विश्व पर्यटन दिवस 2021 |विश्व पर्यटन दिवस की थीम, विषय की सूची | World Tourism Day 2021 in Hindi
विश्व पर्यटन दिवस का इतिहास
- विश्व पर्यटन दिवस की शुरुआत वर्ष 1980 में संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के द्वारा की गई थी। इस तारीख के चुनाव का मुख्य कारण यह था कि इसी दिन वर्ष 1970 में विश्व पर्यटन संगठन का संविधान स्वीकार किया गया था। इन विधियों को अपनाना वैश्विक पर्यटन में एक मील का पत्थर माना जाता है।
- इस्तांबुल टर्की में अक्टूबर 1997 को बारहवीं UNWTO महासभा ने यह फैसला लिया कि प्रत्येक वर्ष संगठन के किसी एक देश को हम विश्व पर्यटन दिवस मनाने के लिए सहयोगी रख सकते हैं।
- इसी परिकल्पना में विश्व पर्यटन दिवस वर्ष 2006 में यूरोप में 2007 में साउथ एशिया में 2008 में अमेरिका में 2009 में अफ्रीका में तथा 2011 में मध्य पूर्व क्षेत्र यह देशों में मनाया गया। संयुक्त राष्ट्र महासभा हर साल विश्व पर्यटन दिवस की विषय-वस्तु तय करती है।
- इस दिवस की शुरुआत सर्वप्रथम वर्ष 1980 में संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) द्वारा की गई थी, और तब से प्रत्येक वर्ष अलग-अलग देश विश्व पर्यटन दिवस की मेज़बानी करते हैं।
- वर्ष 2021 में विश्व पर्यटन दिवस के लिए थीम समावेशी विकास के लिए पर्यटन Tourism for Inclusive Growth
विश्व पर्यटन दिवस का उद्देश्य:-
- इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य विश्व में इस बात को प्रसारित तथा जागरूकता फैलाने के लिए हैं कि किस प्रकार पर्यटन वैश्विक रुप से, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक तथा आर्थिक मूल्यों को बढ़ाने में तथा आपसी समझ बढ़ाने में सहायता करता है।
- भारत में न केवल गोवा, केरल, राजस्थान, उड़ीसा और मध्यप्रदेश में ही पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, बल्कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पर्यटन को भी अच्छा लाभ पहुँचा है। हिमाचल प्रदेश में पिछले वर्ष 6.5 मिलियन पर्यटक गए थे। यह आंकड़ा राज्य की कुल आबादी के लगभग बराबर बैठता है। इन पर्यटकों में से 2.04 लाख पर्यटक विदेशी थे। आंकड़ों के लिहाज़ से देखें तो प्रदेश ने अपेक्षा से कहीं अधिक सफल प्रदर्शन किया है।
विश्व पर्यटन दिवस के विषय (थीम)
1980 का विषय "सांस्कृतिक विरासत और शांति और आपसी समझ के संरक्षण के लिए पर्यटन का योगदान" था।
1981 का विषय "पर्यटन और जीवन की गुणवत्ता" था।
1982 का विषय "यात्रा में गर्व: अच्छे मेहमान और अच्छे मेजबान” था।
1984 का विषय "अंतरराष्ट्रीय समझ, शांति और सहयोग के लिए पर्यटन" था।
1985 का विषय "युवा पर्यटन: शांति और दोस्ती के लिए सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत" था।
1986 का विषय "पर्यटन: विश्व शांति के लिए एक महत्वपूर्ण शक्ति" था।
1987 का विषय "विकास के लिए पर्यटन" था।
1988 का विषय "पर्यटन: सभी के लिए शिक्षा" था।
1989 का विषय "पर्यटकों का मुक्त आवागमन एक दुनिया बनाता है" था।
1990 का विषय था "पर्यटन: एक अपरिचित उद्योग, एक मुक्त सेवा"।
1991 का विषय "संचार, सूचना और शिक्षा: पर्यटन विकास की शक्ति कारक” था।
1992 का विषय “पर्यटन: एक बढ़ती सामाजिक और आर्थिक एकजुटता का कारक है और लोगों के बीच मुलाकात का" था।
1993 का विषय "पर्यटन विकास और पर्यावरण संरक्षण: एक स्थायी सद्भाव की ओर" था।
1994 का विषय "गुणवत्ता वाले कर्मचारी, गुणवत्ता पर्यटन" था।
1995 का विषय "विश्व व्यापार संगठन: बीस साल से विश्व पर्यटन में सेवारत" था।
1996 का विषय "पर्यटन: सहिष्णुता और शांति का एक कारक" था।
1997 का विषय "पर्यटन: इक्कीसवीं सदी की रोजगार सृजन और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक अग्रणी गतिविधि " था।
1998 का विषय "सार्वजनिक-निजी क्षेत्र भागीदारी: पर्यटन विकास और संवर्धन की कुंजी” था।
1999 का विषय था "पर्यटन: विश्व धरोहर का नयी शताब्दी के लिये संरक्षण"।
2000 का विषय "प्रौद्योगिकी और प्रकृति: इक्कीसवीं सदी के प्रारंभ में पर्यटन के लिए दो चुनौतियॉं" था।
2001 का विषय "पर्यटन: सभ्यताओं के बीच शांति और संवाद के लिए एक उपकरण " था।
2002 का विषय "पर्यावरण पर्यटन सतत विकास के लिए कुंजी" था।
2003 का विषय "पर्यटन: गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन और सामाजिक सद्भाव के लिए एक प्रेरणा शक्ति" था।
2004 का विषय "खेल और पर्यटन: आपसी समझ वालो के लिये दो जीवित बल, संस्कृति और समाज का विकास" था।
2005 का विषय "यात्रा और परिवहन: जूल्स वर्ने की काल्पनिकता से 21 वीं सदी की वास्तविकता तक" था।
2006 का विषय "पर्यटन को समृद्ध बनाना"।
2007 का विषय "पर्यटन महिलाओं के लिए दरवाजे खोलता है" था।
2008 का विषय "जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती का जवाब पर्यटन" था।
2009 का विषय "पर्यटन - विविधता का उत्सव" था।
2010 का विषय "पर्यटन और जैव विविधता” था।
2011 की विषय "पर्यटन संस्कृति को जोड़ता है" था।
2012 का विषय "पर्यटन और ऊर्जावान स्थिरता 'था।
2013 का विषय "पर्यटन और जल: हमारे साझे भविष्य की रक्षा" था।
2014 का विषय "पर्यटन और सामुदायिक विकास” था।
2015 का विषय "लाखों पर्यटक, लाखों अवसर" था।
2016 का विषय "सभी के लिए पर्यटन - विश्वव्यापी पहुंच को बढ़ावा देना" होगा।
वर्ष 2017 में विश्व पर्यटन दिवस के लिए थीम "सतत पर्यटन - विकास के लिए एक उपकरण" था।
वर्ष 2018 में विश्व पर्यटन दिवस के लिए थीम "पर्यटन और सांस्कृतिक संरक्षण" था।
वर्ष 2019 में विश्व पर्यटन दिवस के लिए थीम "टूरिज्म एंड जॉब्स: अ बेटर फ्यूचर फॉर आल" था।
वर्ष 2020 में विश्व पर्यटन दिवस के लिए थीम "पर्यटन और ग्रामीण विकास" था।
वर्ष 2021 में विश्व पर्यटन दिवस के लिए थीम समावेशी विकास के लिए पर्यटन Tourism for Inclusive Growth
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस 25 जनवरी
- 25 जनवरी,को देशभर में ‘राष्ट्रीय पर्यटन दिवस’ (National Tourism Day) मनाया गया।
- यह दिवस पर्यटन और इसके सामाजिक, राजनीतिक, वित्तीय और सांस्कृतिक मूल्य के महत्व पर वैश्विक समुदाय के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है।
- केंद्र सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था के लिए पर्यटन के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘25 जनवरी’ को इस दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
- उल्लेखनीय है कि पर्यटन भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है।
विश्व कृषि-पर्यटन दिवस 16 मई,
16 मई, 2021 को देश भर में 14वें विश्व कृषि-पर्यटन दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
विश्व कृषि-पर्यटन दिवस का लक्ष्य कृषि और पर्यटन क्षेत्र को एकीकृत कर किसानों की आय में बढ़ोतरी करना है।
विश्व कृषि-पर्यटन दिवस 2021 की थीम
- इस वर्ष विश्व कृषि-पर्यटन दिवस की थीम है- ‘कृषि पर्यटन के माध्यम से ग्रामीण महिला सतत् उद्यमिता के अवसर’।
कृषि पर्यटन का आशय
- पर्यटन के उस रूप से है, जिसमें ग्रामीण संस्कृति को पर्यटक आकर्षण के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। यह पारिस्थितिकी पर्यटन के समान ही होता है, यद्यपि इसमें प्राकृतिक परिदृश्य के बजाय सांस्कृतिक परिदृश्य को शामिल किया जाता है।
- विशेषज्ञों की मानें तो कृषि पर्यटन में कृषि आय बढ़ाने और एक गतिशील, विविध ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास को प्रोत्साहित करने की महत्त्वपूर्ण क्षमता है। कई विकसित देशों में कृषि पर्यटन, पर्यटन उद्योग का एक अभिन्न अंग बन गया है।
- इसे कृषि तथा संबद्ध व्यवसाय के मूल्यवर्द्धन के रूप में देखा जा सकता है, जो किसानों और ग्रामीण समुदायों को ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि एवं प्राकृतिक संसाधनों की बहु-क्रियाशील प्रकृति के इष्टतम लाभों का उपयोग करने में सक्षम बनाता है।
- महाराष्ट्र, देश में कृषि पर्यटन को विकसित करने और बढ़ावा देने वाला अग्रणी राज्य है। महाराष्ट्र में वर्ष 2005 में कृषि-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये कृषि पर्यटन विकास निगम (ATDC) का गठन किया गया था।
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