लोक प्रशासन का अर्थ और परिभाषा |Meaning and definitions of public administration
लोक प्रशासन का अर्थ और परिभाषा Meaning and definitions of public administration
- राज्य की निरन्तर बढ़ती हुई क्रियाओं के साथ ही साथ, लोक प्रशासन का योग तथा महत्व सम्भवतः बढ़ता ही जा रहा है। राज्य की क्रियाओं की सफलता व असफलता लोक प्रशासन पर निर्भर करती है।
- राज्य की लोक नीतियों के निर्माण से लेकर क्रियान्वयन तक लोक प्रशासन का ही दायित्व एवम् मुख्य कार्य है।
- यदि राज्य का प्रशासकीय ढ़ांचा अथवा प्रशासनिक तंत्र तीव्रता, कुशलता एवम् सत्यनिष्ठा के साथ कार्य नहीं करता है तो अच्छी से अच्छी नीतियाँ तथा कल्याणकारी योजनाएँ विफल हो जाती है।
- वर्तमान में कुशल प्रशासनिक राज्य के अन्तर्गत प्रशासन तथा कुशल प्रबन्धकों को बहुत महत्वपूर्ण योगदान करना होता है।
- भारत के सन्दर्भ में आर्थिक एवं सामाजिक पुननिर्माण हेतु नियोजन को अपनाया गया है, फलस्वरूप लोक प्रशासन के दायित्वों में काफी वृद्धि हो गयी है।
- समाज में लोक प्रशासन का महत्व इस हद तक पहुँच गया है कि इसे आधुनिक सभ्यता का हृदय कहा जाता है।
- लोक प्रशासन सामाजिक ढॉचें को स्थिरता प्रदान करता है। सर्वमान्य का हित करना ही लोक प्रशासन है।
लोक प्रशासन की परिभाषाएं Definition of Public Administration in Hindi
डब्लू, एफ. विलोबी के अनुसार लोक प्रशासन की परिभाषा
- “ अपने व्यापक अर्थ में लोक प्रशासन उस कार्य का प्रतीक है जो कि सरकारी कार्यों के वास्तविक सम्पादन से सम्बद्ध होता, चाहे वे सरकार की किसी शाखा से सम्बन्धित क्यों न हो। अपने संकीर्ण अर्थ में, वह केवल प्रशासकीय शाखा की कार्यवाहियों की ओर संकेत करता है। "
एल. डी. ह्वाइट के शब्दों में लोक प्रशासन की परिभाषा
- “लोक प्रशासन में वे सभी कार्य आ जाते हैं, जिनका उद्देश्य लोकनीति को पूरा करना अथवा क्रियान्वित करना होता है। "
वुडरो विल्सन के अनुसार लोक प्रशासन की परिभाषा
- “लोक प्रशासन विधि की विस्तृत तथा व्यवस्थित प्रयुक्ति है। विधि की प्रत्येक प्रयुक्ति प्रशासन का कार्य है। "
लूथर गुलिक के अनुसार लोक प्रशासन की परिभाषा
- “लोक प्रशासन विज्ञान का वह भाग है जो सरकार से सम्बन्धित है और इसलिए उसका सम्बन्ध कार्यपालिका से है, जहाँ कि सरकार का कार्य मुख्य रूप से होता है, यद्यपि उसको स्पष्ट रूप से उन प्रशासनिक समस्याओं पर भी ध्यान देना होता है जो व्यवस्थापिका और न्यायपालिका के क्षेत्र में आते हैं।”
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लोक प्रशासन के सिद्धान्त
1. शास्त्रीय उपागमः हेरनी फेयोल, लूथर गुलिक एवं लिंडल उर्विक
2. वैज्ञानिक प्रबन्ध उपागम: फ्रेडरिक टेलर
4. मानवीय सम्बन्धात्मक उपागम: एल्टन मेयो
5. व्यवस्थावादी उपागम: चेस्टर बर्नार्ड
6. व्यवहारवादी उपागम: हर्बर्ट साइमन
7. सामाजिक मनोवैज्ञानिक उपागम: डगलस मैक्ग्रेगर एवं अब्राहम मैस्लों
8. पारिस्थितिकीय उपागम: फ्रेड डब्ल्यू. रिग्स
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