पंडित नेहरू एक राजनीतिक विचारक सामान्य परिचय | नेहरू का जीवन परिचय | Nehru as a Political Thinker
पंडित नेहरू एक राजनीतिक विचारों का निम्न विषय सूची के अनुसार अध्ययन करेंगे-
पंडित नेहरू एक राजनीतिक विचारक सामान्य परिचय
- पंडित नेहरू केवल भारत के राजनेता ही नहीं थे, अपितु उनकी गणना प्रमुख राजनीतिक विचारकों के रूप में होती है। उनके विचारों का प्रभाव केवल भारतीय समाज तक ही सीमित न रहा, अपितु अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर उनका प्रभाव देखा जा सकता है। नेहरूजी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कांग्रेस को सैद्धान्तिक आधार प्रदान किया और राजनीति के संबंध में अनेक विचार प्रतिपादित किए। वे लोकतंत्र के प्रबल समर्थक थे।
- भारतीय संविधान के निर्माण और आजादी के पश्चात् भारत की विभिन्न नीतियां जैसे-आर्थिक नीति, विदेश नीति, सामाजिक आधार आदि पर नेहरू जी के विचारों का दिखाई देता है। इसलिए पंडित नेहरू को भारत के निर्माता के रूप में स्वीकार किया जाता है।
- विश्वशांति, अन्तरराष्ट्रीय सहयोग, शांतिपूर्ण सह अस्तित्व, पंचशील सिद्धान्त आदि के लिए विश्व हमेशा ही नेहरू जी का ऋणी रहेगा। उन्होंने विश्व व्यवस्था को एक गति प्रदान की। संयुक्त राष्ट्र संघ को मजबूती दिलाने में सहयोग दिया, उन्होंने अनेक अन्तरराष्ट्रीय रंगमंचों पर भारतीय दर्शन और संस्कृति के अनुरूप शांति व अहिंसा की प्ररेणा दी और अन्तरराष्ट्रीय समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से करने को प्रेरित किया ।
- पंडित नेहरू धर्म निरपेक्ष एवं साम्प्रदायिक सौहार्द के समर्थक थे। उन्होंने भारत के सभी धर्मों में आपसी सौहार्द व भाइचारे को बढ़ावा देने का प्रयास किया। आजादी के बाद जिस प्रकार भारत साम्प्रदायिक हिंसा की चपेट में आया था। इससे वे बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने राष्ट्रीय एकता और एकीकरण की प्रवृत्तियों को प्रोत्साहन देने का आह्वान किया।
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय
- पंडित नेहरू का जन्म 14 नवम्बर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। इनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू तथा माता का नाम स्वरूपरानी था। आपका संबंध कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से था। लेकिन वे इलाहाबाद आ जाते है। उनका बचपन आनंद भवन में विलासिता पूर्ण एवं कुलीन तरीके से व्यतीत होता हैं पिता के पेशे से वकील होने और भारत की राजनीति में सक्रिय भागीदारी के कारण उनके परिवार की प्रतिष्ठा सम्पूर्ण भारतवर्ष में थी। इन्हें प्राम्भिक शिक्षा एक योरोपीय शिक्षक के द्वारा घर पर ही दी गयी।
- इसके पश्चात् 15 वर्ष की आयु में शिक्षा ग्रहण करने ब्रिटेन चले जाते है। वहां उन्हें इटली के महापुरूष गैरीबाल्डी के पास पढ़ने का मौका मिलता है। इसके अलावा उन्हें स्वतन्त्रता, समाजवाद, फ्रांस की राज्य क्रांति एवं अनेक राजनीतिक चिन्तकों के विचारों को जानने का एक सुअवसर प्राप्त होता है। इसका प्रभाव यह पड़ता है कि भारत लौटने पर और संविधान निर्माण में उनके विचारों को सम्मानजनक दर्जा दिया जाता है।
- 1907 में वे विधि की शिक्षा प्राप्त करने के लिए पुनः ब्रिटेन जाते है। सन् 1912 में बैरिस्टरी की उपाधि लेकर भारत लौटते है। इनका विवाह 26 वर्ष की आयु में कमला कौर के साथ होता है।
- पंडित नेहरू को राजनीति विरासत में मिली हुई थी, क्योंकि उनके पिता कांग्रेस की गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे थे। उनका राजनीति में विधिवत् प्रवेश 1912 में कांग्रेस के बाकीमपुर अधिवेशन में होता है।
- धीरे-धीरे मदनमोहन मालवीय द्वारा संचालित किसान आंदोलन में हिस्सा लेते है। इसके पश्चात् पंडित जी कांग्रेस की राजनीति में इस प्रकार छा जाते है कि मानो कांग्रेस की आधार शिला है। राष्ट्रीय आन्दोलन को दिशा प्रदान करने में भारतीय आजादी की लड़ाई के लिए विश्व जनमत तैयार करने के लिए अनेक देशों की यात्राएं की। 1929 के लाहौर अधिवेशन में पहली बार अध्यक्ष बने।
- आजादी के पश्चात् बनने वाली प्रथम सरकार में उन्हें भारत का प्रधानमंत्री बनने का सौभाग्य होता है। इस पद पर वे अपने जीवन के अंतिम समय तक रहते है। इस दौरान उन्होनें भारत को सभी क्षेत्रों में सशक्त बनाने और भारत में व्याप्त समस्याओं का समाधान करने की हर सम्भव कोशिश करते हैं, लेकिन 27 मई 1964 को नेहरू जी का स्वर्गवास हो जाता है।
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