक्षा क्षमता को प्रभावित करने के लिये जाना जाता है।


  • ये वेरिएंट्स कई देशों और जनसंख्या समूहों के बीच महत्त्वपूर्ण सामुदायिक प्रसारण का कारण होते हैं। समय के साथ मामलों की बढ़ती संख्या या अन्य स्पष्ट महामारी विज्ञान प्रभावों के साथ-साथ वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये एक उभरते जोखिम का सुझाव देने के उद्देश्य से इनकी की पहचान की जाती है।


वेरिएंट ऑफ कंसर्न के बारे में जानकारी 

 

  • वायरस के इस वेरिएंट के परिणामस्वरूप संक्रामकता में वृद्धि, अधिक गंभीर बीमारी (जैसे- अस्पताल में भर्ती या मृत्यु हो जाना), पिछले संक्रमण या टीकाकरण के दौरान उत्पन्न एंटीबॉडी में महत्त्वपूर्ण कमी, उपचार या टीके की प्रभावशीलता में कमी या नैदानिक उपचार की विफलता देखने को मिलती है।


  • अब तक ऐसे चार वेरिएंट (अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा) हैं,  जिन्हें  वेरिएंट ऑफ कंसर्नके रूप में नामित किया गया है और इन्हें बड़ा खतरा माना जाता है।


  • इन सभी का हाल ही में ग्रीक वर्णमाला के अक्षरों के नाम पर नामकरण किया गया है,  ताकि किसी एक विशिष्ट देश के साथ जुड़ाव से बचा जा सके।

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