मकड़ियां जाला क्यों और कैसे बनाती है । मकड़ी के जालों के प्रकार । मकड़ी के खून का रंग । Spider Facts in Hindi

  मकड़ियां जाला क्यों और कैसे बनाती है , मकड़ी के जालों के प्रकार, मकड़ी के खून का रंग 

मकड़ी के जाला क्यों और कैसे बनाती है । मकड़ी के जालों के प्रकार । मकड़ी के खून का रंग । Spider Facts in Hindi


 मकड़ी जाला कैसे बनाती है 

  • मकड़ी के जाले रेशम (Silk) के बने होते हैं, जो मकड़ी के शरीर के अंदर पैदा होते हैं । आमतौर पर मकड़ियों के पैरों में दो पंजे (Claw) होते हैं, लेकिन जाले बुनने वाली मकड़ियों के तीन पंजे होते हैं, जिनका उपयोग मकड़ी न केवल रेशम को खींचने के लिए करती है, बल्कि जाले के धागों को पकड़ने और छोड़ने के लिए भी करती है और जब वे जाले के ऊपर चलते हैं तो कर्षण प्रदान करते हैं। 

 

मकड़ियाँ कितने प्रकार के रेशम बनाती है 

सामान्यतः मकड़ियाँ दो प्रकार के रेशम की कताई करती हैं

 

1 चिपचिपा रेशम Sticky Silk 

 

मकड़ी द्वारा शिकार को पकड़ने के लिए चिपचिपे रेशम का उपयोग किया जाता है, यह फैला हुआ, गीला रेशम वेब के सर्पिलिंग धागों को बनाता है। 

 

2 नॉन-स्टिकी सिल्क Non-Sticky silk 

 

  • नॉन-स्टिकी सिल्क का उपयोग जाले को मजबूती प्रदान करने और जाले कि संरचना को के सपोर्ट करने के लिए प्रयुक्त होता है।
  • यह रेशम कठोर और सूखा होता है जाले की मजबूती न केवल बुने गए रेशम की मजबूती पर बल्कि जाले के डिजाइन पर भी निर्भर करती है।

  

मकड़ी का जाल उसे भोजन प्राप्त करने में किस प्रकार साहयता करता  है 

  • मकड़ी द्वारा जाल का निर्माण इस प्रकार किया जाता है कि यदि इसके किसी भाग में हलचल होती है, तो पूरे वेब पर एक प्रतिक्रिया महसूस की जाती है, जिससे मकड़ी को जाल के फंसे अपने भोजन के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। 
  • मकड़ी द्वारा जाल जाले का निर्माण इस प्रकार किया जाता है कि जाले के किसी एक भाग में खराबी आने पर केवल वही भाग उससे प्रभावित होता है पूरे जाले पर उसका प्रभाव नहीं पड़ता जाले में आई इस खराबी को दूर करने के लिए मकड़ियां उस रेशम को खाकर उस रेशम को रिसाइकल करके फिर से अपने जाले का र्निर्माण करती हैं।

 

 मकड़जाल खराब होने पर मकड़ी कैसे उसे सुधारती है 

  • मकड़ी द्वारा जाल जाले का निर्माण इस प्रकार किया जाता है कि जाले के किसी एक भाग में खराबी आने पर केवल वही भाग उससे प्रभावित होता है पूरे जाले पर उसका प्रभाव नहीं पड़ता जाले में आई इस खराबी को दूर करने के लिए मकड़ियां उस रेशम को खाकर उस रेशम को रिसाइकल करके फिर से अपने जाले का निर्माण करती हैं।

 

मकड़ियों द्वारा जाला क्यों बनाया जाता है  

  • मकड़ियों द्वारा जाली बनाने के कई उद्देश्य होते हैं जिसमें सबसे प्रमुख है भोजन के लिए अपने शिकार को फंसाने हेतु। 
  • मकड़िया एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए जालों का उपयोग करती हैं। 
  • अपने घर को सुरक्षा प्रदान करने के लिए । 
  • अंडे की थैली को सुरक्षित रखने के लिए।

मकड़ियों के जाले के प्रकार  

मकड़ियां सामान्य तौर पर 9 प्रकार के जाले बनाती है

 
  • Orb Web
  • Tangle Web / Cobweb
  • Funnel Web
  • Sheet Web
  • Triangle Web
  • Mesh Web
  • Sperm Web
  • Molt Mat
  • Egg Sac  
Orb Web


Tangle Web

Funnel Web


मकड़ियों के बारे में कुछ रोचक तथ्य Facts about spiders

 

  • अधिकांश मकड़ियों की आठ आंखें होती हैं, कुछ मकड़ियां ऐसी होती हैं जिनमें केवल छह होती हैं, और कुछ मकड़ियों की छह से कम आंखें होती हैं। 
  • मकड़ी की लगभग 35000 ज्ञात प्रजातियां हैं , वैज्ञानिकों का अनुमान है कि दुनिया में लगभग 180,000 प्रजातियां हो सकती हैं। 


मकड़ियों का खून नीला क्यों होता है  

  • मकड़ियों का खून नीला होता है। मनुष्यों में, ऑक्सीजन एक अणु से बंधी होती है जिसमें लोहा होता है, इससे हमारे रक्त को वह लाल रंग मिलता है। हालांकि, मकड़ियों में, जिस अणु में ऑक्सीजन बंधी होती है, उसमें तांबा होता है, जो उनके रक्त को नीला रंग देता है।

 

 

  • मकड़ी जाले बनाने के लिए जिस "रेशम" का प्रयोग करती है वह तरल के रूप में बाहर आता है लेकिन हवा के संपर्क में आने पर कठोर हो जाता है। 
  • मकड़ी की सबसे बड़ी प्रजाति "गोलियत बर्डीटर" (Goliath Birdeater) है जो 11 इंच तक चौड़ी हो सकती है। 
  • मकड़ी की सबसे नन्ही प्रजाति "पाटू मार्प्लेसी" (Patu marplesi)है, जो इतनी छोटी है कि एक पेंसिल के सिरे पर 10 मकड़ी फिट हो सकती है। 
  • लगभग सभी मकड़ियों में जहरीली ग्रंथियाँ होती हैं, मकड़ियां अपने शिकार में विष इंजेक्ट करती हैं। कुछ अपवादों को छोड़कर, मकड़ियों का जहर आम तौर पर मनुष्यों के लिए हानिरहित होता है। 


मकड़ी का वैज्ञानिक नाम Scientific name of spider

 

वेस्टर्न ब्लैक विडो स्पाइडर - लैट्रोडेक्टस हेस्परस 

ग्रास क्रॉस स्पाइडर - आर्गिओप कैटेनुलाटा 

मैक्सिकन पिंक टारेंटयुला - ब्रैचीपेल्मा क्लासी


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