चर्चित स्थल 2021- अगस्त | अगस्त 2021 के चर्चित स्थल | Place In News August 2021
अगस्त 2021 के चर्चित स्थल Place in News 2021
शंकराचार्य मंदिर Shankaracharya Temple
चर्चा का कारण
- हाल ही में वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा से जुड़ी सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार, भगवान शिव की पवित्र गदा (छड़ी मुबारक) को प्राचीन शंकराचार्य मंदिर में लाया गया।
शंकराचार्य मंदिर के बारे में
- इसे बौद्धों द्वारा ज्येष्ठेश्वर मंदिर या पास-पहाड़ के रूप में भी जाना जाता है। फारसी और यहूदी इसे बाग-ए-सुलेमान या गार्डन ऑफ किंग सोलोमन भी कहते हैं। मंदिर के अंदर फारसी शिलालेख भी मिले हैं।
- यह श्रीनगर, कश्मीर में ज़बरवान पर्वत पर शंकराचार्य पहाड़ी (जिसे सोलोमन पहाड़ी भी कहा जाता है) की चोटी पर स्थित है।
- मंदिर को कश्मीर की घाटी का सबसे पुराना मंदिर माना जाता है।
- भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर ज़मीन के स्तर से 1,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित है और यहाँ से श्रीनगर शहर को देखा जा सकता है।
- मंदिर 200 ईसा पूर्व का है, हालाँकि इसकी वर्तमान संरचना संभवतः 9वीं शताब्दी ईस्वी की है।
- आदि शंकराचार्य द्वारा इस मंदिर का भ्रमण किये जाने के बाद से ही उनका नाम इस मंदिर के साथ जुड़ा और इस तरह मंदिर का नाम शंकराचार्य पड़ा।
शंकराचार्य मंदिर की संरचना
- यह प्राचीन मंदिर वास्तुकला की स्वदेशी प्रारंभिक कश्मीरी शैली में बनाया गया है और इसमें उन दिनों प्रचलित तकनीकों को अपनाया गया है।
- प्रारंभिक शिहारा शैली को इस इमारत के डिजाइन में प्रमुख रूप से स्पष्ट है और यह घोड़े की नाल के आर्क प्रकार के पैटर्न का संकेत है।
- यह लगभग तीस फीट ऊँचे अष्टकोणीय आधार/चबूतरे पर निर्मित एक विशाल पत्थर की संरचना है।
- यह चबूतरा एक निम्न ऊँचाई की चहारदीवारी से घिरा हुआ है। मंदिर में एक कक्ष है, जो अंदर से गोलाकार है तथा इसका व्यास तेरह फीट है।
- मंदिर का वर्गाकार भवन तहखाने द्वारा समर्थित है।
हम्पी (Hampi)
चर्चा का कारण
- हाल ही में भारत के उपराष्ट्रपति ने कर्नाटक के विजयनगर ज़िले में स्थित यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल ‘हम्पी’ में विभिन्न स्मारकों का दौरा किया।
हम्पी के बारे में जानकारी
- कर्नाटक के विजयनगर ज़िले में स्थित ‘हम्पी’ में मुख्य रूप से प्रसिद्ध हिंदू साम्राज्य- विजयनगर साम्राज्य (14वीं-16वीं शताब्दी) की राजधानी के अवशेष मौजूद हैं।
- यह मध्य कर्नाटक के बेल्लारी ज़िले में तुंगभद्रा बेसिन में लगभग 4187.24 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।
- ‘हम्पी’ के विशिष्ट व मनमोहक परिदृश्य में मुख्य तौर पर तुंगभद्रा नदी, पहाड़ी शृंखलाएँ और व्यापक भौतिक अवशेषों के साथ खुले मैदान शामिल हैं।
- हम्पी में मंदिरों की एक अनूठी विशेषता स्तंभों वाले मंडपों की कतार से घिरी चौड़ी सड़कें हैं।
- यहाँ के प्रसिद्ध स्थानों में कृष्ण मंदिर परिसर, नरसिंह, गणेश, हेमकुटा मंदिर समूह, अच्युतराय मंदिर परिसर, विट्ठल मंदिर परिसर, पट्टाभिराम मंदिर परिसर, कमल महल परिसर आदि शामिल हैं।
हम्पी का इतिहास
- ‘हम्पी’ 14वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी। हम्पी का पुराना शहर तुंगभद्रा नदी के पास एक समृद्ध और भव्य शहर था, जिसमें कई मंदिर, खेत और व्यापारिक बाज़ार मौजूद थे।
- मध्यकाल में ‘हम्पी’-विजयनगर, बीजिंग के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मध्ययुगीन शहर था और शायद उस समय भारत का सबसे अमीर शहर था, यही कारण है कि फारस व पुर्तगाल के व्यापारी इससे काफी आकर्षित थे।
- विजयनगर साम्राज्य सल्तनत के गठबंधन से हार गया; इसकी राजधानी पर 1565 (तालिकोटा की लड़ाई) में सल्तनत सेनाओं ने विजय प्राप्त कर ली और इसे लूट लिया गया तथा नष्ट कर दिया गया, जिसके बाद ‘हम्पी’ खंडहर बन गया।
विजयनगर साम्राज्य
- विजयनगर या "विजय का शहर" एक शहर और एक साम्राज्य दोनों का नाम था।
- साम्राज्य की स्थापना चौदहवीं शताब्दी (1336 ईस्वी) में संगम वंश के हरिहर और बुक्का ने की थी।
- ‘हम्पी’ को इसकी राजधानी बनाया गया।
- यह उत्तर में कृष्णा नदी से लेकर प्रायद्वीप के दूरतम दक्षिण तक फैला हुआ है।
चागोस द्वीप समूह
चर्चा का कारण
- हाल ही में संयुक्त राष्ट्र (UN) ने चागोस द्वीपसमूह (Chagos Archipelago) पर ब्रिटिश स्टैम्प्स के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है।
चागोस द्वीपसमूह के बारे में जानकारी
- अब यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) ब्रिटेन द्वारा द्वीपसमूह को दिये गए नाम ब्रिटिश हिंद महासागर क्षेत्र (BIOT) शब्दों वाले टिकटों का पंजीकरण, वितरण और प्रसारण बंद कर देगी।
- UPU संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी है और यह अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिये डाक क्षेत्र का प्राथमिक मंच है।
- चागोस द्वीपसमूह, मध्य हिंद महासागर में एक द्वीपसमूह है, जो भारतीय उपमहाद्वीप के दक्षिणी सिरे से लगभग 1,600 किमी. दक्षिण में स्थित है।
चागोस द्वीपसमूह का इतिहास
- 19वीं शताब्दी में चागोस मॉरीशस द्वारा शासित था, जो एक ब्रिटिश उपनिवेश था।
- वर्ष 1968 में मॉरीशस स्वतंत्र हो गया परंतु चागोस द्वीपसमूह ब्रिटिश नियंत्रण में ही रहा। यूनाइटेड किंगडम (UK) सरकार इसे BIOT के रूप में संदर्भित करती है।
- चागोसियों द्वारा इसके विरोध में प्रदर्शन किये गए, साथ ही लंदन के खिलाफ "अवैध कब्ज़ा" करने और उन्हें मातृभूमि से प्रतिबंधित करने का आरोप लगाया।
- मॉरीशस द्वारा इन द्वीपों के लिये 4 मिलियन पाउंड से अधिक की राशि का भुगतान कर स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद भी UK ने चागोस द्वीपसमूह पर कब्ज़ा कर लिया, जिसमें डिएगो गार्सिया (Diego Garcia) का रणनीतिक अमेरिकी एयरबेस शामिल है।
- चागोस द्वीपसमूह में डिएगो गार्सिया द्वीप से लगभग 1,500 मूल द्वीपवासियों को निर्वासित किया गया था ताकि वर्ष 1971 में एयरबेस के लिये इसे अमेरिका को पट्टे पर दिया जा सके।
- वर्ष 1975 के बाद से मॉरीशस ने द्वीपसमूह की सुरक्षित वापसी के लिये एक ठोस कानूनी प्रयास किया है।
हालिया विकास:
- वर्ष 2019 में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने फैसला सुनाया कि ब्रिटेन को द्वीपों पर नियंत्रण छोड़ देना चाहिये।
- बाद में वर्ष 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यह स्वीकार करते हुए एक प्रस्ताव अपनाया कि "चागोस द्वीपसमूह मॉरीशस क्षेत्र का एक अभिन्न अंग है" और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों से "मॉरीशस के विघटन का समर्थन करने" का आग्रह किया।
दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे Darjeeling Himalayan Railways
चर्चा का कारण
- हाल ही में दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (DHR) ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित मुद्रीकरण को लेकर चिंता व्यक्त की है।
दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे का इतिहास
- DHR का निर्माण ब्रिटिश काल में वर्ष 1879 और 1881 के बीच किया गया था।
- यह पश्चिम बंगाल में हिमालय की तलहटी में स्थित है।
- यह पहाड़ी यात्री रेलवे का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण है। इसका डिज़ाइन पहाड़ी इलाके में एक प्रभावी रेल लिंक स्थापित करने की समस्या के लिये साहसिक और सरल इंजीनियरिंग समाधान लागू करता है।
- इसे वर्ष 1999 में यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
- अन्य पर्वतीय रेलवे जिन्हें विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया:
- नीलगिरि पर्वतीय रेलवे, तमिलनाडु (दक्षिण भारत) की नीलगिरि पहाड़ियों में स्थित है (2005)।
- कालका शिमला रेलवे, हिमाचल प्रदेश (उत्तर पश्चिम भारत) (2008) की हिमालय की तलहटी में स्थित है।
महायोगी गुरु गोरक्षनाथ उत्तर प्रदेश राज्य आयुष’ विश्वविद्यालय
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हाल ही में गोरखपुर ज़िले के पिपरी-तरकुलहा गाँव में उत्तर प्रदेश के पहले ‘आयुष विश्वविद्यालय’ की आधारशिला रखी है। इस आयुष विश्वविद्यालय को ‘महायोगी गुरु गोरक्षनाथ उत्तर प्रदेश राज्य आयुष’ विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाएगा।
- राज्य व सरकार ने आयुष विश्वुविद्यालय के निर्माण का काम पूरा करने की समय-सीमा वर्ष 2023 तय की है। 52 एकड़ में फैले इस विश्वाविद्यालय में आयुर्वेद, यूनानी, होम्योअपैथी और योग संबंधी चिकित्साम सुविधाएँ उपलब्धय रहेंगी। इसका बजट 299 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है।
- आयुष के क्षेत्र में अनुसंधान की दृष्टि से यह विश्व विद्यालय काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। राज्य के 98 आयुष कॉलेज इस विश्वमविद्यालय से संबद्ध होंगे। ज्ञात हो कि गोरखपुर में पहले से ही एक मेडिकल कॉलेज मौजूद है और जल्द ही यहाँ एक ‘एम्सय’ का उद्घाटन किया जाएगा।
कोविड-19 के खिलाफ शत-प्रतिशत टीकाकरण वाला देश का पहला शहर भुवनेश्वर
- ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर भारत का ऐसा पहला शहर बन गया है, जिसने कोविड-19 के खिलाफ शत-प्रतिशत टीकाकरण किया है। इसके अतिरिक्त लगभग एक लाख प्रवासी कामगारों को भी राजधानी शहर में कोविड वैक्सीन की पहली खुराक दी गई है।
- भुवनेश्वर नगर निगम ने 31 जुलाई, 2021 तक विशिष्ट समय-सीमा के भीतर टीकाकरण प्रक्रिया को पूरा करने के लिये विभिन्न श्रेणियों के लोगों के लिये मानक निर्धारित किये थे। टीका लगाने वालों में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लगभग 9 लाख लोग शामिल हैं। ओडिशा सरकार ने प्रतिदिन कुल 3.5 लाख लोगों का टीकाकरण करने के लिये ज़िलेवार लक्ष्य निर्धारित किये थे।
माउंट मेरापी इंडोनेशिया
- इंडोनेशिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी ‘माउंट मेरापी’ में हाल ही विस्फोट हो गया। 2,968 मीटर (9,737 फुट) ऊँचा यह ज्वालामुखी इंडोनेशिया की घनी आबादी वाले द्वीप जावा और वहाँ के प्राचीन शहर याग्याकार्टा के पास है।
- माउंट मेरापी इंडोनेशिया में स्थित दर्जनों ज्वालामुखियों में से सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी है और बीते कुछ वर्षों से इसमें लगातार विस्फोट हो रहा है।
- जावा की पुरानी भाषा के तहत ‘मेरापी’ नाम का अर्थ है ‘आग बनाने वाला’, जो कि ज्वालामुखियों का एक लोकप्रिय नाम है। वर्ष 2010 में माउंट मेरापी में हुए बड़े विस्फोट में 347 लोगों की मौत हुई थी।
- इंडोनेशिया 270 मिलियन लोगों की आबादी वाला एक द्वीप समूह है, जिसके ‘रिंग ऑफ फायर’ (Ring of Fire) या ‘सर्कम-पेसिफिक बेल्ट’ (Circum-Pacific Belt) में अवस्थित होने के कारण यहाँ कई सक्रिय ज्वालामुखी पाए जाते हैं और यह क्षेत्र भूकंप प्रवण क्षेत्र के अंतर्गत आता है। ‘रिंग ऑफ फायर’ प्रशांत महासागर के चारों ओर का एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ विवर्तनिक प्लेटें आपस में मिलती हैं।
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