मनोवृत्ति (Attitude) और विश्वास (Belief) में अंतर | Difference Between Attitude and Belief
मनोवृत्ति (Attitude) और विश्वास (Belief) में अंतर
मनोवृत्ति (Attitude) | विश्वास (Belief) |
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मनोवृत्ति में प्रेरक गुण (Motivational Property) भी होते हैं। इस रूप में मनोवृत्ति का क्षेत्र विश्वास से अधिक बड़ा है। | विश्वास में संज्ञानात्मक संघटक प्रधान होता है, व्यवहारात्मकघटक गौण (Secondary) होता है, जबकि भावात्मक घटक अनुपस्थित होता है। प्रेरणात्मक गुण सदैव उपस्थित
नहीं होते हैं। जैसे हमें विश्वास है कि सूर्य एक तरह का तारा ही है, परंतु उस विश्वास से हमें कोई विशिष्ट
क्रिया करने की प्रेरणा नहीं मिलती। |
प्रत्येक मनोवृत्ति में विश्वास सम्मिलित होता है। विश्वास अभिवृत्ति के संज्ञानात्मक घटक को इंगित करता है। | मनोवृत्ति में वास्तविक तथ्य अधिक होती है जबकि
विश्वास में वास्तविकता के अलावा काल्पनिकता की भी संभावना होती है। |
. मनोवृत्ति
दिशात्मक (Directional) होती है। यह प्रायः सकारात्मक या
नक्कारात्मक होती है। |
परंतु विश्वास में ये गुण नहीं होते हैं। |
मनोवृत्ति में भाव पक्ष एवं प्रेरणात्मक गुण
होने के कारण विशिष्ट क्रियाओं में तत्परता होती है। |
भाव पक्ष एवं प्रेरणात्मक गुण के अभाव के कारण
क्रिया करने की तत्परता या बाध्यता नहीं होती है। |
मनोवृत्ति (Attitude) और विश्वास (Belief) में अंतर
मनोवृत्ति (Attitude)
1. मनोवृत्ति में प्रेरक गुण (Motivational Property) भी होते हैं। इस रूप में मनोवृत्ति का क्षेत्र विश्वास से अधिक बड़ा है।
2. प्रत्येक
मनोवृत्ति में विश्वास सम्मिलित होता है। विश्वास अभिवृत्ति के संज्ञानात्मक घटक
को इंगित करता है।
4. मनोवृत्ति
में भाव पक्ष एवं प्रेरणात्मक गुण होने के कारण विशिष्ट क्रियाओं में तत्परता होती है।
विश्वास (Belief)
1- विश्वास में संज्ञानात्मक संघटक प्रधान होता है, व्यवहारात्मकघटक गौण (Secondary) होता है, जबकि भावात्मक घटक अनुपस्थित होता है। प्रेरणात्मक गुण सदैव उपस्थित
नहीं होते हैं। जैसे हमें विश्वास है कि सूर्य एक तरह का तारा ही है, परंतु उस विश्वास से हमें कोई विशिष्ट
क्रिया करने की प्रेरणा नहीं मिलती।
2- मनोवृत्ति में वास्तविक तथ्य अधिक होती है जबकि
विश्वास में वास्तविकता के अलावा काल्पनिकता की भी संभावना होती है।
3- परंतु विश्वास में ये गुण नहीं होते हैं।
4 भाव पक्ष एवं प्रेरणात्मक गुण के अभाव के कारण क्रिया करने की तत्परता या बाध्यता नहीं होती है।
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