व्यवसाय संगठन का कंपनी स्वरूप महत्वपूर्ण जानकारी |Company Form of Business Organization Important Information
व्यवसाय संगठन का कंपनी स्वरूप महत्वपूर्ण जानकारी
संयुक्त पूँजी कम्पनी
संयुक्त पूँजी कम्पनी एक कृत्रिम व्यक्ति है जिसका अपना एक पृथक वैधानिक अस्तित्व होता है, तथा जिसका उत्तराधिकार निरंतर है ।
संयुक्त पूँजी वाली कम्पनी की विशेषताएँ:
- यह एक कृत्रिम व्यक्ति है ।
- इसकी स्थापना लम्बी वैधानिक कार्यविधि द्वारा होती है तथा इसमें काफी समय लगता है।
- इसका स्वतन्त्र पृथक वैधानिक अस्तित्व होता है ।
- इसके लिए अधिकृत हस्ताक्षर को सामान्य मुहर भी कहते हैं ।
- इसका स्थायित्व निरंतर बना रहता है।
- इसके सदस्यों का दायित्व सीमित होता है ।
- सदस्य अंशों के हस्तांतरण के लिए स्वतन्त्र होते हैं ।
- संयुक्त पूँजी वाली कम्पनी का प्रबंधन प्रजातांत्रिक तरीके से होता है ।
कम्पनियों के प्रकार:
- निजी कम्पनी
- सांविधिक कम्पनी
- भारतीय कम्पनी
- सहायक कम्पनी
- सार्वजनिक कम्पनी
- चार्टर्ड कम्पनी
- बहुराष्ट्रीय निगम (कम्पनी)
- सरकारी कम्पनी
- विदेशी कम्पनी
- नियंत्रक कम्पनी
संयुक्त पूँजी कम्पनी के गुण
- एक संयुक्त पूँजी कम्पनी बड़े पैमाने पर वित्तीय संसाध नों की व्यवस्था कर सकती है। इसके सदस्य सीमित दायित्वों का लाभ ले सकते हैं इसका अस्तित्व निरंतर बना रहता है। इस प्रकार के संगठन से ही बड़े पैमाने के व्यावसायिक कार्यों से अच्छे लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। अपने क्रिया-कलापों में यह एक पेशेवर प्रबंधन का लाभ उठा सकती है।
संयुक्त पूँजी कम्पनी की सीमाएं
- संयुक्त पूँजी कम्पनी की स्थापना में बहुत सारी वैध निक औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं। इस पर अत्यधिक सरकारी नियंत्रण भी रहता है। व्यवसाय में गोपनीयता बनाए रखना अत्यधिक कठिन होता है। सभी आवश्यक निर्णयों में निदेशक मण्डल और अंशधारकों की आम सभा की स्वीकृति आवश्यक होती है अतः विशेष निर्णय लेने में समय लगता है। व्यावहारिक रूप से संयुक्त पूँजी कम्पनियां, लोगों के विशिष्ट समूह द्वारा प्रबंधित होती हैं। सारे देश में, इधर उधर बसे अंशधारक, आमतौर पर कम्पनी के सभी मामलों में रुचि नहीं लेते।
संयुक्त पूँजी कम्पनी की उपयुक्तता
- जहाँ व्यवसाय बड़ा है, उद्यम क्षेत्र विस्तृत है, निहित जोखिम बहुत अधिक है, और जहाँ बड़े वित्तीय लाभ और मानव शक्ति की आवश्यकता है, वहाँ संयुक्त पूँजी कम्पनी अधिक उपयुक्त होती है।
सही संगठन का चुनाव
व्यावसायिक संगठन के उपयुक्त प्रकार का चयन करते समय निम्नलिखित कारकों को ध्यान में रखना आवश्यक है:
(क) स्थापना में सुगमता
(ख) संसाधनों की उपलब्धता
(ग) दायित्व या जोखिम
(घ) स्थिरता
(ङ) लचीलापन
(छ) सरकारी नियन्त्रण की सीमा
(च) गोपनीयता
बहुराष्ट्रीय निगम
- व्यवसाय की वह इकाई, जिसका कम्पनी के रूप में पंजीकरण एक देश में हुआ हो परन्तु उसकी फैक्ट्रियां, शाखाएं व सहकारी इकाइयां अन्य दूसरे देशों में भी स्थापित हों, बहुराष्ट्रीय निगम कहलाते हैं।
बहुराष्ट्रीय निगम के गुण के
( क ) विदेशी मुद्रा का निवेश
(ख) रोज़गार के अवसर उत्पन्न करना
(ग) उन्नत तकनीक का प्रयोग
(घ ) सहायक इकाइयों का विकास / वृद्धि
(ङ) निर्यात में वृद्धि तथा विदेशी मुद्रा का आगमन
(च) घरेलू कम्पनियों से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा
बहुराष्ट्रीय निगम की सीमाएं
(क) मेजबान देश की आवश्यकताओं को कम प्राथमिकता
(ख) घरेलू उद्यमों पर प्रतिकूल प्रभाव
(ग) लोगों की संस्कृति में परिवर्तन
- संयुक्त उपक्रम ऐसा उद्यम है, जिसकी स्थापना दो या अधिक व्यावसायिक इकाइयों द्वारा मिलकर की है। यह पूंजी, तकनीकी ज्ञान एवं प्रबन्ध की कार्यकुशलता के एकत्रीकरण में सहायक होते हैं ।
- उन्नत तकनीक, पूँजी का उचित उपयोग, संसाधनों का एकत्रीकरण, विशेषज्ञता, नव प्रवर्तन, जोखिम व पारितोषिक का बंटवारा संयुक्त उपक्रम की विशेषताएं हैं।
- PPP निजी क्षेत्र का तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम के बीच साझेदारी है ।
- सरकार की सक्रिय भूमिका, धन का एकत्रीकरण, विशेषज्ञता एवं अनुभव, जोखिम का बंटवारा एवं उत्तरदायित्व आदि PPP प्रकार के संगठन की विशेषताएं हैं।
- PPP प्रकार के उद्यम के दोष हैं- देश की महत्वपूर्ण गुप्त बातों का उजागर होना, सरकारी एवं निजी उद्यम के बीच विरोधाभास ।
Post a Comment