बहुराष्ट्रीय निगम (बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ)| MNC Kya Hai | MNC Company GK
बहुराष्ट्रीय निगम (बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ)का अर्थ
बहुराष्ट्रीय निगम (बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ) MNC Kya Hai
अपने दैनिक जीवन में हम देशी तथा विदेशी मूल की अलग-अलग वस्तुओं का उपयोग करते हैं ये विदेशी वस्तुएं (माल) या तो आयात की जाती हैं अथवा विदेशी कम्पनियों द्वारा हमारे देश में बनाई जाती हैं। आप सोचते होंगे कि विदेशी कम्पनियाँ हमारे देश में क्यों आ रही हैं ? वस्तुतः ये भारत माल बनाने और सेवाएँ देने या अपना सामान बेचने आती हैं। इसी प्रकार भारतीय कम्पनियाँ भी अपने व्यापार का क्षेत्र अपने देश की सीमाओं से बाहर बढ़ा रही हैं । यह वैश्वीकरण कहलाता है, जिसका तात्पर्य है- आर्थिक क्रिया-कलापों का देश की सीमा से बाहर, विश्व बाजार की खोज में विस्तार ।
बहुराष्ट्रीय निगम (बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ)का अर्थ MNC Meaning in Hindi
- साधारणतः एक बहुराष्ट्रीय निगम (जिन्हें बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ भी कहते हैं) वह है जो एक देश में कम्पनी के रूप में पंजीकृत हुआ है किंतु अन्य देशों में फैक्टरियां स्थापित कर या शाखाएं खोलकर अथवा सहायक इकाइयों को स्थापित कर व्यवसाय चलाता है। ऐसी कम्पनी एक या अधिक देशों में माल का उत्पादन या सेवा प्रदान करती है। आपने भारत में व्यापार चलाने वाले कई बहुराष्ट्रीय निगमों (एमएनसी) के बारे में सुना होगा जैसे ह्युंडाई मोटर कम्पनी, कोकाकोला कम्पनी, सोनी कार्पोरेशन, मैक्डोनेल्ड कारपोरेशन, सिटी बैंक आदि ।
- इन सभी निगमों को सामान्यतः कई देशों में वस्तु उत्पादन, विपणन और अन्य बहुत सुविधाएँ उपलब्ध है। इनकी विक्रय की मात्रा अर्जित लाभ तथा उनकी सम्पत्ति का मूल्य अधिक होता है। इन्होंने अपनी शाखाएं और सह-इकाइयाँ हमारे देश तथा अन्य देशों में स्थापित कर ली हैं जिनका नियंत्रण ये अपने गृह- देश की कम्पनियों के मुख्यालयों से करते हैं । गृह- देश इन्हें नीति-निर्देश भी देता है।
बहुराष्ट्रीय निगम -वैश्विक उद्यमों (बहुराष्ट्रीय कम्पनियों) की विशेषताएं
बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं
1. केन्द्रीकृत प्रबन्ध
- एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी का मुख्यालय अपने गृह देश में होता है यह अपने व्यवसाय को दूसरे देशों में शाखाएं एवं सहायक कम्पनियां खोलकर विस्तार देता है। सभी शाखाओं एवं सहायक कम्पनियों को मुख्यालय द्वारा निर्धारित नीतियों के अनुसार कार्य करना होता है ।
2. व्यवसाय का विश्व भर में विस्तार
- बहुराष्ट्रीय कम्पनी का व्यवसाय कई देशों में फैला होता है। ऐसी कम्पनी अपने मेहमान देश की परिस्थितियों का पूरी तरह से लाभ उठाती है । इसमें सस्ती श्रम शक्ति एवं कच्चे माल की उपलब्धता सम्मिलित है।
3. उत्तम गुणवत्ता वाले उत्पाद
- एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी को वैश्विक स्तर पर प्रतियोगिता का सामना करना होता है। इसलिए यह उत्पाद की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देती है।
4. बड़ा आकार
- एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी के पास बहुत अधिक सम्पत्तियां होती हैं। आई. बी. एम. की परिसम्पत्तियों का मूल्य लगभग 8 अरब डालर है। इसी प्रकार से आई. टी. टी. कम्पनी की 70 देशों में 800 शाखाएं हैं।
5. अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में पहुंच
- एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी सरलता से अपने अनेक उत्पादों, अच्छी गुणवत्ता से अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी पहचान बना लेती है।
6. विज्ञापन पर विशेष ध्यान
- एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी विज्ञापन पर विशेष ध्यान देती है। यह इसकी सफलता का राज है ।
बहुराष्ट्रीय निगम (बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ MNC) के लाभ
बहुराष्ट्रीय निगम राष्ट्रीय सीमाओं के पार, बड़े पैमाने पर उत्पादन और वितरण क्रियाएं करके, बड़ी मात्रा में लाभ अर्जित कर कई सुविधाएँ प्राप्त करते हैं। साथ ही जिस देश में यह कार्य करते हैं वह देश भी इनसे कई प्रकार से लाभान्वित होते हैं। ये इस प्रकार हैं:
(क) विदेशी पूँजी का निवेश
- बहुराष्ट्रीय निगमों द्वारा प्रत्यक्ष पूँजी निवेश विकासशील देशों के आर्थिक विकास को गति देता है।
(ख) रोज़गार में वृद्धि
- बहुराष्ट्रीय निगमों द्वारा औद्योगिक तथा व्यापारिक क्रियाओं का विस्तार मेजबान देशों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि करने के साथ उनके जीवन स्तर में सुधार लाता है।
(ग) विकसित तकनीक का प्रयोग
- बहुराष्ट्रीय निगम बहुत बड़ी मात्रा में संसाधनों का प्रयोग कर शोध और विकास की क्रियाएं अपनाते हैं जो उत्पादन के उन्नत तरीकों और प्रक्रियाओं की मदद से वस्तुओं की गुणवत्ता में वृद्धि करने में सहायक होते हैं। धीरे-धीरे अन्य देश भी इन तकनीकों को अपना लेते हैं।
(घ) सहायक इकाइयों की वृद्धि
- बहुराष्ट्रीय निगमों के बड़े पैमाने पर कार्यों के फलस्वरूप मेजबान देश में भी वस्तुओं एवं सेवाओं के आपूर्तिकर्ता एवं संबंधित सहायक इकाइयों का विकास होता है.
(ङ) निर्यात वृद्धि और विदेशी मुद्रा का आगमन
- मेजबान देशों में बनाया गया माल ( वस्तुएँ) कभी-कभी बहुराष्ट्रीय निगम द्वारा निर्यात भी किये जाते हैं। इस प्रकार अर्जित विदेशी मुद्रा से मेजबान देशों के विदेशी मुद्रा भण्डार में वृद्धि होती है।
(च) स्वस्थ प्रतिस्पर्धा
- बहुराष्ट्रीय निगम द्वारा अच्छी गुणवत्ता वाले माल का उत्पादन, घरेलू निर्माताओं को बाजार में बने रहने के लिए अपना प्रदर्शन सुधारने को प्रेरित करता है ।
बहुराष्ट्रीय निगम (बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ MNC) की सीमाएं
इसमें कोई संदेह नहीं कि उपर्युक्त लाभ मेजबान देशों के लिए लाभप्रद हैं। लेकिन बहुराष्ट्रीय निगम की कई सीमायें भी हैं जिन पर भी हमें ध्यान देना चाहिए:
(क) मेजबान देशों की प्राथमिकताओं की ओर कम ध्यान
- बहुराष्ट्रीय निगम प्रायः अधिक : लाभ देने वाले उद्योगों में ही पूँजी का निवेश करते हैं तथा मेजबान देश के पिछड़े क्षेत्रों में 'मूलभूत उद्योगों को विकसित करने और सेवाएँ प्रदान करने की ओर ध्यान नहीं देते हैं।
(ख) घरेलू उद्योगों पर दुष्प्रभाव
- बहुराष्ट्रीय निगम, बड़े पैमाने पर कार्य करने और तकनीकी कुशलताओं से परिपूर्ण होने के कारण मेजबान देशों के बाजार पर शासन करता है और एकाधिकार शक्ति को प्राप्त कर लेने की ओर अग्रसित होता है। अतः कई स्थानीय उद्योग बंद होने के लिए बाध्य हो जाते हैं।
(ग) संस्कृति में परिवर्तन
- बहुराष्ट्रीय निगम द्वारा मेजबान देशों में दी जाने वाली उपभोक्ता वस्तुएँ अक्सर स्थानीय सांस्कृतिक मानदंडों के अनुरूप नहीं होती। इस प्रकार लोगों की उपभोग की आदतें, खाद्य और परिधान के मामलों में उन्हें उनकी अपनी सांस्कृतिक विरासत से दूर ले जाती हैं ।
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