कृषि अर्थशास्त्र का अन्य सामाजिक विज्ञानों के साथ सम्बन्ध |कृषि अर्थशास्त्र का महत्व |Aagricultural economics with other social sciences

कृषि अर्थशास्त्र का अन्य सामाजिक विज्ञानों के साथ सम्बन्ध

कृषि अर्थशास्त्र का अन्य सामाजिक विज्ञानों के साथ सम्बन्ध |कृषि अर्थशास्त्र का  महत्व |Aagricultural economics with other social sciences


 

1. कृषि अर्थशास्त्र तथा इतिहास

  • कई ऐतिहासिक घटनाएं कृषि की दशा को प्रभावित करती है। कृषि व्यवसाय की सफलता तथा कृषि व्यवसाय की असफलता भी कृषि को प्रभावित करती 1789 की फ्रांस क्रान्ति कृषि में लगे हुए गरीब जनता की खराब दशा का परिणाम था । उस समय कृषि एक मुख्य व्यवसाय था। ठीक इसी तरह बहुत से घटनाएं कृषि की अच्छी तथा बुरी दशा का परिणाम थी । आर्थिक इतिहास इतिहास की आर्थिक भाग का हिस्सा है। जैसा की हम इतिहास में राजनैतिकभौगोलिकअर्थशास्त्र इत्यादि घटनाओं के रिकार्ड का अध्ययन करते है। इसलिए अर्थशास्त्र तथा इतिहास का साथ साथ अध्ययन करते है । इंग्लैण्ड में कृषि क्रान्ति ही औद्योगिक क्रान्ति का मुख्य कारण थीइसलिए इतिहास तथा कृषि अर्थशास्त्र का बहुत निकट का सम्बन्ध है . 


2. कृषि अर्थशास्त्र तथा भूगोल

 

  • कृषि अर्थशास्त्र में हम यह अध्ययन करते है कि सीमित साधनों से किस प्रकार अधिकतम उत्पादन प्राप्त करे । कृषि उत्पादन मुख्य रूप से भौगोलिक संसाधनों पर निर्भर करता है। उर्वरा भूमिवेहतर जल संसाधनजंगलखनिज संसाधन इत्यादि अर्थव्यवस्था की उत्पादकता को प्रभावित करते है। यदि हमारे पास अच्छे संसाधन है तो हम अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते है। आस्ट्रेलिया में अच्छी भौगोलिक संसाधन उसकी अर्थव्यवस्था को अनुकूल रूप से प्रभावित करती है। जल संसाधनों का वेहतर प्रयोग अच्छी आर्थिक स्थिति पर निर्भर करती है तथा इनका साथ साथ अध्ययन किया जाता है। आर्थिक भूगोल अर्थशास्त्र विषय का एक भाग है। 


3. कृषि अर्थशास्त्र तथा सांख्यिकीय

 

  • सांख्यिकीय कृषि अर्थशास्त्र के वेहतर अध्ययन में सहायता होता है। विभिन्न कृषि अर्थव्यवस्थाओं का सांख्यिकीय की सहायता से तुलना करना आसान होता है। कृषि उत्पादन कार्यक्षमताकीमत या आय को सांख्यिकीय की सहायता से गणना की जा सकती है। सांख्यिकीय आकड़े किसी क्षेत्र विशेष के पिछडापन को इंगित करते है तथा इन आकड़ो के आधार पर अर्थशास्त्री उस क्षेत्र विशेष की समस्याओं को दूर करने के लिए सुझाव दे सकते है। सांख्यिकीय आकड़े पहले से लागू की गयी योजनाओं का परिणाम जानने के लिए लाभदायक होती है। औसतसह सम्बन्धमाध्यमाध्यिका तथा अन्य सांख्यिकीय उपाय किसी अर्थव्यवस्था की आर्थिक दशा को अच्छे तरीके से समझने में सहायक होता है । इसलिए कृषि अर्थशास्त्र तथा सांख्यिकीय का एक साथ अध्ययन आवश्यक होता है।

 

4. कृषि अर्थशास्त्र तथा समाजशास्त्र

 

  • समाजशास्त्र एक समाज का अध्ययन है। समाज के विभिन्न आयाम जैसे आर्थिकराजनैतिकधार्मिक कानूनी इत्यादि समाजशास्त्र में अध्ययन किये जाते है । अर्थशास्त्र समाजशास्त्र के अध्ययन का एक भाग है । सामाजिक तत्व आर्थिक दशा को प्रभावित करते है। संगठित परिवार तथा जाति पद्धति का टूटना समाजशास्त्र के अध्ययन का विषय हैलेकिन ये तत्व कृषि तथा औद्योगिक उत्पादन को प्रभावित करते हैं तथा ए श्रमिकों की कार्यक्षमता तथा गतिशीलता को भी प्रभावित करते हैं। दूसरी तरफ आर्थिक दशा भी समाज को बहुत अधिक प्रभावित करता है। देश की सम्पन्नता तथा वेहतर आर्थिक दशा कुछ सामाजिक बुराइयों जैसे चोरीडकैती इत्यादि को दूर करने में सहायक होते है। काला बाजारी या स्मगलिंग इत्यादि को असामाजिक बुराईयां माना जाता है। धनी तथा गरीब समाज में सामाजिक पद्धति भिन्न-भिन्न हो सकती है। अतः इन दानों विषयों का साथ-साथ अध्ययन आवश्यक है।

 

5. कृषि अर्थशास्त्र तथा न्यायशास्त्र 

  • न्यायशास्त्र कानूनी प्रणाली का अध्ययन है। विभिन्न कानून तथा उनके प्रयोग का अध्ययन न्यायशास्त्र में किया जाता है। कृषि अर्थशास्त्र की सभी क्रियाओं को न्यायिक सीमा के अन्तर्गत कार्य करना आवश्यक होता है ।

 

  • कानून के विरूद्ध कोई गतिविधि आर्थिक क्रिया नही हो सकती है। विभिन्न कानून अर्थव्यवस्था को अनुकूल रूप से प्रभावित किया है। खेतों की चकबन्दी भी जमीन के प्रयोग के प्रभावित करते है। इसी प्रकार जमीन अधिकार तथा कृषक कानून इत्यादि भी कृषि उत्पादन तथा अर्थव्यवस्था को प्रभावित करते है । किसी देश की बुरी अच्छी आर्थिक स्थिति भी उस देश न्यायिक पद्धति को प्रभावित करती है। किसी देश का कानून उस देश की सम्पन्नता तथा आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है। इसलिए यह आवश्यक हो जाता है कि इन दोनो विषयों का साथ-साथ अध्ययन किया जाय ।

 

कृषि अर्थशास्त्र का  महत्व

 

  • आज कृषि अर्थशास्त्र का विकास होने के साथ-साथ कृषि उत्पादन में नई-नई संभावनाएं पैदा हो गयी है। कृषि अर्थशास्त्र किसानों के लिए इस नये ज्ञान को आसान बनाकर उनमें प्रेरणा का संचार करता है। 


  • कृषि अर्थशास्त्रकृषि अनुसंधान तथा तकनीकि विकास को प्रोत्साहन देता है। अन्तर्राष्ट्रीय ब्यापार में कृषि का महत्वपूर्ण स्थान हो जाने के कारण कृषि उत्पादों का ब्यवस्थित ढंग से उत्पादन और वितरण करने के उद्देश्य से आजकल भिन्न राष्ट्रो के बीच सहयोग में वृद्धि हो रही है । अतः कृषि अर्थशास्त्र अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के समझौते करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

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