ईसीजी क्या होता है । विद्युत हृदय लेख ( इलैक्ट्रोकार्डियोग्राफ) । ECG Kya Hoti Hai


विद्युत हृद लेख (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) (ईसीजी) क्या होता है 

विद्युत हृदय लेख ( इलैक्ट्रोकार्डियोग्राफ) ईसीजी । ECG Kya Hoti Hai



विद्युत हृद लेख ( इलैक्ट्रोकार्डियोग्राफ) ईसीजी ECG Kya Hai

 

  • आप शायद अस्पताल के टेलीविजन के दृश्य से चिरपरिचित होंगे। जब कोई बीमार व्यक्ति हृदयाघात के कारण निगरानी मशीन ( मोनीटरिंग मशीन) पर रखा जाता है तब आप पीप.. पीप... पीप और पीपीपी की आवाज सुन सकते हैं। इस तरह की मशीन (इलैक्ट्रोकार्डियोग्राफ) का उपयोग विद्युत हृद लेख (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) (ईसीजी) प्राप्त करने के लिए किया जाता है । 
  • ईसीजी हृदय के हृदयी चक्र की विद्युत क्रियाकलापों का आरेखीय प्रस्तुतीकरण है। बीमार व्यक्ति के मानक ईसीजी से प्राप्त करने के लिए मशीन से रोगी को तीन विद्युत लीड से (दोनों कलाईयाँ तथा बाईं ओर की एड़ी) जोड़कर लगातार निगरानी करके प्राप्त कर सकते हैं। हृदय क्रियाओं के विस्तृत मूल्यांकन के लिए कई तारों (लीड्स) को सीने से जोड़ा जाता है।


ईसीजी ECG के बारे में जानकारी 

 

  • ईसीजी के प्रत्येक चर्मोत्कर्ष को P (पी) से T (टी) तक दर्शाया जाता हैजो हृदय की विशेष विद्युत क्रियाओं के प्रदर्शित करता है। 
  • पी तरंग को आलिंद के उद्दीपन/विध्रुवण के रूप में प्रस्तुत किया जाता हैजिससे दोनों अलिंदों का संकुचन होता है। 
  • QRS ( क्यूआरएस) सम्मिश्र निलय के अध्रुवण को प्रस्तुत करता है जो निलय के संकुचन को शुरू करता है। 
  • संकुचन क्यू तरंग के तुरंत बाद शुरू होता है। जो प्रकुंचन (सिस्टोल) की शुरुआत का द्योतक है।
  • 'टीतरंग निलय का उत्तेजना से सामान्य अवस्था में वापिस आने की स्थिति को प्रदर्शित करता है। टी तरंग का अंत प्रकुंचन अवस्था की समाप्ति का घोतक है। 
  • स्पष्टतयाएक निश्चित समय में QRS सम्मिश्र की संख्या गिनने पर एक मनुष्य के हृदय स्पंदन दर भी निकाली जा सकती है। 
  • यद्यपि तरह-तरह के व्यक्तियों की ईसीजी संरचना एवं आकृति सामान्य होती है। इस आकृति में कोई परिवर्तन किसी संभावित असामान्यता अथवा बीमारी को इंगित करती हैं। अतः यह इसकी चिकित्सीय महत्ता बहुत ज्यादा है। 

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