समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के मार्ग में बाधाऐं |Barriers to Integrated Rural Development Programs
समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के मार्ग में बाधाऐं
अन्य विकास कार्यक्रमों की तरह समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम के मार्ग में भी अनेक बाधाऐं आई हैं, जिनमें से प्रमुख इस प्रकार हैं-
(1) परिवारों के चयन में कठिनाई-
- निर्धनता रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों का चयन करना एक कठिन कार्य है। इसमें पक्षपात के कारण वास्तव में निर्धन व्यक्तियों को इनका कई बार लाभ नहीं मिल पाता है।
(2) कार्यक्रम के प्रति जानकारी का अभाव-
- जिन लोगों के लिए कार्यक्रम चलाया गया है उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं है। जानकारी के अभाव में वे इसका पूरा लाभ नहीं उठा पाते हैं।
( 3 ) शिक्षा का अभाव -
- क्षिा के अभाव के कारण ग्रामीण लोग इन कार्यक्रमों को ठीक प्रकार से नहीं समझते हैं। इसलिये वे इसमें विशेष सहयोग भी नहीं दे पाते हैं।
(4) सरकारी सहायता का दुरूपयोग-
- सार्वजनिक जीवन में फैले हुये भ्रष्टाचार के कारण सरकारी सहायता का दुरूपयोग होता है। एक तो सहायता ही बहुत कम मिलती है और दूसरे भ्रष्टाचार के कारण लाभार्थियों को काफी खर्चा करके सुविधाएं प्राप्त होती हैं।
(5) व्यवसाय सम्बन्धी व्यावसायिक ज्ञान का अभाव -
- लाभार्थियों में व्यवसाय सम्बन्धी ज्ञान नहीं होता। उनमें व्यावहारिक ज्ञान का भी अभाव पाया जाता है। इसके कारण वे ऋण लेने के बावजूद अपने पैरों पर खड़े नहीं हो पाते। अतः वे सुविधाओं का पर्याप्त लाभ नहीं उठा पाते।
(6) अल्प कालीन सरकारें-
- राज्यों में अल्पकालीन सरकार होने के कारण भी विकास कार्य व्यवस्थित रूप से न तो कार्यान्वित हो पाते हैं और न ही सरकारें इनमें रूचि लेती हैं। सरकार का सारा समय अपनी सत्ता को बचाने में ही व्यतीत हो जाता है.
(7) मूल्यांकन का अभाव -
- सामान्यतः बड़े अधिकारी गांव के किसी एक स्थान पर बैठकर सम्पूर्ण कार्यक्रम का मूल्यांकन करते हैं। इससे वास्तविक प्रगति की जानकारी नहीं हो पाती।
(8) निष्ठा का अभाव
- ग्रामीण समाज का विकास व उन्नति इस बात पर बहुत कुछ निर्भर है कि देश। के निवासियों की निष्ठा व भावना कैसी है। देश और ग्रामीण समाज का विकास सामूहिक निष्ठा भावना पर आधारित है।
Post a Comment