पूर्वाग्रह की माप |Measurement of Prejudice in Hindi
पूर्वाग्रह की माप (Measurement of Prejudice)
पूर्वाग्रह को कैसे मापा जाता है ?
- पूर्वाग्रह मूलतः एक तरह की नकारात्मक मनोवृत्ति (Negative attitude) है। अत: इसे मापने के लिए उन तमाम विधियों का प्रयोग किया जा सकता है जिनके सहारे हम मनोवृत्ति की माप करते हैं।
- दूसरे शब्दों में थर्स्टन विधि, लिकर्ट विधि, गरमैन विधि, बोगार्डस विधि तथा अन्य विधियों द्वारा भी पूर्वाग्रह की माप कर सकते हैं। परन्तु आम समाज मनोवैज्ञानिकों का अनुभव यही रहा है कि इन विधियों के प्रयोग से पूर्वाग्रह की यथोचित एवं वैज्ञानिक माप नहीं हो सकती है। प्रायः व्यक्ति अपनी पूर्वाग्रह या नकारात्मक मनोवृत्ति को सीधे आसानी से व्यक्त नहीं करता है।
- यह समस्या उस समय और भी जटिल हो जाती है जब हमें किसी वयस्क की पूर्वाग्रह की माप करनी होती है।
पूर्वाग्रह मापने की विधियाँ
समाज मनोवैज्ञानिकों ने पूर्वाग्रह को मापने के लिए कुछ विशेष प्रविधियों का वर्णन किया है जो निम्नलिखित है
1. अशाब्दिक व्यवहारपरक माप (Nonverbal behaviourable Measures )
- पूर्वाग्रह के लक्ष्य व्यक्ति के साथ जब कोई पूर्वाग्रही व्यक्ति अन्तःक्रिया करता है। तो कुछ अशाब्दिक व्यवहार जैसे खास ढंग की आनन-अभिव्यक्ति हाथ की अंगुलियों एवं कैथों की भाव भंगिमा आदि भी बनाता है जिसके आधार पर हम उसके पूर्वाग्रह के बारे में अंदाज लगाते हैं। इन अशाब्दिक मापों से हमें जो पूर्वाग्रह के बारे में अंदाज होता. है वह व्यक्ति द्वारा दी गई लिखित या मौखिक सूचनाओं की अपेक्षा अधिक विश्वसनीय होता है क्योंकि अशाब्दिक व्यवहारों को व्यक्ति छिपा नहीं पाता है और न ही उसमें परिवर्तन ला पाता है।
- उदाहरणार्थ- एक व्यक्ति अपने दोस्त के प्रति पूर्वाग्रह को लिखित या मौखिक रूप में व्यक्त करने में कुछ बातों को छिपा सकता है, परन्तु व्यवहारात्मक अभिव्यक्ति में वह इसे किसी न किसी रूप में दिखला ही देगा।
फैल्डमेन एवं डोनोहो के अनुसार पूर्वाग्रह की माप
- फैल्डमेन एवं डोनोहो (feldamn & Donohoe 1978) ने एक अध्ययन करके पूर्वाग्रह के अशाब्दिक मापन की विधियों की वैधता को सही ठहराया है। इस अध्ययन में अधिक पूर्वाग्रही तथा कम पूर्वाग्रही गोरे प्रयोज्यों की तीसरी कक्षा के छात्रों के शिक्षक के रूप में कार्य करने के लिए कहा गया है।
- गोरे प्रयोज्यों को शिक्षक के रूप में इन छात्रों (जिनमें गोरे और नीग्रो दोनों तरह के छात्र थे) पर एक ऐसा परीक्षण (test) क्रियान्वयन करना था जिस पर उन्हें (छात्रों को) प्रयोगकर्ता द्वारा पहले से ही काफी तालीम दी जा चुकी थी (परन्तु इस बात का पता शिक्षक को नहीं था) शिक्षक को निर्देश था कि जब छात्र सही उत्तर दे तो आप उसकी प्रशंसा यह बोलते हुए करें कि “ठीक हैं, शाबाश"।
- जब प्रयोज्य “शिक्षक” ऐसी प्रशंसा कर रहे थे, तो गुप्त रूप में अनेक चेहरे एवं कंधों की गतियों (Movements) का वीडियो रिकार्डिंग भी कर लिया गया। बाद में इन वीडियो तस्वीरों को गोरे निर्णायकों के एक समूह को यह बतलाने के लिए दिया गया कि कहाँ तक प्रयोज्य शिक्षक छात्रों से खुश नजर आते हैं। परिणाम में देखा गया कि छात्रों के प्रजाति (race) के अनुकूल अधिक पूर्वाग्रही प्रयोज्यों एवं कम पूर्वाग्रही प्रयोज्यों द्वारा दिखलाये गये अशाब्दिक व्यवहारों में अंतर था।
- यद्यपि सभी छात्रों का निष्पादन करीब-करीब समान था, अधिक पूर्वाग्रही प्रयोज्य शिक्षक गोरे छात्रों के प्रति नीग्रो छात्रों की अपेक्षा अशाब्दिक रूप से अधिक स्वरीकारात्मक मनोवृत्ति दिखलाते पाये गये। स्पष्ट है कि व्यक्ति के अशाब्दिक व्यवहार के आधार पर समूह या व्यक्ति के प्रति पूर्वाग्रह की झलक मिल जाती है। जिसके साथ वह अन्तः क्रिया करता
2. अन्य व्यवहारों के आधार पर (On the basis of other behaviours)
- पूर्वाग्रह की माप अशाब्दिक व्यवहारों के अलावा कुछ अन्य तरह के व्यवहार जैसे विभेदी मदद तथा आक्रमणकारी व्यवहार से भी होता है।
उदाहरणार्थ-
- जब एक प्रोफेसर किसी छात्र को सबसे अलग हटकर विशेष मदद करते हैं तो स्पष्ट है कि प्रोफेसर की मनोवृत्ति उस छात्र के प्रति स्वीकारात्मक (Positive) होती है। उसी तरह से यदि प्रोफेसर किसी छात्र से बात-बात में गुस्सा हो जाते हैं, तो स्पष्ट है कि उस छात्र के प्रति उनकी मनोवृत्ति नकारात्मक है।
3. आत्म प्रतिवेदन विधियाँ (Self report methods)
- मनोवृत्ति (attitude) को मापने के ही समान पूर्वाग्रह को मापने के लिए भी अन्य प्रतिवेदन विधि (Self report method) की कई विधियों का प्रयोग किया जाता है।
- इसके अन्तर्गत निकट का संकल्पित रेटिंग (Summated rating) थर्स्टन (Thrustone) की समदृष्टि अंतराल विधि, गटमैन का स्कोलोग्राम विश्लेषण तथा औसगुड एवं उनके सहयोगियों का शब्दार्थ विभेदक (Semantic Differential Scale) विशेष रूप से उल्लेखनीय है। इनमें से लिकर्ट का संकलित रेटिंग का प्रयोग तुलनात्मक रूप से अधिक होता है।
- पूर्वाग्रह को मापने में आत्म-प्रतिवेदन की ये सारी विधियाँ उन सभी समस्याओं से ग्रसित होती हैं। जिन समस्याओं से मनोवृत्ति का मापन ग्रसित होता है। इन विधियों की वैधता भी उपर्युक्त कसौटी के अभाव में अधिक प्रभावित यानी दबी हुई पायी गयी है।
4. दैहिक प्रतिक्रियाएँ (Physiological reactions)
- कुछ मनोवैज्ञानिकों जैसे कूपर तथा सिंगर (Cooper & Singer 1959) रैनकिन तथा कैम्पबेल (Ranking & Campbell 1955) ने अपने-अपने अध्ययनों के आधार पर यह बतलाया है कि पूर्वाग्रह को मापने के लिए अनेक प्रकार के दैहिक माप जैसे हृदय गति में परिवर्तन, पुतलियों का फैलाव, गैल्वनी त्वक् अनुक्रिया का उपयोग किया जा सकता है।
- इन दैहिक प्रतिक्रियाओं का विशेष गुण यह होता है कि इसके द्वारा पूर्वाग्रह की अभिव्यक्ति करने में व्यक्ति चाह कर भी किसी प्रकार का दमन नहीं कर पाता है।
- फलस्वरूप इसके आधार पर पूर्वाग्रह की माप अधिक स्पष्ट ढंग से हो जाती है। इस विधि में कठिनाई है कि इन प्रतिक्रियाओं के अभिलेखन (recording) में विशेष कुशलता की जरूरत यह होती है।
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